Physics Subjective Question 12th Class :- दोस्तों यदि आप Class 12th Science Physics Question 2025 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th Ka Physics Subjective Question 2025 दिया गया है जो आपके Class 12th Exam Question And Answer के लिए काफी महत्वपूर्ण है | Physics Subjective Question 12th | Class 12th Hindi
Physics Subjective Question 12th Class
1. X किरण के उपयोग को लिखें।
उत्तर ⇒ X किरण का निम्नलिखित उपयोग है
1. X-किरणों का उपयोग चिकित्सा विज्ञान में किया जाता है।
2. X किरणों द्वारा क्रिस्टलों की और उनके इलेक्ट्रॉनों की कक्षाओं की जानकारी मिलती है।
2. नाभिकीय घनत्व से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ प्रयोग द्वारा ऐसा पाया जाता है कि नाभिक का आयतन (V) उसके परमाणु की द्रव्यमान संख्या (A) का समानुपाती होता है।
अर्थात् V α A ⇒ πR2 α A ⇒ R3 α A
⇒ R α A1/3 = RoA1/3
जहाँ Ro का मान 1.2 फर्मों होता है।
इससे नाभिक का घनत्व भी ज्ञात किया जा सकता है।
नाभिक का घनत्व लगभग 1017 kg/m की कोटि का होता है।
3. नाभिकीय विखंडन एवं नाभिकीय संलयन से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ नाभिकीय विखंडन — वैसी प्रतिक्रिया जिसमें एक भारी नाभिक के लगभग बराबर नाभिकों में विखंडित होने पर पर्याप्त ऊर्जा की उत्पत्ति होती है, नाभिकीय विखंडन कहा जाता है। जैसे ⇒ 92U235 + 0n1→ 92U236 → 36Kr92.+ 36Ba141 + 30n1 + Q (ऊर्जा)
नाभिकीय संलयन—दो हल्के नाभिकों के संलयित हो जाने से एक भारी नाभिक बनने की प्रक्रिया जिसमें विशाल ऊर्जा विमुक्त होती है, नाभिकीय संलयन कहलाता है।
1H2 + 1H2 → 2He4 + Q (ऊर्जा)
4. नाभिकीय बल क्या है? इसके गुणों को लिखें।
उत्तर ⇒ नाभिकीय बल नाभिक में उपस्थित कणों के बीच प्रबल आकर्षण का नाभिकीय बल कहा जाता है जो उन्हें एक-दूसरे से बाँधे रहता है।
गुण:
1. नाभिकीय बल आकर्षण बल होते हैं।
2. नाभिकीय बल अत्यंत लघु परासी बल होते हैं।
3. नाभिकीय बल अवैद्युत तथा अगुरुत्वीय होते हैं।
4. नाभिकीय बल अत्यंत प्रबल होते हैं।
5. बोर परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं ? अथवा, परमाणु के बोर मॉडल की दो कमियों का उल्लेख करें ।
उत्तर ⇒ (i) यह परमाणु में इलेक्ट्रॉन वितरण के विषय में कोई विचार नहीं देता।
(ii) स्पेक्ट्रल रेखाओं की आपेक्षित तीव्रता के विषय में यह ज्ञान नहीं देता।
(iii) यह मॉडल जटिल परमाणुओं, एक से अधिक इलेक्ट्रॉन के परमाणुओं के स्पेक्ट्रा को नहीं समझा सका।
(iv) यह मॉडल तरंग संख्या के विषय में कोई सूचना नहीं देता ।
6. कैथोड किरणे क्या है? समझावें ।
उत्तर ⇒ कैथोड किरणें-कैथोड़ किरणें बहुत से इलेक्ट्रॉनों के तेजगामी प्रवाह है जो सभी तत्वों में विद्यमान है।
गुण :
(1) ये ऋण आवेशित होते हैं।
(2) इनके मात्रा तथा आवेश इलेक्ट्रॉन के बराबर है, अर्थात् इनका आवेश 1.6 x 10-19 C तथा 9.1 x 10-31
7. लेसर प्रकाश के गुणों एवं उपयोगों को लिखें। kg है।
उत्तर ⇒ गुण :
(1) लेजर प्रकाश एकवर्णी होता है।
(2) ये अति कला सम्बंध होता है।
(3) ये अति दिशात्मक होता है।
उपयोग :
(i) हीरे में छोटे छिद्र करने में,
(ii) चिकित्सा विज्ञान में इत्यादि ।
8. अर्द्ध-आयु क्या है ? .
