Physics Question Paper 12th

Physics Question Paper 12th Bihar Board Exam 2024 | Bihar Board Annual Examination Physics Question

Class 12th Physics

Physics Question Paper 12th Bihar Board Exam 2024 :- दोस्तों यदि आप Inter Exam 2024 Physics Question की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th Physics Chapter Wise Question 2024 दिया गया है जो आपके Physics 12th Question Answer In Hindi के लिए काफी महत्वपूर्ण है | class 12 physics ncert questions


Physics Question Paper 12th Bihar Board Exam 2024

1. एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में  चुम्बक पर क्रियाशील बल आघूर्ण का व्यंजक प्राप्त करें।

उत्तर ⇒  बल आघूर्ण माना कि SN एक चुंबक है, जिसका ध्रुव प्राबल्य m तथा लंबाई 2l है जो एक समान चुंबकीय क्षेत्र B में स्वतंत्र रूप से निलंबित है। हमें इस चुंबक पर क्रियाशील बल आपूर्ण का व्यंजक प्राप्त करना है। यदि इस चुंबक को चुंबकीय क्षेत्र की दिशा से θ कोण से विक्षेपित कर दिया जाए तो इसके ध्रुवों पर क्रियाशील बल परस्पर बराबर समानांतर तथा विपरीत होंगे और इस प्रकार ये एक बलयुग्म की रचना करें।

अतः बलयुग्म का आघूर्ण अर्थात् बल आघूर्ण

ς = कोई एक बल x दोनों बलों के बीच की दूरी

ς = mB X SP

ΔSPN में, sin θ = SP/SN = SN/2l                             ………….. (1)

SP = 2l sin θ                                    ……………(2)

समी (1) एवं (2) से,

τ = mB x 2l sin θ = (m x 2l) B sin θ

τ = MB sin θ                                 ………(3)

जहाँ, M = m x 21

समी. (3) को सदिश के रूप में लिखने पर,

τ = M x B                                   ……..…(4)

समी (3) एवं (4) आवश्यक व्यंजक 


2. एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बक के स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक प्राप्त करें।

उत्तर ⇒  स्थितिज ऊर्जा— माना कि ‘mi’ चुंबकीय आघूर्ण का कोई चुंबक किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से निलंबित है। हमें इस चुंबक के स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक प्राप्त करना है। हम जानते हैं कि किसी चुंबक के स्थितिज ऊर्जा की माप उस कार्य से की जाती है जो उस चुंबक को प्रमाणिक स्थिति से वर्तमान स्थिति तक ला दे।

यदि  = 90° को प्रमाणिक स्थिति लिया जाए तो θ = 90° से θ = 60 तक विक्षेपित करने में संपादित कुल कार्य

यही कार्य चुंबक में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।

अतः चुंबक की स्थितिज ऊर्जा

P.E. = U = MB cosθ  = -M.B                                    ………… (2)

समी. (2) आवश्यक व्यंजक है।


3. चुम्बकीय प्रवृत्ति से क्या समझते हैं ? चुम्बकीय प्रवृत्ति एवं आपेक्षित चुम्बकशीलता में संबंध स्थापित करें।

उत्तर ⇒ चुम्बकीय प्रवृत्ति किसी पदार्थ को चुम्बकीय प्रकृति एकांक चुम्बकीय तीव्रता के कारण उस पदार्थ में उत्पन्न चुम्बकन के बराबर होता है। यह एक विमाहीन अदिश राशि है।

चुम्बकीय प्रवृत्ति (Xm)= M/H

चुम्बकीय प्रवृत्ति एवं चुम्बकशीलता में संबंध :

हम जानते हैं कि

μH = μ0H + μ0M

μr0 = H+M

μr.H = H+M ⇒ μ= 1+M/H

μr = 1+Xm                                                ………….(1)

समी. (1) आवश्यक संबंध है।


4. शैथिल्य पाश क्या है ? इसकी सहायता से ‘धारणशीलता’ एवं ‘निग्राहिता’ को समझाइए ।

उत्तर ⇒ चुम्बकीय शैथिल्य ग्राफ (लूप) –

चुम्बकन तीव्रता का चुम्बकन क्षेत्र का पीछे छूट जाने की क्रिया शैथिल्य कहलाता है। शैथिल्य का प्रभाव यह होता है कि जब चुम्बकीय पदार्थ चुम्बकन वक्र से गुजरता है। तो जितनी ऊर्जा खर्च होती है, उतनी ऊर्जा प्राप्त नहीं हो पाती है। ऊर्जा में यह कमी शैथिल्य ह्रास कहलाता है। यह ऊर्जा पदार्थ में ऊष्मा के रूप में प्रकट होती है। पदार्थ के प्रति एकांक आयतन तथा प्रति चक्कर के लिए शैथिल्य ह्रास शैथिल्य-वक्र (L.H. Curve) के क्षेत्रफल के बराबर होता है।

