Bihar Board 10th Hindi Subjective Question | Class 10th Hindi Chapter 10 Subjective

Bihar Board 10th Hindi Subjective 2022 :-  दोस्तों यदि आप लोग इस बार Matric Exam 2022 Hindi Subjective की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको Class 10th Hindi Chapter 10 Ka Subjective दिया गया है जो आने वाले 10th Exam 2022 Hindi Subjective Question के लिए काफी महत्वपूर्ण है | Class 10th English Objective 


1. मछली और दीदी में क्या समानता दिखलाई पड़ी? स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ मछली और दीदी में बहुत सारी समानताएँ हैं। मछली जल में रहती है, दीदी घर में। मछली झोले में तड़पती है, दीदी घर में छटपटाती है। मछली पानी से निकलने पर पिटती है और दीदी घर में पिता से पिटती है। न मछली अपनी व्यथा व्यक्त कर पाती है और न दीदी।


2. दीदी का चरित्र चित्रण करें।

उत्तर ⇒ संतू और नरेन की दीदी पिता की पहली संतान है। वह देखने में सुन्दर है और अपने भाइयों से खूब स्नेह रखती है। उनके भींगने पर नाराजगी तो जाहिर करती है, उनके भींगे कपड़े बदलती है, बाल सँवारती है। घर में पड़े रहना उसे अच्छा नहीं लगता। किन्तु पिता हैं कि बेटा-बेटी में फर्क करते हैं और अपनी बेटी अर्थात् संतू और नरेन की दीदी को मारते-पिटते हैं। वह मन मसोस कर सिसक-सिसक कर अपना जीवन व्यतीत करती है।


3. मछली को छूते हुए संतु क्यों हिचक रहा था?

उत्तर ⇒ संतु अभी अबोध है। उसे नहीं मालूम कि मछलियाँ काटती नहीं हैं। इसलिए वह मछलियों को छूने से हिचक रहा है। बड़े भाई के समझाने पर वह एकबार छूता है, लेकिन झट से अपनी ऊँगली हटा लेता है। उसके मन का डर अभी भी बना हुआ है।


4. संतू मछली लेकर क्यों भागा?

उत्तर ⇒ संतू मछली लेकर भागा क्योंकि वह नहीं चाहता था मछलियाँ काटी जाएँ। भग्गू उन्हें पटक-पटक कर मार देता और फिर काटता। संतू  इसलिए एक मछली गमछे में लपेटकर भाग गया। संतू मछली को बचाना चाहता था।


5. मछलियों को लेकर बच्चों की क्या अभिलाषा थी?

उत्तर ⇒ बच्चे चाहते थे कि एक मछली पालें और जब-तब उससे खेलें।

Bihar Board 10th Exam Hindi Subjective 2022


⇒ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ⇐


1. मछली कहानी का सारांश प्रस्तुत करें। या, अपने पाठ्य पुस्तक की उस कहानी का सारांश लिखें जिसमें शहर के निम्न मध्वर्गीय परिवार का घरेलू वातावरण, जीवन-यथार्थ और लिंग-भेद की समस्या का मार्मिक स्पर्श है।

उत्तर ⇒ बूंदा-बूंदी शुरू होते ही दोनों भाई दौड़ते हुए गली में घुस गए इसलिए कि मछलियाँ पानी बिना झोले में ही मर न जाएँ। भाइयों की इच्छा थी कि एक मछली पिताजी से माँग कर, कुएँ में डाल, बड़ा करेंगे।

संतू ठंड से काँपने लगा था। दोनों ने नहानघर में घुस अपनी-अपनी निचोड़ी। संतू मछली छूने से डर रहा था। नरेन मछली की आँखों में अपनी छाया देखना चाहता था। दीदी ने कहा था कि मरी मछली की आँख में अपनी परछाई नहीं दिखती । संतू से न बना तो नरेन ने खुद देखा किन्तु पता ही नहीं चला कि अपनी परछाईं थी या मछली की आँखों का रंग।