उत्तर ⇒ प्रारंभ में उपस्थित परमाणुओं की कुल संख्या में आधे परमाणुओं के विघटित होने में एक निश्चित समय लगता है, जितने समय में परमाणुओं की आधी संख्या विघटित हो जाती है, उस समय को रेडियो ऐक्टिव का अर्द्ध-आयु कहा जाता है। इसे द्वारा सूचित किया जाता है।
t1/2 = 0.693/λ जहाँ λ = क्षय नियतांक ।
9. औसत आयु क्या है ?
उत्तर ⇒ औसत आयु (Average Life) किसी रेडियो ऐक्टिव तत्व के परमाणु की औसत आयु सभी परमाणुओं के आयुओं के क्षेत्र को परमाणुओं की कुल संख्या से भाग देने पर प्राप्त होती है। इसे Ta द्वारा सूचित किया जाता है।
Ta = 1/λ
अतः रेडियोऐक्टिव परमाणु की औसत आयु क्षय नियतांक के व्युत्क्रम के बराबर होता है।
10. नाभिकीय रिएक्टर क्या है? इसके दो उपयोग दें।
उत्तर ⇒ नाभिकीय रिएक्टर एक यंत्र है जिसमें नाभिकीय विखंडन कीनियंत्रित श्रृंखला प्रतिक्रिया के द्वारा ऊर्जा उत्पन्न की जाती है।
उपयोग :
1. इसके द्वारा अनेक तत्वों के रेडियो आइसोटोप बनाए जाते हैं।
2. इसके द्वारा विद्युत शक्ति उत्पन्न की जाती है।
Class 12th Science Physics Question 2025
11. द्रव्यमान क्षति क्या है ?
उत्तर ⇒ द्रव्यमान क्षति—सभी नाभिकों के लिए यह देखा गया है कि (mass defect) नाभिक का द्रव्यमान उसमें स्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों के द्रव्यमानों के योग से कुछ कम होता है। द्रव्यमान के इस अंतर को नाभिकीय द्रव्यमान क्षति कहा जाता है। तो यदि किसी तत्व के नाभिक को yXz से निरूपित किया जाए
परमाणु संख्या = Z = प्रोट्रॉन की संख्या
द्रव्यमान संख्या = A = प्रोट्रॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या
नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या = (A – Z)
यदि M = नाभिक का द्रव्यमान
.M= प्रोट्रॉन का द्रव्यमान
M= न्यूट्रॉन का द्रव्यमान
तो द्रव्यमान क्षति,
Δm = [ Z x mp + (A – Z).x mn ] M …(1)
समी. (1) से द्रव्यमान क्षति का मान ज्ञात किया जा सकता है।
12. नाभिकीय बंधन ऊर्जा क्या है ?
उत्तर ⇒ किसी भी नाभिक को उसके घटक कणों में अलग-अलग करने के लिए जितनी बाह्य ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे उस नाभिक की नाभिकीय बंधन ऊर्जा कहा जाता है। यदि किसी नाभिक की द्रव्यमान क्षति Δm हो, तो इसकी नाभिकीय
बंधन ऊर्जा ΔEb = Δmc2 ……………(1)
समी. (1) से नाभिकीय बंधन ऊर्जा का मान ज्ञात किया जा सकता है।
13. रदरफोर्ड के प्रयोग में निकटता की न्यूनतम दूरी परिभाषित करें। अथवा, नाभिकों का एक समान नाभिक घनत्व क्यों होता है ?
