Class 12th Sociology Subjective Question Answer 2024 | 12th Ka Sociology Subjective 2024

Class 12th Sociology Subjective Question Answer 2024 :- यदि आप लोग Bihar Board Class 12th Sociology Subjective Question 2024  की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th Sociology Ka Subjective Question 2024 का महत्वपूर्ण प्रश्न दिया गया है | Class 12 Sociology Subjective Question 2024 in hindi


1. भारतीय समाज एवं संस्कृति की दो विशेषताओं का वर्णन करें। 

उत्तर भारतीय समाज की दो विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

(i) वर्ण व्यवस्था (ii) आश्रम व्यवस्था ।

भारतीय संस्कृति की दो विशेषताएँ

(i) प्राचीनता (ii) विभिन्नता में एकता ।


Class 12th Sociology Subjective Question Answer 2024 

2. समाजशास्त्र शब्द की उत्पत्ति किन दो भाषाओं से हुई? 

उत्तर समाजशास्त्र को अंग्रेजी में Sociology कहा जाता है। Sociology शब्द की उत्पति लैटिन शब्द Socius तथा ग्रीक शब्द Logus से हुआ है। Socius का अर्थ समाज एवं Logus का अर्थ विज्ञान होता है। इस प्रकार इस शाब्दिक अर्थ से स्पष्ट होता है कि समाजशास्त्र समाज का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।


3. भारतीय जाति व्यवस्था पर नगरीकरण के प्रभावों का वर्णन करें।

उत्तर ⇒  नगरों में बड़े-बड़े व्यवसाय केन्द्र, उद्योग धंधे, सरकारी दफ्तर, कोर्ट, शिक्षण संस्थान इत्यादि खुल गये। इसके फलस्वरूप व्यापार तथा नौकरी के अवसर बढ़ गये। विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न जातियों के लोगों को एक-दूसरे के निकट आने तथा जानने का मौका मिला। इससे उनके बीच की दूरी धीरे-धीरे समाप्त हो गई तथा जातीय भेदभाव कम हुए। सभी लोग होटलों, सिनेमा तथा अन्य स्थानों में साथ बैठने-उठने लगे। इससे छुआछुत की भावना समाप्त हुई। स्त्री-पुरुष के साथ-साथ पढ़ने, काम करने तथा यात्रा इत्यादि करने से प्रेम विवाह एवं अंतरजातीय विवाह के अवसर बढ़े हैं इससे जाति के विवाह रोकने की प्रतिबल कमजोर हो गये।


4. औद्योगीकरण की विशेषताओं को लिखें।

उत्तर ⇒  औद्योगिकीकरण की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

(i) औद्योगिकीकरण से जीवन स्तर में सुधार आया है।

(ii) भूमंडलीकृत विश्व एक कटोरे में आ गया है जिससे पैसे का प्रसार जन-जन तक पहुँच गया है।


5. भारत में नगरीकरण की प्रमुख प्रवृत्ति की चर्चा करें।

उत्तर ⇒  नगरीकरण का तात्पर्य ग्रामीण क्षेत्रों को नगरीय क्षेत्रों के रूप में बदलना तथा नगरीय जीवन की विशेषताओं का दूसरे क्षेत्रों में विस्तार होना है। नगरीकरण के फलस्वरूप हमारी परंपरागत परिवार व्यवस्था, जाति व्यवस्था, स्त्रियों की परिस्थिति, सामाजिक संरचना आदि में व्यापक परिवर्तन हुए हैं।


6. भारत में नगरीकरण से संबंधित प्रमुख समस्याएँ क्या हैं?

उत्तर  भारत में नगरीकरण की प्रक्रिया जिस तेजी से बढ़ रही है, उसके कारण अनेक समस्याएँ उत्पन्न होने लगी हैं। इन समस्याओं को निम्न रूपों में देखा जा सकता है

(i) आवास की समस्या ⇒ वर्तमान में भारत में जनसंख्या का घनत्व तेजी से बढ़ रहा है। नगरों में सभी लोगों के पास अपना मकान नहीं होता है। फलस्वरूप बड़ी संख्या में लोग किराये के मकान में रहते हैं। अनेक नगरों में लाखों की संख्या में जनता रात में फुटपाथ पर गुजारती है।

(ii) प्रदूषण की समस्या ⇒ नगरीकरण में वृद्धि होने से प्रदूषण की समस्या जनसाधारण के स्वास्थ्य के लिए एक गम्भीर समस्या बन गयी है।

