Psychology Short Question Answer Class 12th :- दोस्तों यदि आप लोग 12th Psychology Subjective Question 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको Psychology Subjective Questions And Answers Class 12 का महत्वपूर्ण प्रश्न दिया गया है | 12th arts psychology book Question Answer 2024
Psychology Short Question Answer Class 12th
1. विभ्रम क्या है ? (What is hallucination ?)
उत्तर ⇒ किसी बाह्य उद्दीपक की अनुपस्थिति में व्यक्ति में होने वाला प्रत्यक्षण को विभ्रम कहा जाता है। इस प्रकार के विभ्रम में रोगी ईश्वर, देवता तथा अपने मृत सम्बन्धियों का दर्शन करते हैं। उन्हें यह भी विभ्रम हो जाता है कि उनके दुश्मन बिजली के तार से या जहर देकर उनकी हत्या करना चाहता है।
2. संस्कृति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। (Write a short note on culture.)
उत्तर ⇒ संस्कृति का तात्पर्य मूल्यों, विश्वासों, मानदण्डों, कौशलों तथा प्रतीकों के तंत्रों से है, जो एक समाज द्वारा विकसित होते हैं तथा उसके सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किये जाते हैं।
3. पराहं की विशेषताओं को लिखें।
उत्तर ⇒ पराहं मन के गत्यात्मक पहलू का तीसरा प्रमुख प्रतिनिधि है जो समाजीकरण तथा आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है। पराहं को व्यक्तित्व का नैतिक शाखा माना गया है जो व्यक्तित्व को उचित-अनुचित से अवगत करता है। यह आदर्शवादी सिद्धांत द्वारा नियंत्रित होता है।
4. दमन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। (Write a short note on repression.)
उत्तर ⇒ दमन एक ऐसा अहं रक्षा प्रक्रम है जिसके द्वारा चिंता, तनाव मानसिक द्वन्द्व उत्पन्न उत्तर रनेवाली असामाजिक एवं अनैतिक इच्छाओं को चेतना से हटाकर व्यक्ति अचेतन में भेज देता है।
5. समय प्रबंधन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर ⇒ समय प्रबंधन व्यक्ति का एक प्रमुख जीवन कौशल हैं समय प्रबंधन से तात्पर्य – महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान्त कार्यों एवं तुलनात्मक रूप से कम महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान कार्यों को करने के लिए दिए जाने वाले समय का एक संतुलित बंटवारा से होता है।
6. मद्यपानता संबद्ध विकार पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर ⇒ मद्यपानता उत्तर मद्यपानता एक ऐसा व्यवहार है जिसमें व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से मद्यपान पर आश्रित हो जाता है जिसका बुरा प्रभाव व्यक्ति के संपूर्ण जीवन पर पड़ता है। मद्यपानता से संबंधित मुख्य विकृतियाँ निम्नलिखित हैं
(i) विकृत मादकावस्था (Pathological intoxicication)
(ii) कम्पोन्माद (Delirium termes)
(iii) तीव्रविभ्रमावस्था (Acute hallucinosis )
(iv) जीर्ण मद्यप अवनति या ह्यास (Chronic alcoholic deterioration)
12th Psychology Subjective Question 2024
7. चिंता मनोविकार क्या है? (What is anxiety disorder ?)
उत्तर ⇒ असामान्य मनोविज्ञान में चिंता एवं इससे उत्पन्न मानसिक विकृतियों पर सर्वाधिक ध्यान दिया गया है। इस तरह की चिंता से कई तरह के मानसिक विकृतियों की उत्पत्ति होती है, जिसे पहले एक सामान्य नैदानिक श्रेणी में रखा गया है।
DSM-IV (TR) में चिंता विकृति से तात्पर्य वैसी विकृति से होता है जिसमें क्लांइट या रोगी में अवास्तविक चिंता एवं अतार्किक डर की मात्रा इतनी अधिक होती है कि उससे उसका सामान्य जिंदगी का व्यवहार अपअनुकूलित हो जाता है तथा इसमें व्यक्ति अपनी चिंता की अभिव्यक्ति बिल्कुल ही स्पष्ट ढंग से करता है।
8. असामान्य व्यवहार के मनोबैज्ञानिक कारक या कारण का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ बहुत सारे मनोवैज्ञानिक एवं अंतर वैयक्तिक कारक है जो असामान्य व्यवहार की उत्पत्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन कारकों में आरंभिक वंचन, अपर्याप्त जनकता तथा रोगात्मक पारिवारिक संरचना आदि प्रधान हैं। असामान्य व्यवहार की उत्पत्ति की व्याख्या करने के लिए मनोवैज्ञानिकों द्वारा कुछ विशेष मॉडल का भी वर्णन किया है। इन मॉडलों में मनोगतिकी मॉडल, व्यवहारवादी मॉडल, संज्ञानात्मक मॉडल तथा मानवतावादी – अस्तित्व परक मॉडल प्रमुख हैं।