उत्तर ⇒ वह समीपतम पहुँच जहाँ नाभिक की दिशा में गतिशील एक ऊर्जायुक्त कण विरामावस्था में आने से पूर्व पहुँच सके तथा फिर उसी मार्ग पर लौट आये, निकटता की न्यूनतम दूरी कहलाती है।
r0 = 1/4πεo.2ze2/E
नाभिकीय घनत्व किसी परमाणु की द्रव्मयान संख्या से स्वतंत्र होता है इसलिए सभी नाभिक के एक समान नाभिक घनत्व होते हैं।
14. शीतलक व नियंत्रक छड़ के उपयोग बताएँ।
उत्तर ⇒ नाभिकीय रिएक्टरों में मंदक, शीतलक व नियंत्रक छड़ के उपयोग निम्नलिखित हैं :
(i) मंदक- इसका उपयोग तीव्र न्यूट्रॉनों की गति को मन्द करने के लिए किया जाता है। साधारणतः मंदक के रूप में भारी जल, साधारण जल, ग्रेफाइट तथा बेरेलियम ऑक्साइड का उपयोग किया जाता है।
(ii) शीतलक- नाभिकीय विखण्डन अभिक्रिया में उत्पन्न ऊष्मा को अवशोषित करने के लिए शीतलक का उपयोग किया जाता है। शीतलक के रूप में सोडियम तथा पोटैशियम के द्रवित मिश्रधातु, भारी जल, हवा तथा CO2 , का उपयोग किया जाता है।
(iii) नियंत्रक छड़ नाभिकीय विखण्डन अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न न्यूट्रॉनों के नियंत्रित अवशोषण के लिए नियंत्रक छड़ का उपयोग किया जाता है ताकि नाभिकीय अभिज्ञक्रिया अनियंत्रित न हो जाए। कैडमियम (Cd) तथा बोरन (B) नियंत्रक छड़ के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
15. भारी नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या प्रोट्रॉन की संख्या से ज्यादा होती है क्यों ?
उत्तर ⇒ नाभिक में न्यूट्रॉन की उपस्थिति नाभिकीय स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए न्यूट्रॉन की संख्या भारी नाभिक में प्रोट्रॉन से ज्यादा होती है।
16. नाभिक से α , β कण के उत्सर्जन से तत्व के परमाणु की स्थिति आवर्ततालिका में कैसे बदलती हैं ? लिखें
उत्तर ⇒ जब नाभिक से α कण निकलते है तब तत्व का आवर्त सारणी में परमाणु संख्या दो स्थान से तथा द्रव्यमान संख्या चार स्थान से पीछे चला जाता है।
जबकि नाभिक से β कण निकलते है तब तत्व का आवर्त सारणी में परमाणु संख्या एक स्थान से बढ़ जाता है। परन्तु द्रव्यमान संख्या अपरिवर्तित रहती है।
17. रिडबर्ग नियतांक क्या है ? इसका SI मात्रक लिखें।
उत्तर ⇒ बोर का स्पेक्ट्रमी रेखाओं की उत्पत्ति में बोर आवृति प्रतिबं
1/λ = me.e4/8εo 2ch3.( 1/n2 2 – 1/n1 2 ) ………..(i)
समी. (i) में स्थित पद me.e4/8εo 2ch3 को ही हाइड्रोजन के लिए रिडबर्ग नियंताक कहलाता है।
RH = me.e4/8εo 2ch3
इसका SI मात्रक mi” होता है तथा इसका मान 1.097×107 m-1 होता है।
18. α किरणों के गुण लिखें ।
उत्तर ⇒अल्फा किरण के निम्नलिखित गुण हैं
1. वास्तव में α कण हीलियम नाभिक है अर्थात् इस कण में 2 प्रोट्रॉन तथा 2 न्यूट्रॉन होते हैं।
2. ये किरणे फोटोग्राफी प्लेट पर प्रभाव डालती है।
3. इन किरणों की चाल प्रकाश की चाल से काफी कम (1/10 वाँ भाग) होती है।
4. α कणों की बेधन क्षमता बहुत कम होती है।