पता चला कि दीदी सो रही है। माँ उधर मसाला पीस रही थी। भाइयों का मन छोटा हो गया आज ही बनेंगी। इतने में भग्गू आया और मछलियाँ ले गया। मछली पालने का उत्साह ठंडा पड़ गया। दोनों कमरे में गए-दीदी लेटी हुई थी। गीले कपड़ों में देख नाराज हुई। संतू को अच्छे-अच्छे कपड़े पहनाए, नरेन को भी धुले कपड़े पहनने को कहा। दीदी ने ही संतू के बाल पोंछे-झाड़े।

भग्गू मछलियाँ काटने में लगा कि संतू एक मछली लेकर भागा। भग्गू दौड़ा। नरेन कमरे में गया-दीदी सिसक-सिसक कर रो रही थी, शरीर सिहर रहा था। उधर भग्गू संतू से मछली छीनने में लगा था और इधर घर में पिताजी जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। दीदी सिसक रही थी। शायद पिताजी ने दीदी को मारा था।

पिताजी नरेन को घर में आने से रोकने को भग्गू से कह रहे थे। संतू सहमा खड़ा था। दीदी के संवरे बाल बिखर गए थे। नरेन नहान-घर में गया। बाल्टी उलट दी। उसे लगा कि पूरे घर में मछली की गंध आ रही है।


2. नहानघर की नाली क्षणभर के लिए पूरी भर गई, फिर बिल्कुल खाली हो गई—सप्रसंग व्याख्या करें।

उत्तर ⇒ प्रस्तुत पंक्ति विनोद कुमार शुक्ल की सामाजिक कहानी ‘मछली’ उद्धृत है। प्रसंग है पिताजी का दीदी को मारना और चिल्लाना। दीदी की सिसकी और पिताजी की चीख सुनकर संतू सहम गया और नरेन नहानघर में चला गया। भय उत्तेजना तथा क्रोध से उसने नहान घर की बाल्टी उलट दी, बाल्टी खाली हो गई और मछली की गंध घर में भर गई। लेखक का तात्पर्य है यह बताना कि जिस समाज में बच्चे-बच्चियों में भेद किया जाता है वह समाज सड़ जाता है, उससे दुर्गन्ध आती है।


3. ‘मछली’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ सार्थक शीर्षक की कसौटी है उसका स्पष्ट, संक्षिप्त, आकर्षक और कथा के मूलभाव का संवाहक होना। इस दृष्टि से देखने पर हम पाते हैं कि कथा मछली और मछली-जैसी दीदी के इर्द-गिर्द घूमती है। साथ ही, यह संक्षिप्त भी है एवं आकर्षक भी है क्योंकि इसे पढ़ने के बाद मूल कथा को जानने की इच्छा होती है। जहाँ तक स्पष्टता की बात है इससे स्पष्ट शीर्षक क्या होगा? कहने का तात्पर्य यह कि ‘मछली’ शीर्षक सार्थक है।


4. बरसते पानी में खड़े होकर झोले का मुँह आकाश की तरफ फैलाकर मैंने खोल दिया ताकि आकाश का पानी झोले के अन्दर पड़ी मछलियों पर पड़े सप्रसंग व्याख्या करें।

उत्तर ⇒  प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘गोधूलि’ भाग-2 में संकलित विनोद कुमार शुक्ल की कहानी ‘मछली’ से उद्धृत है। इस पंक्ति में कहानीकार ने बाल-सुलभ धारणाओं का उल्लेख किया है। संतू और नरेन मछलियाँ लेकर घर जा रहे थे कि बूंदा-बूंदी होने लगी। वे खड़े हो गए और आकाश की तरफ झोले का मुँह खोल दिया ताकि पानी मछलियों को मिले और वे मरें नहीं। पानी के बिना मछलियाँ जीवित नहीं रहतीं किन्तु नदी के जल और वर्षा की बूंदों में अन्तर होता है। बच्चे इस बात को नहीं समझ पाते। इसी भावना की अभिव्यक्ति इस पंक्ति में है।

Bihar Board 10th Hindi Subjective Question 2022


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हिंदी गोधूलि भाग 2 – OBJECTIVE 
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