Inter Exam 2025 Physics Subjective Questions Answer | Bihar Board Inter Exam 2025 Physics Short Question

Inter Exam 2025 Physics Subjective Questions Answer :- दोस्तों यदि आप Class 12th Physics Important Question 2025   की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th Physics Ka Question 2025  दिया गया है जो आपके Inter Exam Physics Questions Answer In Hindi pdf के लिए काफी महत्वपूर्ण है | Class 12th HindiBihar Board Inter Exam 2025 Physics Short Question 


Inter Exam Physics Questions Answer 2025 

1. किसी p-n संधि का पूर्ण-तरंग-दिष्टकारी के रूप में वर्णन हेतु परिपथ चित्र खीचें

उत्तर


2. नैज अर्धचालक एवं अपद्रव्यी अर्धचालक में अंतर लिखें ।

उत्तर नैज अर्धचालक – शुद्ध अर्धचालक को ही नैज अर्धचालक कहा जाता है। इन्हें तात्विक अर्धचालक भी कहा जाता है । अपद्रव्यी अर्धचालक – जब शुद्ध अर्धचालक में थोड़ा सा अपद्रव्य मिला दिया जाए तो इसकी चालकता बहुत अधिक बढ़ जाती है। इस प्रकार के अर्धचालक को अपद्रव्यी अर्धचालक कहा जाता है।


3. n-type तथा p-type अर्धचालक से क्या समझते हैं ?

उत्तर n. type अर्धचालक – वैसे अर्धचालक जिसकी चालकता -वैसे मुख्यतः इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता के कारण होती है, उसे n-type  अर्धचालक कहा जाता है।

p- type अर्धचालक – वैसे अर्धचालक जिसकी चालकता मुख्यतः छिद्रों (Holes) की गतिशीलता के कारण होती है, उसे P-type अर्धचालक कहा जाता है।


4. प्रकाश उत्सर्जक डायोड क्या है ? इसके उपयोगों को लिखे।

उत्तर प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) (Light Emitting Diode) -उत्सर्जक डायोड एक P-N Junction डायोड है जो किसी अर्धचालक जैसे गैलियम आर्सेनाइड इंडियन फॉस्फाइड से बना होता है।

उपयोग :

1. इसका उपयोग तापदीप्त बल्बों में किया जाता है क्योंकि इसमें ऊर्जा की खपत कम होती है एवं इसकी आयु अधिक होती है।

2. इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों जैसे music system, calculator में भी इसका उपयोग होता है।


5. ट्रांजिस्टर धाराएँ एवं इनके c तथा B पैरामीटर में संबंध स्थापित करें

उत्तर यदि PNP ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक, वेस तथा ग्राहक धाराएँ क्रमशः IE IB तथा IC हो, तो

                              I+ IB = I                          ……………..(1)

α-पैरामीटर – ट्रांजिस्टर की निर्गत धारा (IC) तथा निवेशी धारा ( I) के अनुपात में ट्रांजिस्टर की धारा लब्धि परिभाषित होती है इसे α द्वारा सूचित किया जाता है।

∴                  α = IC /IE                                           ……………..(2)

β-पैरामीटर – ग्राहक धारा (IC) तथा बेस धारा (IB ) के अनुपात β -पैरामीटर परिभाषित होता है। से

β = IC /I                           …………….(3)

समी. (1) से,

IE /IC  =  IB/I+ 1

⇒              1/α 1/β + 1    ⇒ β = α/1-a                           ……………(4)

⇒                   α = β/β+1                         ……………(5)

समी. (4) या (5) आवश्यक संबंध है।

Note: α का मान 1 से कम होता है।

          β का मान 1 से अधिक होता है।

Bihar Board Inter Exam 2025 Physics Short Question


6. दाशमिक पद्धति एवं द्विआधारी पद्धति में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर दाशमिक पद्धति- दाशमिक पद्धति (Decimal system) में दस अंकों का प्रयोग किया जाता है। ये हैं-0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 एवं 9. अतः इस पद्धति का आधार 10 होता है।

द्विआधारी पद्धति – द्विआधारी पद्धति में (Binary System) दो अंक प्रयोग में लाए जाते हैं। ये हैं-0 तथा 2.

चूंकि इस पद्धति में दो अंक प्रयोग में लाए जाते हैं अतः इस परि का आधार 2 होता है। जैसे—

(1101)2 (110111)2 , इत्यादि


7. जेनर डायोड क्या है ?