धारणशीलता (Retentivity )— जब चुम्बकीय बल घटकर शून्य हो। जाता है, तब अवशिष्ट चुम्बकत्व का मान धारणशीलता है कहलाता है।

निग्राहिता (Corecivity)— निग्राहित उस व्युत्क्रम चुम्बकीय क्षेत्र का मान है, जो चुम्बकीय पदार्थ पर इस तरह आरोपित किया जाता है ताकि वह अवशेष चुम्बकत्व को घटाकर शून्य कर दें।


5. पृथ्वी के चुम्बकीय तत्व से क्या समझते हैं ? 

उत्तर ⇒ किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के परिमाण और दिशा का पूर्ण ज्ञान जिन राशियों से प्राप्त होता है, उन्हें उस स्थान पर पृथ्वी का चुम्बकीय तत्व कहते है। ये तत्व हैं। (a) दिक्पात (b) नति या नमन, (c) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक ।


6. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ क्या है? इसके चार गुणों को लिखें।

उत्तर ⇒ प्रतिचुम्बकीय पदार्थ- वैसे पदार्थ प्रतिचुम्बकीय होते हैं, जिनमें बाहय चुम्बकीय क्षेत्र में अधिक प्रबलता वाले भाग से कम प्रबलता वाले भाग की ओर जाने की प्रवृत्ति होती है।

गुण:   (1) प्रति चुम्बकीय पदार्थ ठोस, द्रव तथा गैस अवस्था में पाए जाते हैं।

(2) चुम्बकीय क्षेत्र के तीव्र भाग में इन पर मंद विकर्षण होता है।

(3) इनकी आपेक्षिक चुम्बकशीलता एकांक से कम होती है।

(4) इनकी चुम्बकीय प्रवृत्ति का मान छोटा और ऋणात्मक होता है।

(5) ताप परिवर्तन से इनकी चुम्बकीय प्रवृत्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।


7. अनुचुम्बकीय पदार्थ से क्या समझते हैं? इसके गुणों को लिखें।

उत्तर ⇒ अनुचुम्बकीय पदार्थ-वैसे पदार्थ अनुचुम्बकीय होते हैं जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर हल्का चुम्बक प्राप्त कर लेते हैं तथा उन्हें कमजोर चुम्बकीय क्षेत्र से प्रबल क्षेत्र की ओर जाने की प्रवृत्ति होती है।

गुण:

(1) अनुचुम्बकीय पदार्थ ठोस, द्रव एवं गैस अवस्था में पाए जाते हैं।

(2) लौह चुम्बकीय पदार्थों की तुलना में इनमें आकर्षण कम होता है।

(3) इनकी आपेक्षिक चुम्बकशीलता एकांक से थोड़ी अधिक होती है।

(4) इनकी चुम्बकीय प्रवृत्ति का मान छोटा और धनात्मक होता है।

(5) इन पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति ताप के व्युत्क्रमानुपाती होता है।


8. लौह-चुम्बकीय पदार्थ से क्या समझते हैं ? इसके गुणों को लिखें।

उत्तर ⇒ लौह-चुम्बकीय पदार्थ कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जिनकी चुम्बकीय प्रवृत्ति तो धनात्मक होती है एवं चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर इनमें चुम्बक का गुण सहज ही आ जाता है और वे शक्तिशाली चुम्बक बन जाते हैं। इन पदार्थों को लौह चुम्बकीय पदार्थ कहा जाता है।

उदाहरण: लोहा, निकेल, कोबाल्ट इत्यादि ।

गुण :   (1) प्रकृति में पाए जाने वाले लौह चुम्बकीय पदार्थ रवेदार ठोस होते हैं।

(2) चुम्बकीय क्षेत्र का आकर्षण बहुत ही प्रबल होता है।

(3) इनकी आपेक्षिक चुम्बकशीलता एकांक से बहुत अधिक होती है।

(4) इनकी चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक और बहुत बड़ी होती है।

(5) ताप वृद्धि से इनकी चुम्बकीय प्रवृत्ति अनियमित और जटिल रूप से बदलती है।

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9. क्यूरी के नियम से क्या समझते हैं?

