12th Physics Sample Paper Solution In Hindi :- दोस्तों यदि आप 12th Physics Question Paper Solution 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th Pariksha 2024 physics Subjective Question दिया गया है जो आपके 12th Exam Physics Question And Answer के लिए काफी महत्वपूर्ण है |
12th Physics Sample Paper Solution In Hindi
1. प्रकाश एवं पदार्थ तरंग में अंतर बतावें ।
उत्तर ⇒ (i) प्रकाश तरंग विद्युत चुम्बकीय तरंग होते है जबकि पदार्थ तरंग डी-बोग्ली तरंगें होती हैं।
(ii) प्रकाश तरंग का तरंगदैर्ध्य प्रकाश के तरंगदैर्ध्य के बराबर होता है जबकि पदार्थ तरंग का तरंगदैर्ध्य λ = h/p से प्राप्त किया जाता है
जहाँ p= संवेग ।
2. प्रकाश विद्युत प्रभाव क्या है ?
उत्तर ⇒– प्रकाश विद्युत प्रभाव-धातु पृष्ठ से प्रकाश के आपतन के कारण इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन को घटना को प्रकाश विद्युत प्रभाव
कहा जाता है।
प्रकाश द्वारा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों को फोटो इलेक्ट्रॉन तथा इनके प्रवाह के कारण उत्पन्न धारा को प्रकाश विद्युत धारा कहा जाता है।
3. विकिरण के क्वांटम सिद्धांत को लिखें।
उत्तर ⇒विकिरण का क्वांटम सिद्धांत— प्लांक के क्वांटम सिद्धांत के अनुसार “प्रकाश ऊर्जा के छोटे-छोटे बंडलों के रूप में चलता है, जिन्हें फोटॉन (Photon) कहते हैं तथा प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा E = hν होती है, जहाँ h = प्लांक का नियतांक एवं v = आवृत्ति |
यही विकिरण का क्वांटम सिद्धांत है।
4. फोटो सेल क्या है ? इसके दो उपयोगों को लिखें।
उत्तर ⇒ फोटो सेल (Photo cell ) यह एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा प्रकाश ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता है।
उपयोगः
(i) फोटो सेल का उपयोग विद्युत नेत्र यंत्र में किया जाता है। इस यंत्र को चोर सूचक घंटी भी कहा जाता है।
(ii) फोटो सेल का उपयोग सिनेमा में ध्वनि के पुनरुत्पादन में होता है।
5. द्रव्य तरंगें क्या हैं? डी-ब्रोग्ली संबंध को प्राप्त करें।
उत्तर ⇒– द्रव्य तरंगें (Matter Waves)— डी-बोग्ली ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि जब कोई द्रव्य कण (इलेक्ट्रॉन या प्रोटॉन) गतिमान होता है तो वह तरंग की तरह व्यवहार करता है। इन तरंगों को द्रव्य तरंगें कहा जाता है या डी-ब्रोग्ली तरंगें कहा जाता है।
द्रव्य तरंगों का तरंगदैर्ध्य – यदि प्रकाश के तरंग की आवृत्ति v हो, तो फोटॉन की ऊर्जा
E = hν ………….(1)
यदि फोटॉन को द्रव्यमान mm का एक कण मान लिया जाए तो
आइन्स्टीन के अनुसार,
E = mc2 …………..(2)
समी (1) एवं (2) से,
mc2 = hν ⇒ m2 = hν/c
p = h/c x c/λ ( ∴ p = mc = फोटॉन का संवेग, v = c/λ )
p = h/c ⇒ m = h/p ………(3)
समी. (3) को ही डी-बोग्ली का संबंध कहा जाता है।
6. कार्य फलन क्या है ? अथवा, किसी धातु के ‘कार्य फलन’ को परिभाषित करें ।
उत्तर ⇒कार्य फलन (Work Function ) किसी धातु पृष्ठ से इलेक्ट्रॉन के मात्र बाहर निकालने में जितनी ऊर्जा व्यय होती है उसे धातु का कार्य फलन कहा जाता है। इसे Φ0 द्वारा सूचित किया जाता है। उदाहरण: सीजियम के लिए Φ0 = 2.14 eV.
