Physics Class 12th Subjective Question in Hindi :- दोस्तों यदि आप Class 12th Science Question Answer 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको Bihar Board Class 12th Physics Question दिया गया है जो आपके Bihar Board Class 12th Question in hindi के लिए काफी महत्वपूर्ण है | Bihar Board Class 12th Exam 2025 Physics Question | Class 12th Hindi
Physics Class 12th Subjective Question in Hindi
1. सिद्ध करें कि गोलीय चालक की धारिता उसकी त्रिज्या (R) के समानुपाती होता है ।
उत्तर ⇒ माना कि R त्रिज्या के गोलीय चालक के सतह पर ” आवेश स्थित है।
अतः चालक के तल पर स्थित किसी बिंदु पर विद्युतीय विभव
V = q/40.R ………….(i)
अतः गोलीय चालक की धारिता
C = q/v = c =40.R ………….(ii)
समी. (ii) से, C.α.R
अतः किसी गोलीय चालक की धारिता का मान उसकी त्रिज्या के समानुपाती होता है।
2. (a) श्रेणीबद्ध एवं (b) समांतरबद्ध संधारित्रों के समतुल्य धारिता का व्यंजक प्राप्त करें ।
उत्तर ⇒ (a) श्रेणीबद्ध संयोजन-
माना कि C. C, तथा C, धारिता के तीन संधारित श्रेणीबद्ध है एवं इनके सिरों के बीच V विभवांतर आरोपित किया जाता है।
यदि तीनों संधारित्रों के परितः उत्पन्न विभवांतर क्रमश: V. V2 तथा V, हो तो हम लिख सकते हैं कि
V=V1 + V2 + V3
V = q/C1+ q/C2+ q/C3 = Q(1/C1+ 1/C2+ 1/C3) …………..(i)
यदि समतुल्य संधारित्र की धारिता C हो, तो चित्र (2) से
V= Q/C …………..(ii)
समी. (i) एवं (ii) से,
Q/C = Q(1/C1+ 1/C2+ 1/C3)
1/C = 1/C1+ 1/C2+ 1/C3 …………..(iii)
समांतरवद्ध संयोजन —
माना कि C1, C2 तथा C3 (Parallel combination) धारिता के तीन संधारित्र समानांतर क्रम में जुड़े हैं। एवं इनके सिरों के बीच ‘V’ विभवांतर आरोपित किया गया है। यदि तीनों संधारित्र से प्रवाहित आवेश q1 ,q2 एवं q3 हो, तो
Q = q1+q2+q3
Q = C1V+ C2V+ C3V
Q = (C1V+ C2V+ C3V) V ………………..(iv)
यदि समतुल्य संधारित की समतुल्य धारिता C हो, तो
Q = CV …………………(v)
समी. (iv) एवं (v) से,
CV = (C1V+ C2V+ C3V) V =C = C1V+ C2V+ C3V ……….. (vi)
समी. (iii) एवं (vi) श्रेणीबद्ध एवं समांतरबद्ध संधारित्रों के समतुल्य धारिता के व्यंजक है।
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3. वान-डी-ग्राफ जनित्र में बेल्ट (फीता) विद्युत रोधी पदार्थ क्यों बना होता है ?
उत्तर ⇒ वान-डी- माफ जनित्र में चालक के नुकीले भाग से वायुकण अथवा धूलकण आवेश प्राप्त कर उनके द्वारा प्रतिकर्षित होकर एक बेल्ट से टकराते हैं। यह बेल्ट विद्युतरोधी पदार्थ का बना होता है इसका काम है कि एक चालक से दूसरे चालक तक आवेश पहुँचाना । इसके लिए यह आवश्यक है कि बेल्ट द्वारा लिया गया आवेश उस पर फैले नहीं बल्कि स्थानीकृत हो । बेल्ट के साथ ये आवेश जब ग्राहक के नुकीले चालक के सिरों के निकट पहुँचते हैं तो नुकीले सिरों से हाकर विपरीत प्रकार के आवशे चालक से बाहर निकलकर बेल्ट पर के आवेश को उदासीन बना देते हैं। इसके लिए बेल्ट को विद्युतरोधी पदार्थ का बना होना आवश्यक है, नहीं तो यह क्रिया संभव नहीं होगा।
4. परावैद्युत शक्ति तथा आपेक्षिक परावैद्युतांक को परिभाषित करें।
उत्तर ⇒ परावैद्युत शक्ति किसी परावैद्युत की शक्ति वह महत्तम क्षेत्र (Dielectric Strength) या विभव प्रवणता है जिस पर आरोपित करने पर इसका विद्युतीय विघटन नहीं होता है। हवा की परावैद्युत शक्ति लगभग 3 x 106 V/m होती है।
आपेक्षिक परावैद्यता- यदि किसी संधारित की प्लेट के बीच का माध्यम E0 हो, तो संधारित्र की धारिता
C0= E0A/d ……………………….(i)
यदि उस संधारित्र की प्लेट के बीच के परावैद्युत माध्यम की परावैद्युता ६, हो, तो संधारित की धारिता
C0 = E0 ErA/d ……………… (ii)
C/C0 = Er ,, यहाँ Er माध्यम की आपेक्षित परावैद्युता है।
5. विद्युत मशीनों में कहीं तीखा कोर या नोक नहीं छोड़ा जाता है, क्यों ?