उत्तर ⇒ ऐसा पाया जाता है कि अनुचुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति तापमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात्  Xm α 1/T इसे ही ‘क्यूरी का नियम’ कहा जाता है। 


10. स्थायी चुम्बक एवं विद्युत चुम्बक में अंतर स्पष्ट करें। 

उत्तर ⇒ स्थायी चुम्बक -जो चुम्बक कमरे के ता चुम्बकत्व दीर्घ काल के लिए बनाए रखते हैं, स्थायी चुम्बक कहलाते हैं। स्थायी चुम्बकों के लिए उपयुक्त लौह चुम्बकीय पदार्थों की धारणशीलता तथा निग्राहिता अधिक होनी चाहिए। विद्युत चुम्बक विद्युत चुम्बक ऐसे लौह चुम्बकीय पदार्थों के बनाये जाते हैं जिनकी चुम्बकशीलता अति उच्च चुम्बकीय धारणशीलता तथा निमाहिता बहुत कम होती है। नर्म लोहे की क्रोडयुक्त परिनालिका को विद्युत चुम्बक कहा जाता है।


11. विद्युत चुम्बक के किन्हीं दो उपयोगों को लिखें।

उत्तर ⇒ (i) विद्युत घंटियों, ध्वनि विस्तारक एवं दूरभाष यंत्रों आदि में इनका उपयोग होता है।

(ii) अस्पतालों में आँख तथा शरीर के अन्य किसी भाग से लोहे तथा स्टील के टुकड़े निकालने में इनका उपयोग होता है।


12. चुम्बक को लम्बाई के समानांतर या लम्बवत् काटने पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

उत्तर ⇒ – यदि किसी चुम्बक को लम्बाई के समानांतर काटा जाए तो प्रभावी लम्बाई आधी परन्तु ध्रुव प्रबलता अप्रभावित रहती है। अतः

M1 = M/2 


13. विद्युत चुम्बक बनाने के लिए नरम लोहे का प्रयोग होता है पर स्वायी चुम्बक बनाने के लिए इस्पात का उपयोग होता है, क्यों ?

उत्तर ⇒ विद्युत चुम्बक के लिए नरम लोहे का उपयोग इसलिए होता है कि उसकी चुम्बकीय प्रवृत्ति बहुत होती है, जिस कारण यह बाह चुम्बकीय क्षेत्र के प्रभाव से आसानी से चुम्बकित हो जाता है। स्थायी चुम्बक के लिए इस्पात का उपयोग इसलिए होता है कि इसकी धारणशीलता अधिक होता है इसलिए इस्पात में उत्पन्न चुम्बकत्व बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र हटा लेने पर भी कायम रहता है।


14. चुम्बक के दो विशिष्ट गुण क्या हैं ?

उत्तर ⇒ चुम्बक को दो विशिष्ट गुणों से परिभाषित किया जाता है:

(a) आकर्षण गुण— जिसके कारण उसमें चुम्बकीय पदार्थों को आकर्षित करने की क्षमता होती है।

(b) दैशिक गुण-जिसके कारण वह पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में लगभग उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर दिष्ट रहता है।


15. चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ क्या है ? इसके दो गुणों को लिखें।

उत्तर ⇒ चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ— चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ वैसे संतत काल्पनिक बंद वक्र हैं जो चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से निकलकर उसके दक्षिणी ध्रुव तक जाते हैं।

गुण:

(i) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती है।

(ii) चुम्बकीय क्षेत्र रेखा के किसी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को निरूपित करती है।


16. उदासीन बिंदु से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ चुम्बकीय क्षेत्र में उदासीन बिंदु उस बिंदु को कहा जाता है, जहाँ दो भिन्न चुम्बकीय क्षेत्र B तथा B एक-दूसरे के परिमाण के बराबर तथा दिशा में विपरित होते हैं। अर्थात् एक-दूसरे से मिलकर उदासीन हो जाते हैं।

उदासीन बिंदु के लिए B1 = B2 अर्थात् BM = BH

जहाँ            BM चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र

BH = पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक

Physics 12th Question Answer In Hindi


17. चुम्बकन एवं चुम्बकशीलता से क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ चुम्बकून -पदार्थ के प्रति एकांक आयतन में निहित परिणामी चुम्बकीय आघूर्ण सदिश का परिमाण उस बिंदु का चुम्बकन कहलाता है। यह एक सदिश राशि है। इसका S.I. मात्रक Am-1 होता है।

चुम्बकन (M) = m/v

जहाँ  m = : चुम्बकीय आघूर्ण, v = आयतन

चुम्बकशीलता किसी चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकशीलता पदार्थ में उत्पन्न कुल चुम्बकीय क्षेत्र (B) तथा चुम्बकीय तीव्रता की निष्पति के बराबर होता है।

अतः चुम्बकशीलता (μ) = B/H


18. चुम्बकीय प्रवृति से क्या समझते है ?

