Physics Subjective Question 12th Class | Bihar Board 12th Physics Short Question

Physics Subjective Question 12th Class :-  दोस्तों यदि आप Physics Questions for 12th pdf in Hindi की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको Inter Exam Physics Subjective Question 2025 दिया गया है जो आपके Class 12th Physics Question In Hindi के लिए काफी महत्वपूर्ण है | Bihar Board 12th Physics Short Question 2025  | Class 12th Hindi 


Physics Subjective Question 2025 12th Class

1. उन दो कारकों के नाम लिखें जिनसे TV टॉवर द्वारा प्रेषित सिग्नल का परास बढ़ाया जा सकता है।

उत्तर इसे निम्न प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है:

I. टॉवर की ऊँचाई बढ़ाकर ।

II. प्राप्ति ऐंटीना की ऊँचाई बढ़ाकर जिससे यह प्रसारण ऐंटीना से आते हुए सिग्नल को सीधा अवरुद्ध कर सके।


2. मोडेम (Modem) की परिभाषा दें।

उत्तर मोडेम मोडेम वह युक्ति है जो मॉडुलन और दोनों कार्य करती है। यह संचरण पद्धति में मॉडुलन करती है और जबकि प्राप्ति पद्धति में डिमॉडुलन करती है।


3. संचार प्रणाली में उपयुक्त विभिन्न प्रसारण माध्यमों के बताइए

उत्तर विभिन्न प्रसारण माध्यम निम्नलिखित है

(i) समाक्षीय केवल, (ii) रेडियो सम्पर्क, (iii) फाइबर सम्पर्क, (iv) समानांतर तार सम्पर्क ।


4. पृथ्वी के वायुमंडल की वैद्युत चालकता ऊँचाई बढ़ने के साथ क्यों बढ़ जाती है ?

उत्तर हम जानते हैं कि ऊँचाई बढ़ने के साथ वायुमंडलीय दाब कम हो जाता है। उच्च ऊर्जा कण पृथ्वी के वायुमंडल में उपस्थित गैसों के अणुओं को आयनीकृत कर देती है। जैसे-जैसे यह पृथ्वी के पृष्ठ की ओर बढ़ती है, गैस परमाणुओं की टक्कर की संख्या में वृद्धि के कारण उनकी आयन शक्ति तेजी से घट जाती है।


5. सक्रिय उपग्रह क्या है ?

उत्तर यह वह प्रक्रिया है जो पृथ्वी पर स्थित दूरस्थ विभिन्न टी. वी., रेडियो और इंटरनेट स्टेशनों के बीच संचार सूत्र दे सकता है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण युक्त एक भू-स्थिर उपग्रह जो संकेतों को प्राप्त कर आवर्धित करके पुनः पृथ्वी पर संचरित कर देता है। यह एक संचार उपग्रह के तरह प्रयोग किया जाता है।


6. नोट लिखें :

(a) www (b) FAX (c) Chat (d) E-Commerce (ई-कॉमर्स)

उत्तर (a) www – यह वर्ल्ड वाइड वेब का छोटा रूप है। ऐसे कम्प्यूटर जो दूसरे से बाँटने के लिए अपने भीतर कुछ विशिष्ट सूचना संग्रहित करते हैं या स्वयं ही अथवा वेब सेवा प्रदान करने वालों के द्वारा कोई वेबसाइट प्रदान करते हैं।

(b) FAX – अंकीय संचार तंत्र द्वारा किसी प्रलेख अथवा चित्र का किसी दूरस्थ स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक पुनरूत्पादन ‘प्रतिचित्रण टेलीग्राफी (Fascimile telegraphy) अथवा फैक्स (FAX)’ कहलाता है।

(c) Chat — समान रूचि के व्यक्तियों द्वारा टाइप किए हुए संदेशों द्वारा बातचीत को चैट (Chat) करना कहते हैं।

(d) ई-कॉमर्स – इलेक्ट्रॉनिक साधनों से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके इंटरनेट के उपयोग द्वारा व्यापार को प्रोन्नत करना, ई-कॉमर्स कहलाता है।


7. संचार प्रसारण कितने ढंग से होता है?

उत्तर संचार प्रसारण निम्नलिखित दो ढंग से होता है :

(i) बिंदु से बिंदु तक संचार बिंदु से बिंदु तक संचार में एकल प्रेषित तथा एक अभिग्राही के बीच के संयोजन से होकर संचार होता है। टेलीफोन व्यवस्था इस विधि के संचार का एक उदाहरण है।

(ii) प्रसारण – प्रसारण विधि में किसी एकल प्रेषित्र के बहुत से अभिग्राही होते हैं। प्रसारण विधि द्वारा संचार के उदाहरण रेडिये और टेलीविजन हैं।


8. सिग्नलों के बैंड चौड़ाई से क्या समझते हैं ?