9. अवसाद के पूर्ववर्ती कारकों का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ अवसाद के पूर्ववर्ती कारक – मुख्य अवसादी तथा द्विध्रुवीय विकारों में आनुवंशिक विकारों में आनवंशिक संरचना या आनुवंशिक खतेरे का एक महत्त्वपूर्ण कारण है। उम्र भी इस विकार के खतरे का कारण है। उदाहरणार्थ स्त्रियों को प्रारंभिक प्रौढ़ावस्था में अधिक खतरा रहता है जबकि पुरुषों के लिए प्रारंभिक मध्यावस्था में सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसी तरह लिंग
भी एक महत्त्वपूर्ण कारण होता है जिसकी भूमिका इन विभेदक खतरों के संदर्भ में होती है। उदाहरणार्थ, पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में अवसादी विकार से ग्रसित होने की संभावना अधिक रहती है। अन्य खतरे के कारण, जीवन की नकारात्मक घटनाओं और सामाजिक अवलंब की कमी का अनुभव करता है।
10. व्यवहार पर टेलीविजन के समाधान को लिखें।
उत्तर ⇒ टेलीविजन का व्यवहार पर निम्नलिखित प्रभाव हैं
(i) टेलीविजन से बच्चों में पढ़ने एवं लिखने की आदत कमजोर हो जाता है।
(ii) टेलीविजन के कारण व्यक्ति अपनी जिंदगी में भी वैसा ही अवास्तविक समाधान निकालने की कोशिश करता है।
(iii) टेलीविजन के कुछ कार्यक्रम को देखकर किशोर एवं किशोरियाँ दिग्भ्रमित हो जाती हैं।
11. मनोदशा विकृति क्या ? इसके मुख्य प्रकार कौन-कौन हैं ?
उत्तर ⇒ मनोदशा विकृति वास्तव में मानसिक विकृति का एक प्रकार है। इसमें व्यक्ति की मनोदशां अथवा संवेगात्मक स्वर में असंतुलन विकसित हो जाता है।
इसके मुख्य दो प्रकार हैं जिन्हें एकपक्षीय मनोदशा (unipolar depression) तथा द्विपक्षीय विषाद् (bipolar depression) कहते हैं। एकपक्षीय विषाद में रोगी सदा विषाद की स्थिति में रहता
जबकि द्विपक्षीय विषाद में रोगी कभी मनोदशा की स्थिति में और कभी उत्साह (mania) की स्थिति में रहता है। इसको उत्साह विषाद मनोविकृति (Manic-depressive psychotic disorder) कहा जाता है।
12. चिकित्सा के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
उत्तर ⇒ मनोविज्ञान में चिकित्सा या मनोचिकित्सा का उद्देश्य रोगी के मानसिक समस्याओं दूर करके उसमें आत्मबोध तथा सामर्थ्य आदि विकसित करना होता है। इसके प्रमुख उद्देश्य को है रोगी में अन्तरदृष्टि उत्पन्न करना, मानसिक संघर्षों में न्यूनता लाना, पर्यावरण में परिवर्तन करना, धारणाओं के परिवर्तन में मदद करना, संवेगात्मक रेचन में मदद करना, अवांछनीय आदतों के परिवर्तन में मदद करना आदि।
Psychology Subjective Questions And Answers Class 12
13. व्यवहार चिकित्सा की मॉडलिंग प्रविधि का वर्णन संक्षेप में करें।
उत्तर ⇒ व्यवहार चिकित्सा की मॉडलिंग प्रविधि का उपयोग सर्वप्रथम बैण्डुरा (Bandura) ने किया था। इस प्रविधि में रोगी दूसरे व्यक्ति या मॉडल (चिकित्सक) को एक खास व्यवहार करते देखता है और उससे विशेष अनुभव प्राप्त करता है। इस तरह के प्रेक्षण के आधार पर रोगी वांछित व्यवहार को धीरे-धीरे सीख लेता है तथा अवांछित व्यवहार का परित्याग करता है।
14. व्यवहार चिकित्सा क्या है? उल्लेख करें।
उत्तर ⇒ व्यवहार चिकित्सा विधि का प्रतिपादन जे० वी० वाटसन (J.B. Watson) द्वारा किया गया। यह सीखने के नियमों विशेषकर क्लासिकी अनुबंधन तथा क्रिया प्रसूत अनुबंधन (operant
conditioning) के नियमों पर आधारित एक प्रमुख चिकित्सा विधि है। व्यवहार चिकित्सा विधि का मानना है कि गलत शिक्षण के कारण कुसमायोजित व्यवहार अथवा मानसिक बीमारी उत्पन्न होती है। अतः इस विधि द्वारा मानसिक रोगियों का उपचार उनके व्यवहार में शिक्षण के द्वारा परिमार्जन लाकर किया जाता है।
15. संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा क्या है?