उत्तर ⇒ किसी चालक के नुकीले भाग की वक्रता त्रिज्या काफी होती है उस भाग के नजदीक विद्युत तीव्रता काफी अधिक हो जाती है। इस स्थिति में हवा का विद्युतरोध भंग हो जाएगा। चालक के नौक से आवेश निकलकर हवा में प्रवाहित होने लगते हैं और तब आवेशित हवा के कण हटते जाते हैं और आवेश लगातार बाहर निकलते जाते हैं। इससे चालक पर आवेश घटता है और चालक अनावेशित हो जाती है।
6. आवेशित खोखले गोले के भीतर विद्युत क्षेत्र सभी स्थानों पर शून्य होता है । व्याख्या करें।
उत्तर ⇒ माना कि किसी खोखले गोले के भीतर एक अन्य गोलीय सतह ली गई है। गॉस के प्रमेय के अनुसार इस गोलीय सतह परकुल विद्युत फ्लक्स 0 = 1/ E0 x q है, जहाँ q= गोलीय सतह के भीतर स्थित कुल आवेश ।
चूँकि आवेशित खोखले गोले के भीतर आवेश का परिमाण शून्य है इसलिए फ्लक्स का भी शून्य होगा। अतः विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान आवेशित गोले के भीतर प्रत्येक बिंदु पर शून्य होगा। 1
7. किसी चालक का तल समविभवी होता है, क्यों ?
उत्तर ⇒ किसी चालक का तल सम विभवी होता है क्योकि उसके किसी बिंदु पर यदि विभव अधिक होता तो आवेश कम विभव वाले बिंदु की ओर प्रवाहित होकर विभव को बराबर कर देता। किसी बंद खोखले आवेशित चालक के भीतर सभी स्थान पर विभव बराबर होता है और चालक के तल के विभव के बराबर होता है क्योंकि चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है।
Physics Question Bihar Board Class 12th
8. किसी संधारित्र में दूसरे चालक प्लेट की क्या भूमिका है ?
उत्तर ⇒ जब दो आवेशित चालक प्लेटों को एक-दूसरे के नजदीक लाया जाता है तो इनके विभव में कमी आती है, जिसके कारण इनकी धारिता बढ़ जाती है। यही कारण है कि दूसरे प्लेट को पहले प्लेट के निकट लाने से धारिता बढ़ जाती है।
9. स्थिर वैद्युत परिरक्षण क्या है? इसके जीवनोपयोगी उपयोग लिखें।
उत्तर ⇒ स्थिर वैद्युत परिरक्षण आकाश के एक निश्चित क्षेत्र को बाहा क्षेत्र से सुरक्षित रखने की घटना को ही स्थिर वैद्युत परिरक्षण कहा जाता है।
उपयोग :
बरसात में तूफान के समय जब आकाशीय बिजली का प्रकोप होता है तो उस समय खुले मैदान की अपेक्षा कार या बस के अंदर रहना अधिक सुरक्षित रहता है। कार या बस का आवरण वैद्युत परिरक्षण प्रदान करता है।
10. दो संधारित्रों की धारिताएँ C, एवं C है। इसके पार्श्ववद्ध एवं श्रेणीबद्ध परिपथ दर्शाइए ।
उत्तर ⇒
11. समानांतर प्लेट संधारित्र में दूसरे प्लेट का क्या कार्य है ?
उत्तर ⇒ समानांतर प्लेट संधारित्र में दो धात्वीय प्लेटे होती है जिसमें एक को आवेश दिया जाता है और दूसरी को पृथ्वी से सम्बंधित कर दिया जाता है जिससे संधारित्र की धारिता बढ़ जाती है।
12. दो समान धन विद्युत आवेश के निकाय के बगल में विद्युत बल रेखाएँ खींचे।
उत्तर ⇒
13. विद्युतीय द्विषुव के एक समान विद्युतीय क्षेत्र में स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर ⇒ एक समान विद्युतीय क्षेत्र में विद्युतीय द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा की माप उस कार्य से की जाती है तो उसी द्विध्रुव को किसी प्रमाणिक स्थिति से वर्तमान स्थिति तक ला दे।
इसके लिए θ = 90° को प्रमाणिक स्थिति लिया गया।
अतः विद्युतीय द्विध्रुव को θ = 90° से θ = θ तक विक्षेपित करने में संपादित कुल कार्य
यही कार्य विद्युतीय द्विभुव में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संगित जाता है। अतः विद्युतीय द्विध्रुव की स्थिति ऊर्जा
P.E. (U) = – PE cos θ = -P.E
समी. (ii) आवश्यक व्यंजक है।
bihar board 12th ka question answer 2024
14. किसी चालक की धारिता को प्रभावित करने वाले कौन-कौ कारक है ?