उत्तर ⇒ किसी पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृति एकांक चुम्बकीय तीव्रता के कारण उस पदार्थ में उत्पन्न चुम्बकन के बराबर होती है। चुम्बकीय प्रवृति विमाहीन अदिश राशि है। निर्वात की चुम्बकीय प्रवृति शून्य होती है।


19. चुम्बकीय प्रवृति एवं आपेक्षिक चुम्बकशीलता के बीच सम्बन्ध स्थापित करें।

उत्तर ⇒ किसी चुम्बकीय पदार्थ को किसी चुम्बकीय क्षेत्र B0 में रखा जाता है, तो पदार्थ के भीतर उत्पन्न कुल चुम्बकीय क्षेत्र

B = B+ BM

∴  B = μH

    B0 = μ0H                                 ………(i)

    BM = μ0M                                    ……..(ii)

समी. (i) एवं (ii) से

µH = μ0H + µ0M

⇒ µ/μ0.H = H + M

⇒  μ.H = H+ M

⇒  µr = H1 + M/H

⇒  µr = 1+ Xm                            …………….(i)

           [ ∴ X= M/H ]

समी. (i) आवश्यक संबंध है।


20. एक छोटे छड़ चुम्बक के अक्षीय और निरक्षीय चुम्बकीय क्षेत्र B’ के मान और दिशा का व्यंजक लिखे

उत्तर ⇒ B अक्षीय μ0/4π . 2BH/r3 एवं दिशा दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर। 

           μ0/4π . 2BH/rएवं दिशा उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर ।


21. दिखाएँ कि एक स्पर्शज्या धारामापी (गैलवेनोमीटर) से मापी गयी धारा की शुद्धता उस धारा के लिए महत्तम होती है, जिसका विक्षेपण 45° है।

उत्तर ⇒ स्पर्शज्या धारामापी के सिद्धांत से I

I = K.tan θ                              ……………. .(i)

जहाँ K = BH0n/2r = 2BH.r/µ0n

के विक्षेप 0 को नोट करने में de की गलती से माना कि धारा I के सही मान में II की गलती होती है। I के प्राप्त मान में dI की त्रुटि होने से धारा की समानुपाती त्रुटि (dI/I) होती है।

समी. (i) को अवकलन करने पर

dl = K secθ. dθ 

∴           समानुपाती त्रुटि = dI/I = Ksec²θdθ/Ktan θ                    …………(iii)

                 समानुपाती त्रुटि dl/I = 2dθ/sin 2θ

∴               परिशुद्धता = I/dI.dθ =`sin θ/2

समी. (iv) से, परिशुद्धता का मान अधिकत्तम होता है जब

         sin 2θ = 1 = sin 90°

⇒      2θ = 90°

          θ = 45° Proved.


22. स्टील तथा नर्म लोहे के चुम्बकीय गुणों की दो बिंदु दीजिए। तुलना के लिए

उत्तर ⇒ स्टील की निग्राहिता बहुत अधिक होती है जबकि नर्म लोहे की निग्राहित कम होती है। स्टील के शैथिल्य खूप का क्षेत्रफल अधिक होता है जबकि नर्म लोहे के लिए यह पतला तथा लम्बा होता है।


23. पृथ्वी के चुम्बकत्व का क्या कारण है ?