उत्तर सिग्नलों के बैंड चौड़ाई- किसी संचार व्यवस्था में संदेश सिग्नलों के आवृत्ति परास भिन्न-भिन्न होते हैं, जिसे एक स्थान में दूसरे स्थान तक हम संचारित करते हैं। संवाद का प्रारूप आवाज, संगीत, फाटो आदि के रूप में होता है। इनको संचारित करने के लिए हमें विशेष आवृत्ति के बैंड की आवश्यकता पड़ती है। आवाज संकेत की आवृत्ति 300 Hz से 3100 Hz है। अतः आवाज संकेत की बैंड चौड़ाई = (3100-300 Hz = 2800 Hz होगा। दृश्यों के प्रसारण के लिए वीडियो सिग्नलों को 4.2 MHz बैंड चौड़ाई तथा TV Signal के लिए 6 MHz बैंड चौड़ाई की आवश्यकता होती है।


9. प्रसारण के क्षेत्र और ट्रांसमीटर ऐंटिना के ऊँचाई के बीच संबंध स्थापित करें। अथवा, प्रेषी ऐन्टिना की ऊँचाई के लिए व्यंजक प्राप्त करें।

उत्तर माना कि पृथ्वी की सतह पर AB एक ऐटिना है, जिसकी ऊँचाई है। पृथ्वी की त्रिज्या R तथा इसका केन्द्र 0 है। ऐटिना से प्रेषित संकेत पृथ्वी के सतह पर AD= AC त्रिज्या के वृत्तखंड के अन्दर प्राप्त होगा। यह क्षेत्र पृथ्वी के वक्रता के कारण सीमित होगी। पुनः माना कि पृथ्वी की त्रिज्या = R और AD = AC = d

अब ΔADO में,

(OA)2 = (OD)2 + (AD)2

(R+h)2 = R2 + d2

R2 + h2 + 2Rh = R2 + d2 ⇒ d2 = 2Rh + h2

R>> अतः 2Rh की तुलना में h2 को छोड़ने पर,

                  d2 = 2Rh

⇒              d2 = √2Rh

⇒               h = d2/2R

(ii) समी. (ii) की मदद से ऐंटिना की ऊँचाई ज्ञात किया जाता है।

Note : T.V. संकेत द्वारा घेरा गया क्षेत्रफल = πd2 = π x 2Rh

Physics Questions for 12th pdf in Hindi


10. आयाम मॉड्यूलेशन गुणांक को परिभाषित करें।

उत्तर मॉड्यूलक तरंग के आयाम तथा वाहक तरंग के आयाम के अनुपात को मॉड्यूलन गुणांक कहा जाता है यह उस सीमा को प्रदर्शित करता है जहाँ तक वाहक तरंग का आयाम सूचना सिग्नल द्वारा परावर्तित होता है।


11. सिग्नलों के प्रभावी संचरण के लिए उच्च आवृत्ति वाली वाहक तरंगों की आवश्यकता क्यों होती है ?

उत्तर इसके निम्नलिखित कारण हैं

(i) प्रेषी एण्टीना की लम्बाई को व्यावहारिक लम्बाई से कम करने के लिए।

(ii) विकिरण शक्ति बढ़ाने के लिए।

(iii) चौड़े बैंड सिग्नल को संकीर्ण बैण्ड सिग्नल में परिवर्तित करने के लिए ।


12. मॉडुलन को परिभाषित करें एवं इसके विभिन्न प्रकार को लिखें।

उत्तर मॉडुलन मॉडुलन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा उच्च आवृत्ति की वाहक तरंगों के किसी अभिलक्षण अथवा गुण को निम्न आवृत्ति की श्रव्यतरंगों के तत्क्षणिक मान के अनुरूप बदला जाता है।

मॉडुलन की प्रक्रिया में मॉडुलन तरंग के तत्कालिक मान के संगत वाहक तरंग के अभिलक्षण अर्थात् आयाम आवृत्ति अथवा कला में परिवर्तन के आधार पर माडूलन के निम्नलिखित तीन प्रकार होते हैं

(i) आयाम मॉडुलन (Amplitude Modulation)

(ii) आवृत्ति मॉडुलन (Frequency Modulation)

(iii) कला मॉडुलन (Fuse Modulation)


13. आयन मंडल क्या है ?