(iii) अपराधों में वृद्धि ⇒ नगरों में अपराध तेजी से बढ़ रहा है। अपहरण, चोरियाँ, बलात्कार और लूट-मार जैसी घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। जालसाजी, शराबखोरी और मादक पदार्थों का सेवन नगरीकरण के घातक परिणाम हैं।


7. भूमंडलीकरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर ⇒  भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण का तात्पर्य विश्व की अर्थव्यवस्था में एकीकरण से है। अर्थव्यवस्थाओं तथा समाजों के बीच सूचना, विचारों, तकनीकों, वस्तुओं, सेवाओं तथा वित्त के बीच समन्वय की प्रक्रिया के साथ वैश्वीकरण से संबंधित है। विभिन्न देशों के लोग तथा समाज इस प्रक्रिया से जुड़े हुए हैं।


8. उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं?”

उत्तर ⇒  साधारण शब्दों में उपनिवेशवाद एक ऐसी दशा है जिसमें एक क्षेत्र या राज्य का शासन किसी विदेशी सरकार द्वारा अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए किया जाता है। ऐसे शासन का उद्देश्य भेदभाव की नीतियों के द्वारा उस क्षेत्र या राज्य के मूल निवासियों का आर्थिक और सामाजिक शोषण करके उन्हें कमजोर बनाना और सरकार द्वारा शक्ति के प्रयोग से अपनी ताकत को निरन्तर बढ़ाना होता है।

अतः उपनिवेशवाद का संबंध किसी राज्य पर विदेशी सत्ता का अधिकार होना है। साथ ही वहाँ के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में भी अपनी संस्कृति के अनुसार परिवर्तन लाने की कोशिश की जाती है।


9. नव-उपनिवेशवाद क्या है?

उत्तर ⇒  प्रजातंत्र तथा स्वतंत्र प्रभुसत्ता के वर्तमान युग में कोई भी देश दूसरे पर अधिकार नहीं कर सकता। इसके बाद भी आज विकसित और शक्तिशाली देश अपने आर्थिक और सैन्य शक्ति के द्वारा कमजोर देशों को अपनी शर्तें मानने के लिए बाध्य कर रहे हैं। इसी दशा को नव उपनिवेशवाद कहा जाता है। वर्तमान युग में भूमण्डलीकरण के नाम पर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का बढ़ता हुआ आर्थिक प्रभाव, उदारीकरण के द्वारा अपने बाजारों का विस्तार तथा मानवाधिकार के सिद्धांत पर व्यापार में लाई जानेवाली कूटनीतिक चालें नव उपनिवेशवाद के विभिन्न रूप हैं।


10. भारत में उपनिवेशवाद से आए किन्हीं दो परिवर्तनों का उल्लेख करें।

उत्तर (i) भारत में उपनिवेशवाद के कारण ग्रामीण उद्योग धन्धों पर बुरा प्रभाव पड़ा। इंग्लैण्ड के उद्योगों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की भारत में खपत करने के लिए कम दाम पर वस्तुओं की आपूर्ति की जाने लगी तथा यहाँ की वस्तुओं को दूसरे देशों में भेजने पर भारी शुल्क लगा दिया गया, फलस्वरूप भारत के परम्परागत उद्योग पूरी तरह नष्ट हो गया।

(ii) भारत के सभी हिस्सों को सड़क और रेलमार्ग से जोड़ा गया तथा पूरे भारत में समान प्रशासनिक और न्यायिक व्यवस्था लागू की गई।

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11. भारत के उदारीकरण के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

उत्तर ⇒  भारत में सन 1980 के दशक के आरम्भ से ही महसूस करने लगा कि सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश उद्योग धीरे-धीरे बीमार होते जा रहे हैं। मिश्रित अर्थव्यवस्था को बनाये रखने के लिए विदेशी वस्तुओं के आयात पर रोक लगाना आवश्यक था। इसके फलस्वरूप विभिन्न वस्तुओं के आयात पर भारी शुल्क लगने लगा। प्रतिस्पर्धा नहीं होने के कारण भारत में बनने वाली वस्तुओं की गुणवत्ता में कोई सुधार न हो सका। इन सभी दशाओं के फलस्वरूप सरकार ने

अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए संरचना आरम्भ किया। सरकार ने सोचा कि भारतीय बाजारों में विदेशी वस्तुओं को लाने से ही यहाँ की अर्थव्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है। जिससे देश के उद्योगों का आधुनिकीकरण हो सकेगा तथा उत्पादकों को नयी औद्यागिकी को उपयोग में लाने की प्रेरणा मिलेगी।