5. ये किरणें जब किसी गैस से होकर गुजरती है तो तीव्र आयनीकरण करती है अर्थात् इनकी आयनीकरण क्षमता सबसे अधिक होता है।
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19. β किरणों के गुण लिखें । :
उत्तर ⇒ उत्तर-8 किरण के निम्नलिखित गुण है
1. ये किरणें ऋणावेशित कणों से मिलकर बनती है।
2. ये किरणों विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित हो जाती है।
3. β किरण की आयनीकरण क्षमता किरण की अपेक्षा लगभग 1/100 -वाँ भाग होती है।
4. इन किरणों की बेधन क्षमता α कणों की अपेक्षा 100 गुनी अधिक होती है।
5. ये किरणें फोटोग्राफी प्लेटों को अधिक प्रभावित करती है।
20. किरणों के गुण लिखें।
उत्तर ⇒ गामा किरण के निम्नलिखित गुण है : .
1. Y किरणें विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं।
2. इन किरणों की ऊर्जा बहुत अधिक होती है।
3. ये किरणे विद्युत क्षेत्र और नुम्बकीय क्षेत्र से प्रभावित नहीं होती है अर्थात ये आवेश रहित होती है ।
4. ये किरणें प्रकाश की चाल में गमन करती है।
5. इनकी आयनीकरण क्षमता बहुत कम होती है।
6. इनकी बेधन क्षमता सबसे अधिक होती है।
21. बोर के स्थायी कक्षा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒बोर के अनुसार इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृतीय कक्षाओं में घूमता रहता है। इन कक्षाओं में घूमने वाले इलेक्ट्रॉन विकिरण उत्पन्न नहीं करते। इन कक्षाओं को स्थायी कक्षाएँ कहा जाता है। 8O16 , 8O17 , 8O18
22. समस्थानिक एवं समभारिक से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ समस्थानिक किसी एक ही तत्व के ऐसे परमाणु जिनके नाभिकों में प्रोट्रॉनों की संख्या समान होती है परन्तु न्यूट्रॉनों की संख्या अलग-अलग होती है, उस तत्व के समस्थानिक कहे जाते है। उदाहरण ऑक्सीजन समभारिकः ऐसे नाभिकों को जिनका द्रव्यमान संख्या समान परन्तु परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है, समभारिक कहे जाते है उदाहरण ⇒ 1H3 ‘ एवं 2He3, 7N14 एवं 6C14
23. आइंस्टीन का द्रव्यमान ऊर्जा समतुल्यता सम्बन्ध क्या है ?
उत्तर ⇒ आइंस्टीन के सापेक्षवाद सिद्धांत के अनुसार यह सिद्ध किया गया है कि द्रव्यमान तथा ऊर्जा एक-दूसरे से संबंधित है तथा प्रत्येक वस्तु में उसके द्रव्यमान के कारण भी ऊर्जा होती है द्रव्यमान एवं ऊर्जा के बीच निम्नलिखित सम्बन्ध होता है
E = mc2 …(i)
जहाँ C = प्रकाश का चाल
इसे ही आइंस्टीन का द्रव्यमान ऊर्जा समतुल्यता सम्बन्ध कहा जाता है।
24. पाश्चन श्रेणी से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ पाश्चन श्रेणी-जब इलेक्ट्रॉन उच्च कक्षाओं = 4, 5, 6 …… आदि से निम्न कक्षा n = 3 में लौटता है, तो इससे प्राप्त श्रेणी पाश्चत श्रेणी कही जाती है।
पाश्चन श्रेणी विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के अवरक्त भाग में प्राप्त होती है।
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