उत्तर आयन मंडल – पृथ्वी के वायुमंडल का वह भाग जिससे सूर्य के तीव्र विकिरण के कारण गैसों का आयनीकरण हो जाता है, आयनमंडल कहलाता है। पृथ्वी तल से 80 किमी से 400 किमी तक के भाग को आयनमंडल कहते है।


14. निम्नलिखित की व्याख्या करें:

(a) भू-तरंगें (b) व्योम तरंगें (c) आकाशीय तरंगें

उत्तर (a) भू-तरंगें- ट्रांसमीटर के ऐंटेना से रिसीवर के ऐंटेना तक पृथ्वी की साथ संचरित विद्युत चुम्बकीय तरंगों को भू-तरंग या पृष्ठ तरंग कहते हैं। लम्बी दूरी तक भू-तरंगों द्वारा संचार 1500 kHz तक की तरंगों के लिए ही संभव है।

(b) व्योम तरंगें – अति उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगों को अंतरिक्ष तरंग या व्योम तरंग कहा जाता है। ये तरंगे ट्रांसमीटर से रिसीवर ऐंटेना तक सरल रैखिक पथ पर सीधी पहुँचती है। 40MHz से अधिक आवृत्ति की तरंगों का संचार केवल दिष्ट पथ तक ही सीमित रहता है। 1 टेलीविजन प्रसारण, माइक्रोवेव सम्पर्क तथा उपग्रह संचार में इस तरंग का उपयोग होता है।

(c) आकाशीय तरंगें- जो तरंगे ट्रांसमीटर ऐटिना से निकलकर पृथ्वी के आयनमंडल से परावर्तित होकर रिसीवर के ऐंटिना तक पहुँचती है, आकाश तरंगें कहा जाता है।

आकाश तरंग संचरण का उपयोग 1500 kHz से अधिक आवृत्ति की के तरंगों के लिए किया जाता है।


15. संचार क्या है एवं संचार व्यवस्था के आवश्यक तत्व कौन-कौन है ?

उत्तर संचार (Communication)- सूचना या संकेत या सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने की प्रक्रिया को संचार कहा जाता है। संचार व्यवस्था के मुख्यतः आवश्यक तत्व इस प्रकार है

(i) प्रेषित (ii) चैनल या माध्यम (iii) अभिग्राही


16. ट्रांसड्यूसर से क्या समझते हैं ?

उत्तर ट्रांसड्यूसर (Transducer) वह युक्ति जो ऊर्जा के एक रूप को किसी दूसरे रूप में परिवर्तित कर देती है, उसे ट्रांसड्यूसर कहा जाता है।


17. विमॉडुलन या संसूचन से क्या समझते हैं ?

उत्तर विमॉडुलन मॉडुलित तरंग में सम्मिलित वाहक तरंग तथा भेजे जाने वाले संकेत को एक दूसरे से अलग करने की प्रक्रिया को संसूचन या विमॉडुलन कहा जाता है। यह प्रक्रिया मॉडुलन क्रिया की बिल्कुल विपरित प्रक्रिया है ।


18. आवृति मॉडुलन को समझावें ।

उत्तर रेडियो तरंगों की आवृत्ति को ध्वनि संकेतों के दाव परिवर्तनों या चित्रों की प्रकाश तीव्रता के अनुसार परिवर्तित करने की प्रक्रिया को आवृत्ति मॉडुलन कहा जाता है। इसमें मॉडुलक तरंगों को वाहक तरंगों के साथ इस प्रकार अध्यारोपित किया जाता है कि परिणामी मॉडुलित तरंग की आवृति मॉडुलक तरंग के तत्कालिक मान के साथ बदलती रहती है।


19. कला मॉडुलन से क्या समझते है ?

उत्तर जब वाहक तरंग की कला, मूल तरंग या मूल सिग्नल या मॉडुलक सिग्नल के अनुसार परिवर्तित होती है लेकिन वाहक तरंग का आयाम और आवृत्ति में कोई परिवर्तन नहीं होता है तो कला मॉडुलन कहा जाता है।

Physics Subjective Question 12th


Class 12th – Physics Objective 
 1विद्युत क्षेत्र तथा विद्युत आवेशClick Here
 2विद्युत विभव एवं धारिताClick Here
 3विद्युत धारा एवं परिपथClick Here
 4विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभावClick Here
 5चुंबकत्वClick Here
 6विद्युत चुंबकीय प्रेरणClick Here
 7प्रत्यावर्ती धाराClick Here
 8विद्युत चुंबकीय तरंगेClick Here
 9किरण प्रकाशिकीClick Here
 10तरंग प्रकाशिकीClick Here
 11प्रकाश विद्युत प्रभावClick Here
 12परमाणु एवं नाभिकClick Here
 13अर्द्ध – चालक युक्तियां : लॉजिक गेटClick Here
 14संचार तंत्रClick Here

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