12. भारत में उदारीकरण की चुनौतियों का उल्लेख करें।

उत्तर ⇒  भारत में उदारीकरण के समक्ष निम्नलिखित चुनौतियाँ हैं

(i) गरीबी की समस्या, (ii) बेरोजगारी की समस्या, (iii) ग्रामीण उद्योग-धंधों का विघटन, (iv) उपभोक्ताबाद में वृद्धि, (v) संस्थागत ऋणग्रस्तता में वृद्धि, (vi) महँगाई से पैदा होने वाली निम्न वर्ग की बढ़ती हुई समस्याएँ। आज यह महसूस किया जाने लगा है कि उदारीकरण को ही एक नियोजित रूप देकर जनसाधारण की समस्याओं को दूर करना और समाज में उपयोगी परिवर्तन लाना संभव हो सकता है।


13. औद्योगिकीकरण के उद्देश्यों को स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒  औद्योगिकीकरण एक अत्यन्त जटिल प्रक्रिया है। इसके लिए आवश्यक है कि विभिन्न कारकों का संतुलित विकास किया जाये। औद्योगिकीकरण के पाँच उद्देश्य माने जाते हैं—

(i) उत्पादन को बढ़ाना,

(ii) निर्धनता को दूर करना,

(iii) विदेशी विनिमय की व्यवस्था,

(iv) रहन-सहन के स्तर को उठाना,

(v) लोगों को रोजगार प्रदान करना ।


14. आधुनिकीकरण के विभिन्न क्षेत्रों को स्पष्ट करें।

उत्तर आधुनिकीकरण वास्तव में समाज के एक क्षेत्र में नहीं हो सकता है। यह बहुक्षेत्रीय प्रक्रिया होने के कारण प्रत्येक क्षेत्र से होकर चलता है। इनमें निम्नलिखित क्षेत्र महत्त्वपूर्ण हैं

 राजनैतिक क्षेत्र में आधुनिकीकरण होने से राज्य द्वारा एकता एवं धर्म निरपेक्षता का दृष्टिकोण अपनाया जाता है। धर्म एवं लिंग के आधार पर भेदभाव न करके समानता को बढ़ावा देता है। राज्य में प्रजातंत्रीय प्रणाली अपनाई जाती है।

सामाजिक क्षेत्र में आधुनिकीकरण लाने के लिए सामाजिक समानता को कम किया जाता है। श्रेणीकरण की ऐसी व्यवस्था की जाती है कि व्यक्ति को समाज में अपने पद-बदल की स्वतंत्रता प्राप्त हो ।

आर्थिक क्षेत्र में आधुनिकीकरण लाने के लिए देश में आर्थिक विकास पर अधिक ध्यान दिया जाता है।”


15. पश्चिमीकरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन का व्यापक सिद्धांत यह मानकर चलता है कि परिवर्तन के स्त्रोत व्यवस्था के भीतर भी पाए जाते हैं और बाहर भी पश्चिमीकरण की अवधारणा उन परिवर्तनों से परिचित कराती है। डॉ० श्री निवास ने, पश्चिमीकरण का अर्थ स्पष्ट करते हुए लिखा है कि “मैंने पश्चिमीकरण शब्द का प्रयोग भारतीय समाज व संस्कृति में होने वाले उन परिवर्तनों के लिए किया है जो 150 वर्षों से अधिक समय के अंग्रेजी राज्य के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुए और यह शब्द प्रौद्योगिकी संस्थाओं, वैचारिकी और मूल्यों, आदि विभिन्न स्तरों पर होने वाले परिवर्तनों का समावेश करता है। “


16. आधुनिकीकरण की व्याख्या करें इनकी अवस्थाओं का वर्णन करें।

उत्तर ⇒  परम्परागत समाजों में होने वाले परिवर्तनों या औद्योगिकीकरण के कारण पश्चिमी समाजों में आए परिवर्तनों को समझने तथा दोनों में भिन्नता को प्रकट करने के लिए विद्वानों ने आधुनिकीकरण की अवधारणा को विकसित किया। कुछ लोगों ने आधुनिकीकरण को एक प्रक्रिया के रूप में माना है तो कुछ ने एक प्रतिफल के रूप में स्वीकार किया है। यह प्रक्रिया किसी भी प्रकार के मूल्यों से बंधी हुई नहीं है परन्तु कभी-कभी ज्ञान का अर्थ इच्छा या इच्छित परिवर्तन से लिया जाता है। आधुनिकीकरण को विभिन्न विद्वानों ने परिभाषित किया है।