उत्तर ⇒ संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा के अनुसार मानसिक रोग का कारण गलत संज्ञान और चिंतन हैं। अतः गलत संज्ञान या चिन्तन को हटाकर सही संज्ञान या चिन्तन रोगी में विकसित कर दिया जाए तो इससे रोग स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। इसके दो प्रमुख प्रकार हैं (i) रैसनल एमोटिव चिकित्सा तथा (ii) बेक का संज्ञानात्मक चिकित्सा
16. लोगो चिकित्सा की विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ लोगो चिकित्सा से तात्पर्य उस चिकित्सा पद्धति से है जिसमें रोगी के अपने अस्तित्व के अर्थ के विश्लेषण पर बल दिया जाता है। यहाँ रोगी को वही व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो उसके भय का कारण होता है। यहाँ रोगी को चिन्ता उत्पन्न करने वाली चीज से ध्यान हटाकर किसी अन्य रचनात्मक विषय में लगाया जाता है। जिसके फलस्वरूप रोगी में नई चेतना एवं सूझ-बूझ विकसित हो जाती है।
17. मनोविश्लेषणात्मक विधि के गुणों का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ मनोविश्लेषणात्मक विधि के कुछ प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं—
(i) यह एक तात्विक चिकित्सा है, जिससे रोग के कारणों की खोज करके उनको जाता है। दूर किया
(ii) इस विधि द्वारा चिन्ता विकृति, हिस्ट्रीया, स्नायु विकृति, विषाद आदि का उपचार सफलतापूर्वक किया जाता है।
(iii) इस चिकित्सा में गहनता का गुण पाया जाता है।
BSEB 12th Psychology Short Question Answer
18. योग के आठ अंग कौन-कौन से है?
उत्तर ⇒ पतंजलि ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक योगसूत्र में योग के आठ अंग बताया है— 1. यम 2. नियम 3. आसन 4. प्राणायाम 5. प्रत्याहार 6 धारणा 7. ध्यान 8. समाधि। इसे अष्टांग योग कहा जाता है।
19. योग चिकित्सा के महत्त्व पर प्रकाश डालें।
उत्तर ⇒ योग भारतीय संस्कृति की एक प्राचीन जीवन शैली है। आधुनिक युग में योग मनश्चिकित्सा का सशक्त माध्यम बन गया है। योग चिकित्सा का महत्त्व यह है कि इसके माध्यम से चिकित्सा होने पर रोगी को किसी प्रकार के आघात का अनुभव नहीं होता है। इसी कारण आज योग द्वारा शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्राप्त करने की पद्धति पूरे विश्व में मान्य है। साथ ही साथ मनोविकारों के उपचार में भी इसमें सहायता ली जा रही है।
20. मनोवृत्ति के संज्ञानात्मक संघटक से आप क्या समझते हैं?.
उत्तर ⇒ मनोवृत्ति के संज्ञानात्मक संघटक से तात्पर्य यह है कि व्यक्ति मनोवृत्ति वस्तु का प्रत्यक्षीकरण किस रूप में करता है। अर्थात किसी मनोवृत्ति वस्तु के प्रति हमारी जो धारणा और विश्वास होता है, उसे ही मनोवृत्ति का संज्ञानात्मक संघटक कहा जाता है। जैसे कुछ व्यक्तियों द्वारा सत्संग का आयोजन की तैयारी की जा रही है और हमारा सोच, विश्वास, प्रत्यक्षण आदि ऐसा है कि सत्संग एक अच्छी चीज है और इससे व्यक्ति में अध्यात्मिक शुद्धि आती है, तो यह संज्ञानात्मक संघटक का उदाहरण है।
21. मनोवृत्ति तथा विश्वास में अंतर बताएँ।
उत्तर ⇒ (i) मनोवृत्ति में संज्ञानात्मक तथा व्यवहारात्मक संघटकों के साथ-साथ भावात्मक संघटक (feeling component) भी उपलब्ध होता है, जबकि विश्वास में यह संघटक नहीं होता है ।
(ii) विश्वास वास्तव में मनोवृत्ति का एक अंश मात्र है। अतः प्रत्येक मनोवृत्ति में विश्वास शामिल होता है, परंतु प्रत्येक विश्वास में मनोवृत्ति निहित नहीं होती है।
(iii) मनोवृत्ति दिशात्मक (directional) होती है। यह प्रायः सकारात्मक (positive) या नकारात्मक (negative) होती है। लेकिन, विश्वास में यह गुण नहीं होता है।
(iv) विश्वास की अपेक्षा मनोवृत्ति में व्यवहारात्मक पक्ष अधिक सबल होता है। विश्वास में भाव-पक्ष के अभाव के कारण व्यवहार या क्रिया करने की तीव्र बाध्यता नहीं होती है, जबकि मनोवृत्ति में भाव- पक्ष की प्रधानता के कारण व्यवहार या क्रिया करने की तीव्र बाध्यता होती है।
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