उत्तर जेनर डायोड विशेष रूप से निर्मित ऐसे P-N संधि जो बिना खराब हुए उत्क्रम भंजक वोल्टेज पर निरंतर कार्य कर सके। इसके संकेत को चित्र में दिखाया गया है। जेनर डायोड का उपयोग दिष्ट वोल्टता नियंत्रक के रूप में होता है।


8. 25 का द्विआधारी तुल्यांक बतायें।

अतः (25)10 = (11001)2, Ans.


9. ऐनालॉग और डिजिटल संकेत से क्या समझते हैं ?

उत्तर   ऐनालॉग संकेत – एक लगातार बदलने वाले संकेत को ऐना लॉग संकेत कहा जाता है। जैसे प्रत्यावर्ती धारा एक ऐनालॉग संकेत है।

डिजिटल संकेत—ऐसा संकेत जिसके दो या दो के गुणज के अंसतत मान ही संभव हो, डिजिटल संकेत कहा जाता है। जैसे वर्ग तरंग एक डिजिटल संकेत है।


10. एकीकृत परिपथ क्या है ?

उत्तर एक छोटे ब्लॉक या चिप के ऊपर बना संपूर्ण परिपथ, जिसमें आवश्यक अक्रिय घटक जैसे R, C इत्यादि तथा सक्रिय युक्तियाँ जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर आदि हो, एकीकृत परिपथ कहलाता है। इसका उपयोग कंप्यूटर, टेलीविजन, इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों आदि में किया। जाता है


11. उभयनिष्ठ उत्सर्जक प्रवर्धक का परिपथ आरेख खींचें।

उत्तर चित्र में उभयनिष्ठ उत्सर्जक प्रवर्धक का परिपथ आरोप दिखाया गया है ।


12. डोपिंग (Doping) क्या है ?

उत्तर डोपिंग (Doping)–शुद्ध अर्धचालक को अशुद्ध बनाने की क्रिया को डोपिंग कहा जाता है। शुद्ध अर्धचालक में अशुद्धि मिलाया जाता है, जिसके कारण वह अशुद्ध हो जाता है। मिलाए गए अशुद्धि को अपद्रव्य एवं इस किया को डोपिंग कहा जाता है।


13. दिए गए गेट को पहचाने तथा इसका टूथ टेवल लिखें।

उत्तर  यह गेट NOT gate है।

इसका टूथ टेबल


14. ऊर्जा पट्टी से क्या समझते हैं ?

उत्तर ऊर्जा पट्टी- क्वांटम सिद्धांत के अनुसार विद्युत क्षेत्रों द्वारा प्रभावित करनेवाले परमाणुओं में कक्षीय इलेक्ट्रॉनों के लिए काफी अधिक ऊर्जा तल उपलब्ध होते हैं। इस प्रकार से परस्पर प्रभावित परमाणुओं में एक-दूसरे के बहुत समीप वाले ऊर्जा तलों का समूह प्राप्त होता है, जिसे ऊर्जा पट्टी कहा जाता है।


15. ट्रांजिस्टर क्या है ?

उत्तर जंक्सन ट्रांजिस्टर एक प्रकार का अर्धचालक साधन है। इसका उपयोग एक प्रवर्धक या दोलित्र की तरह किया जा सकता है। इसके दो प्रकार है:

(i) NPN-ट्रांजिस्टर

(ii) PNP ट्रांजिस्टर ।


16. OR gate क्या है ? इसके संकेत एवं टू टेबल दें।

उत्तर OR gate- यदि एक भी Input की उपस्थिति पर Output उपस्थित हो, तो इसे OR operation कहा जाता है एवं इसके अनुसार कार्य करने वाला परिपथ OR gate कहलाता है। इसका संकेत तथा टूथ टेबल इस प्रकार है

संकेत :

टूथ टेबल :


17. ट्रॉजिस्टर को दिष्टकारी के रूप में उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ?