आधुनिकीकरण की प्रेरणा से प्रेरित होने पर समाज में चार प्रकार की अवस्थायें उत्पन्न होती हैं— (i) वह आधुनिकीकरण करने वाले प्रभावों एवं तत्त्वों के सम्पर्क में आता है, (ii) परम्परागत तरीकों के प्रति अविश्वास एवं निराशा की भावना उत्पन्न होना, (iii) परम्परागत आदतों, आदर्शों एवं मूल्यों से दूर रहना तथा (iv) नयी मान्यताओं, उद्देश्यों एवं संबंधों को अपनाना।

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17. प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति के फलस्वरूप भूमंडलीय संचार व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।

उत्तर ⇒  कुछ समय पहले तक भारतीय समाज में अधिकांश लोगों के संबंध अपने पड़ोस, गाँव, जाति और क्षेत्र तक ही सीमित थे। आर्थिक जीवन में भी हमारे संबंधों का दायरा बहुत छोटा था। जनसंचार के के द्वारा लोगों को पहली बार बाहरी दुनिया की जानकारी मिलना शुरू हुई। नए-नए व्यवसायों की जानकारी मिलने से लोगों के आर्थिक संबंधों का क्षेत्र बढ़ने लगा। साथ ही साथ लोग व्यवहार के उन तरीकों से परिचित होने लगे जो हमारी परंपरागत विशेषताओं से भिन्न थे। इससे नए सामाजिक मूल्यों को प्रोत्साहन मिलने लगा। आज धीरे-धीरे एक ऐसे विश्व समुदाय का निर्माण हो रहा है जिसमें जाति, धर्म, क्षेत्र और संस्कृति से संबंधित भेदभावों को अधिक महत्त्व नहीं दिया जाता। अतः स्पष्ट है कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति होने से भूमंडलीय संचार व्यवस्था से अनेक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं।


18. संस्कृति भूमंडलीकरण के प्रभाव को स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒  भूमंडलीकरण के कारण संस्कृति प्रभावित हो रही है। इसके प्रभाव से वेशभूषा, खानपान, शिष्टता के तरीकों, सम्मान प्रदर्शन और नैतिक मूल्यों पर पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव बढ़ रहा है। अब संगीत और कला का बाजारीकरण हो रहा है। परंपरागत संस्कृति के प्रशिक्षण का अधिक महत्त्व नहीं रहा तथा मनोरंजन के साधनों पर विदेशी संस्कृति का प्रभाव बढ़ रहा है। भूमंडलीकरण ने नव मध्यम वर्ग व्यवहारों में अधिक परिवर्तन पैदा किया है।


19. निजीकरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर ⇒  सामान्य रूप से निजी क्षेत्र में या निजी व्यक्तियों के समूह जब उद्योग-धन्धे चलाते हैं, साथ ही इसे सरकार द्वारा, उद्योग-धन्धे और वाणिज्य व्यापार चलाने के लिए स्वतंत्रता दी जाती है तो यह प्रक्रिया निजीकरण कहलाती है।


20. उदारीकरण की आर्थिक नीति की व्याख्या कीजिए। 

उत्तर ⇒  उदारीकरण के लिए निजी क्षेत्र के उद्योगों पर लगने वाले तरह-तरह के नियंत्रणों को कम किया जाने लगा। वस्तुओं के सीमा शुल्क में कमी की गई। विदेशी कंपनियों को भारत में अपने उद्योग स्थापित करने का प्रोत्साहन दिया जाने लगा। विदेशी कर्ज के स्थान पर विदेशी पूँजी निवेश पर बल दिया गया। नयी प्रौद्योगिकी के द्वारा भारत के उद्योगों में इस तरह सुधार लाने की कोशिश की गई जिससे उनके द्वारा बनायी गई वस्तुओं की गुणवत्ता बढ़ सके। यह सभी बातें उदारीकरण के प्रथम चरण में किया गया।

उदारीकरण के दूसरे चरण में सार्वजनिक क्षेत्र के घाटे वाले उद्योगों को बेचने अथवा उनमें निजी क्षेत्र की साझेदारी को बढ़ाने, औद्योगिक विकास के लिए भारत में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देने तथा खुली बाजार व्यवस्था को प्रोत्साहन देने पर बल दिया गया।


21. अंतर्विवाह को परिभाषित करें। 

उत्तर ⇒  अंतर्विवाह के अंतर्गत व्यक्ति को अपनी जाति, क्षेत्र तथा सामाजिक स्थिति के सदस्य के साथ ही विवाह करने की अनुमति दी जाती है। अर्थात् व्यक्ति को केवल अपनी जाति के अंदर ही नहीं बल्कि अपने ही सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी जाति में उसी सदस्य से विवाह करना आवश्यक है जिसकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति उसके समान हो

Class 12th Sociology Subjective Question 2024 


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