उत्तर ⇒ किसी चालक की धारिता को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक है :
(1) चालक का पृष्ठीय क्षेत्रफल
(2) चालक के निकट अन्य चालकों की उपस्थिति
(3) चालक के चारों ओर के माध्यम की प्रकृति।
15. संधारित्र के ऊर्जा घनत्व का व्यंजक प्राप्त करें । उत्तर—हम जानते हैं कि संधारित्र के दोनों प्लेटों के बीच प्रति एकांक आयतन में संचित ऊर्जा को ऊर्जा घनत्व कहा जाता है। इसे ” द्वारा सूचित किया जाता है।
उत्तर ⇒ ऊर्जा घनत्व (1) = संचित ऊर्जा (U)/आयतन
E: समी॰ (1) संधारित्र के ऊर्जा घनत्व का व्यंजक है।
16. ध्रुवीय तथा अधुवीय परावैद्यत से क्या समझते है ?
उत्तर ⇒ ध्रुवीय परावैद्युत-वैसे परावैद्युत जिसमें घन आवेश तथा ऋण आवेश का केन्द्र अलग-अलग होते हैं, ध्रुवीय परावैद्युत कहलाता है। ऐसे परावैद्युत का स्थायी द्विध्रुव आघूर्ण होता है। उदाहरण HCI, H2O इत्यादि ।
अध्रुवीय परावैद्युत-वैसे परावैद्युत जिसमें धन आवेश तथा ऋण आवेश का केन्द्र एक ही बिंदु पर संपाती होते है, अध्रुवीय परावैद्युत कहा जाता है। ऐसे परावैद्युत का द्विध्रुव शून्य होता है। उदाहरण H2 , O2 , CO2 , इत्यादि ।
17. कूलम्ब के नियम का महत्व बताइए।
उत्तर ⇒ कूलम्ब का नियम बहुत बड़ी दूरियों से लेकर बहुत छोटी दूरियों (नाभिकीय दूरी से ज्यादा) के लिए सत्य है। इस नियम से उन बलो की भी व्याख्या करने में सहायता मिलती है जिनके कारण
(i) किसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन उसके नाभिक के साथ बाँधकर परमाणु की रचना करते हैं।
(ii) दो या दो अधिक परमाणु परस्पर संयुक्त होरक एक अणु की रचना करते है।
18. जब किसी परावैद्युत प्लेट को बाहरी विद्युत क्षेत्र में रखते है तो परावैद्युत प्लेट के अंदर विद्युत क्षेत्र कम क्यों हो जाता है ?
उत्तर ⇒ परावैद्युत गुटके को बाहरी विद्युत क्षेत्र में रखने पर इसके अणुओं का धूवण हो जाता है: फलस्वरुप इसके अंदर बाहरी क्षेत्र हो जाता है। इसलिए बाहरी क्षेत्र में रखने पर परावैद्युत प्लेट के अंदर विद्युत क्षेत्र घट जाता है।
19. एक आवेशित संधारित्र और सेल में क्या अंतर है ?
उत्तर ⇒ आवेशित संधारित्र में संचित ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा प्रदान करता है जबकि विद्युत सेल नियत विभवांतर पर रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती है।
20. आवेश के आयतन घनत्व की परिभाषा दे एवं इसका SI मात्रक लिखें।
उत्तर ⇒ किसी चालक के प्रति एकांक आयतन में स्थित आवेश के परिमाण को आवेश का आयतन घनत्व कहा जाता है। इसे ‘p’ द्वारा सूचित किया जाता है।
अतः आवेश का आयतन घनत्व σ = Q/V
आवेश के आयतन घनत्व का SI मात्रक c/m2 होता है।
21. आवेश के पृष्ठीय घनत्व से क्या समझते हैं ? इसका SI मात्रक लिखें।
उत्तर ⇒ आवेश का पृष्ठीय घनत्व किसी चालक के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर स्थित आवेश के परिमाण को आवेश का पृष्ठीय घनत्व कहा जाता है। इसे ‘σ’ द्वारा सूचित किया जाता है।
आवेश का पृष्ठीय घनत्व σ = Q/A
आवेश के पृष्ठीय घनत्व का SI मात्रक c/m2 होता है।
22. चालक की धारिता से आप क्या समझते है ?
उत्तर ⇒ चालक की विद्युत धारिता- किसी चालक की विद्युत धारिता या धारिता संख्यात्मक रूप से उस आवेश के बराबर होती है जो उसका विभव एकांक से बढ़ा दें।
किसी चालक की विद्युत धारिता से उस चालक द्वारा आवेश संचित करने की क्षमता व्यक्त होती है। विद्युत-धारिता का SI मात्रक पैराड (F) है।
23. विद्युत अनुनाद को समझाएँ
उत्तर ⇒ विद्युत अनुनाद (Electrical Resonance ) — किसी निश्चित आवृत्ति पर धारा-आयाम के महत्तम होने की घटना को अनुनाद कहा जाता है। अनुनाद की स्थिति में परिपथ की प्रतिबाधा मूलतः उसके प्रतिरोध के बराबर होती है।
Physics Class 12th Question Answer
Class 12th – Physics Objective | ||
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