उत्तर यदि ट्रांजिस्टर को दिष्टकारी के रूप में काम लिया जाए तो आधार उत्सर्जक या आधार संग्राहक को डायोड की तरह काम में लिया जायेगा। दोनो डायोड एक समान कार्य करे इसके लिए आधार और उत्सर्जक अथवा आधार एवं संग्राहक में आवेश धनत्व समान होना चाहिए। चूँकि आधार क्षेत्र तुलनात्मक रूप से कम प्रेषित किया जाता इसलिए ट्रांजिस्टर दिष्टकारी की तरह कार्य नहीं कर सकता है।


Inter Exam 2025 Physics VVI Subjective Question

18. डायोड का वोल्टोज-धारा अभिलाक्षणिक वक्र खीचे और उसका मुख्य विन्दु का वर्णन करें।

उत्तर

वक्र में OA भाग आकाशीय आवेश सीमित क्षेत्र कहलाता है। वक्र में AB भाग संतृप्त सीमित क्षेत्र या ताप सीमित क्षेत्र कहा जाता है।


19. AND gate की सत्यता सारणी एवं बूलियन व्यंजक लिखें।

उत्तर —AND gate का दूलियन व्यंजक

Y = A•B

जहाँ Y = out put

A तथा B = Inputs

सत्यता सारणी :


20. ट्रांजिस्टर का निवेशी प्रतिरोध निम्न तथा निर्गत प्रतिरोध उच्च होता है, क्यों ?

उत्तर -ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक आधार संधि अम अभिनति में होती है। इससे उत्सर्जक वोल्टेज में अल्प परिवर्तन करने में उत्सर्जक धारा में बहुत परिवर्तन आ जाता है। अतः ट्रांजिस्टर का निवेशी प्रतिरोध निम्न होता है।

इसके विपरित संग्राही आधार संधि को पश्च अभिनति में रखते है। इससे संग्राही वोल्टेज में बहुत अधिक परिवर्तन करने से भी संग्राही धारा में अल्प परिवर्तन होता है। अतः ट्रांजिस्टर का निर्गत प्रतिरोध उच्च होता है।


21. उच्चायी ट्रांसफॉर्मर तथा प्रवर्धक में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर उच्चायी ट्रांसफॉर्मर प्रत्यावर्ती विभव को बढ़ाता है जिससे प्रत्यावर्ती धारा घटती है लेकिन शक्ति अपरिवर्तित रहती है। जबकि प्रवर्धक प्रत्यावर्ती विभव तथा धारा दोनों बढ़ाता है अर्थात् इसमें शक्ति प्रवर्धन होता है।


22. अर्धचालक से क्या समझते हैं ?

उत्तर कुछ पदार्थ ऐसे पाए जाते है जिनकी प्रतिरोधकता चालक और अचालक पदार्थों की प्रतिरोधकता के बीच होती है एवं तापमान के बढ़ने पर इनकी प्रतिरोधकता घटती हुई पाई जाती है। ऐसे विशेष पदार्थों को अर्धचालक कहा जाता है। उदाहरण सिलिकन, जर्मेनियम, सेलीनियम इत्यादि ।


23. ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ वेस विन्यास को चित्र द्वारा प्रदर्शित करें।

उत्तर :


24. P-N-P एवं N-P-N ट्रांजिस्टर का संकेत दें।

उत्तर


25. ‘NAND’ gate का यूलियन व्यंजक, संकेत एवं सत्यता सारणी बतायें। अथवा, NAND द्वारक को समझावें ।

उत्तर NAND’ gate – जब AND gate एवं NOT gate श्रेणीबद्ध किया जाता है तो NAND gate प्राप्त होता है। NAND gate का बूलियन व्यंजक :

Y = A.B

जहाँ                Y = out put

                      A और B = Input

NAND gate का संकेत :

सत्यता सारणी (Truth Table) :


26. सौर सेल को समझावें ।

उत्तर सौर सेल एक P-N संधि डायोड है जो सौर ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। यह यंत्र प्रकाश विद्युत प्रभाव के सिद्धांत पर आधारित है।

Inter Exam 2025 Physics Subjective


Class 12th – Physics Objective 
 1विद्युत क्षेत्र तथा विद्युत आवेशClick Here
 2विद्युत विभव एवं धारिताClick Here
 3विद्युत धारा एवं परिपथClick Here
 4विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभावClick Here
 5चुंबकत्वClick Here
 6विद्युत चुंबकीय प्रेरणClick Here
 7प्रत्यावर्ती धाराClick Here
 8विद्युत चुंबकीय तरंगेClick Here
 9किरण प्रकाशिकीClick Here
 10तरंग प्रकाशिकीClick Here
 11प्रकाश विद्युत प्रभावClick Here
 12परमाणु एवं नाभिकClick Here
 13अर्द्ध – चालक युक्तियां : लॉजिक गेटClick Here
 14संचार तंत्रClick Here

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