उत्तर ⇒ पृथ्वी के चुम्बकत्व के संबंध में कई सिद्धांत प्रतिपादित किए गए हैं। किसी न किसी प्रकार अब यह माना गया है कि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का कारण इसके भीतर परिसंचरित विद्युत धाराएं है। चुम्बकीय क्षेत्र इस प्रकार व्यवहार में लिया जाता है। जैसे यह किसी प्रकार की विद्युत धारा से उत्पन्न हो रहा है।


24. चुम्बकीय आघूर्ण को परिभाषित करें एवं इसके मात्रक को लिखें।

उत्तर ⇒ चुम्बकीय आघूर्ण किसी चुम्बक के धूव प्राबल्य एवं चुम्बकीय लम्बाई के गुणनफल को चुम्बकीय आघूर्ण कहा जाता है इसे ‘M’ द्वारा सूचित किया जाता है।

अतः चुम्बकीय आघूर्ण

M = m x 2l

चुम्बकीय आघूर्ण एक सदिश राशि है। इसकी दिशा हमेशा दक्षिणी धूव की ओर होता है।

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25. बोर मैगनेटॉन को परिभाषित कीजिए और इसका मान लिखें।

उत्तर ⇒ हाइड्रोजन की प्रथम कक्षा के परमाणु में इलेक्ट्रॉन की कक्षीय गति के कारण उससे सम्बद्ध चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण को बोर मैग्नेटॉन कहते है ।

इसका मान 0.27 x 10-24 Am2 होता है।


26. चुम्बकत्व के लिए गॉस का नियम क्या है ?

उत्तर ⇒ चुम्बकत्व में एकल चुम्बकीय ध्रुव के अस्तित्व के नहीं होने का एक रोचक उदाहरण है इसके अनुसार, “किसी बंद तल से गुजरने वाला कुल चुम्बकीय फ्लक्स हमेशा शून्य होता है।” हम जानते है कि विद्युत स्थैतिकी में बंद तल से होकर गुजरने वाला नेट विद्युत फ्लक्स

लेकिन चुम्बकत्व में चुम्बकीय ध्रुव हमेशा द्विध्रुव के रूप में ही रहते है जिनका नेट भ्रूव प्राबल्य शून्य होता है। चुम्बकत्व में गॉस का गणितीय रूप.


27. किसी स्थान पर आभासी नमन कोण से क्या समझते है ?

उत्तर ⇒ – पृथ्वी के चुम्बकीय यामोत्तर के अलावा किसी अन्य यामोत्तर में नमन कोण के मान को ही आभासी नमन कोण कहा जाता है। इसे 8′ द्वारा सूचित किया जाता है। आभासी नमन कोण (8) एवं वास्तविक नमन कोण में निम्नलिखित सम्बन्ध होता है

tan δ’ = tan δ/cosθ

जहाँ  θ = दिक्पात |


28. चुम्बकीय प्रेरण से क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ चुम्बकीय प्रेरण : किसी चुम्बक के एकांक उत्तरी ध्रुव पर लगने वाले चुम्बकीय बल को चुम्बकीय प्रेरण कहा जाता है। इसे B द्वारा सूचित किया जाता है ।

चुम्बकीय प्रेरण (B) = F/m                    ..…(1)

चुम्बकीय प्रेरण एक सदिश राशि है इसका SI मात्रक NA -1M-1, जिसे टेसला कहा जाता है।


29. चुम्बकीय विभव से क्या समझते है ? 

उत्तर ⇒ चुम्बकीय विभव- किसी चुम्बक के एकांक उत्तरी ध्रुव को अनन्त से किसी बिंदु तक लाने में संपादित कार्य चुम्बकीय विभव कहलाता है। इसे ‘V’ द्वारा सूचित किया जाता है। |

चुम्बकीय विभव (V) = W/m

चुम्बकीय विभव एक अदिश राशि है। इसका SI मात्रक JA-1M-1 होता है ।

Physics Question Paper 12th


Class 12th – Physics Objective 
 1विद्युत क्षेत्र तथा विद्युत आवेशClick Here
 2विद्युत विभव एवं धारिताClick Here
 3विद्युत धारा एवं परिपथClick Here
 4विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभावClick Here
 5चुंबकत्वClick Here
 6विद्युत चुंबकीय प्रेरणClick Here
 7प्रत्यावर्ती धाराClick Here
 8विद्युत चुंबकीय तरंगेClick Here
 9किरण प्रकाशिकीClick Here
 10तरंग प्रकाशिकीClick Here
 11प्रकाश विद्युत प्रभावClick Here
 12परमाणु एवं नाभिकClick Here
 13अर्द्ध – चालक युक्तियां : लॉजिक गेटClick Here
 14संचार तंत्रClick Here
 BSEB Intermediate Exam 2024
 1Hindi 100 MarksClick Here
 2English 100 MarksClick Here
 3Physics Click Here
 4ChemistryClick Here
 5BiologyClick Here
 6MathClick Here
Abhi Kumar

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