7. हाइजेन वर्ग अनिश्चितता सिद्धांत से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒हाइजेन वर्ग अनिश्चितता सिद्धांत इस सिद्धांत के अनुसार किसी कण की गति से संबंधित दो संयुग्मी राशियों के एक साथ मापने में अनिश्चितताओं का गुणनफल कभी भी h/2π कम नहीं हो सकता है।
यदि हम किसी कण की X दिशा में स्थिति तथा संवेग को एक साथ मापें तो Δx स्थिति के मापने में अनिश्चितता तथा Δp संवेग के मापन में अनिश्चितता हो, तो इस सिद्धांत से,
Δx.Δp ≥ h/2π यही हाइजेन वर्ग अनिश्चितता का सिद्धांत है।
8. फोटॉन के गुणों को लिखें।
उत्तर ⇒फोटॉन के गुण
(1) फोटॉन विद्युतः उदासीन होते हैं।
(2) विकिरण ऊर्जा फोटॉन के रूप में होता से गमन करती है।
(3) फोटॉन का विवर्तन हो सकता है।
(4) फोटॉन की ऊर्जा E = hv होती है जहाँ v = आवृत्ति h = प्लांक नियतांक
9. तापायनिक उत्सर्जन से क्या समझते है ?
उत्तर ⇒धातु को अधिक गर्म करने पर स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों को उपयुक्त परिमाण की ऊर्जा प्राप्त हो जाती है जिससे धातु पृष्ठ से इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन होने लगता है, इलेक्ट्रॉनों के इस प्रकार के उत्सर्जन की घटना को तापायनिक उत्सर्जन तथा उत्सर्जित होने वाले इलेक्ट्रॉन तापायन कहे जाते है।
10. देहली आवृति से क्या समझते है ?
उत्तर ⇒विद्युत चुम्बकीय तरंग या प्रकाश का वह न्यूनतम आवृति जिसके लिए धातु पृष्ठ से फोटो इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित कर सके, देहली आवृति कहा जाता है। अर्थात् फोटो इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन के लिए आपतित प्रकाश की आवृत्ति ≥ देहली आवृति ।
11. V विभवांतर से त्वरित इलेक्ट्रॉन से सम्बद्ध डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य का निर्धारण करे ।
उत्तर—यदि एक इलेक्ट्रॉन को, जो विराम में है, विभवांतर V द्वारा त्वरित किया जाता है और विभवांतर द्वारा उत्पन्न त्वरण के कारण इलेक्ट्रॉन v वेग प्राप्त कर लेता है तो
1/2mev2 = e.V ………(i)
जहाँ, me = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
e = इलेक्ट्रॉनिक आवेश
यदि इलेक्ट्रॉनों का संवेग P हो, तो
p2 = m2v2 = 2me.eV
P = √2me.eV . …………(ii)
अतः इलेक्ट्रॉन की डी बोग्ली तरंगदैर्ध्य
λ = h/p = -h/√2me.eV ……….(iii)
∴ n = 6.63 × 10-34 J.S.
m = 9.11 × 10-31 kg
e = 1.60 × 10-19 C
इन सभी मानों को समी. (iii) में रखने पर प्राप्त होता है :
λ = 1.227/√V.nm ……………(iv)
समी. (iv) की मदद से इलेक्ट्रॉन का डी बोग्ली तरंगदैर्ध्य ज्ञात किया जा सकता है।
12. प्रकाश वर्ष क्या है ?
उत्तर ⇒ प्रकाश वर्ष लम्बाई की एक मापन इकाई है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश अपने निर्वात में एक वर्ष में पूरा कर लेता है। 1 प्रकाश वर्ष = 9,460,8 00 000 000 km के बराबर होता है।
13. निरोधी विभव या अंतक विभव से क्या समझते है ?
उत्तर ⇒दी हुई आवृति के प्रकाश के लिए एक निश्चित ऋण विभव पर एक प्रकाश विद्युत धारा शून्य हो जाती है, संग्राहक के इस ऋण विभव को ही निरोधी विभव या अंतक विभव कहा जाता है। इसे V द्वारा सूचित किया जाता है। निरोधी विभव के मान से फोटोइलेक्ट्रॉन की महत्तम गतिज ऊर्जा ज्ञात की जाती महत्तम है।
अतः (K.E) महत्तम = e.Vo
12th Physics Sample Paper
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