12th Psychology VVI Subjective Question 2024 in Hindi :- दोस्तों यदि आप लोग Bihar Board 12th Psychology Questions and Answers 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको Psychology Subjective Questions and Answers pdf का महत्वपूर्ण प्रश्न दिया गया है | BSEB Psychology class 12 book all chapters important question 2024
12th Psychology VVI Subjective Question in Hindi
1. अहम् रक्षा युक्तियों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर ⇒ फ्रायड – कें अनुसार जब मनुष्य के जीवन में किसी बाह्य खतरों से चिंता उत्पन्न होती है और इसका सामना वह यथार्थवादी तरीकों से नहीं कर पाता है, तो ऐसी स्थिति में वह अचेतन रूप से अवास्तविक प्रतिरक्षा तंत्र का उपयोग कर अपनी चिन्ता को कम या समाप्त करने की चेष्टा करता है तो ऐसे युक्तियों या तंत्र को अहंप्रतिरक्षा युक्ति या प्रक्रम कहते हैं। यदि ये युक्तियाँ सीमा से अधिक उपयोग किये जाते हैं तब व्यवहार विकृत और असामान्य हो जाते हैं।
2. शीलगुण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर ⇒ शीलगुण, व्यवहार करने का एक विशेष, निश्चित एवं स्थायी तरीका है। व्यक्ति की स्थायी विशेषताएँ जिनके कारण उसके व्यवहार में स्थिरता दिखाई पड़ती है, शीलगुणों के नाम से जानी जाती है। हिलगार्ड इत्यादि (Hilgard etat 1975) के अनुसार “शीलगुणों से तात्पर्य उन
विशेषताओं से है जिनमें कोई व्यक्ति अन्य व्यक्तियों से अपेक्षाकृत, स्थाई एवं निरंतर रूप में भिन्न प्रतीत होता है । ” इस प्रकार शीलगुणों का आशय व्यक्ति की अपनी विशेषताओं से है। जैसे प्रभुत्व और अधीनता, संवेगात्मक स्थिरता और अस्थिरता, ईमानदारी, आकांक्षा का स्तर, सामाजिकता आदि ।
3. प्रक्षेपी परीक्षण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ व्यक्तित्व मापन का यह एक अप्रत्यक्ष विधि है जिसके सहारे व्यक्ति के व्यवहार के अचेतन अभिप्रेरक एवं भाव को जानने की कोशिश की जाती है। इस विधि में व्यक्ति के सामने कुछ अस्पष्ट तथा असंगठित उद्दीपक या परिस्थिति दिया जाता है और इसके प्रति व्यक्ति कुछ अनुक्रिया करता है। इन अनुक्रियाओं में व्यक्ति अचेतन रूप से अपनी इच्छाओं, त्रुटियों एवं मानसिक संघर्षों को प्रक्षेपित करता है जिसका विश्लेषण करके उसके व्यक्तित्व शीलगुणों के बारे में हम एक निष्कर्ष निकालते हैं।
4. सर्जनात्मकता को समझाइये । (Explain creativity.)
उत्तर ⇒ सर्जनात्मकता का शाब्दिक अर्थ होता है—’निर्माण करने की योग्यता’। अर्थात् नई चीज की रचना तथा किसी नवीन एवं मौलिक चीजों का उत्पादन करने की योग्यता सर्जनात्मकता कहलाती है। इजरेली (Israile) के अनुसार– ‘सर्जनात्मकता किसी नवीन वस्तु का निर्माण एवं परिचालन करने की क्षमता है। ‘
5. शेल्डन के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकारों का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ शेल्डन ने व्यक्तित्व के तीन प्रमुख प्रकार बतलाये हैं
(i) एण्डोमार्फी (endomorphy)
(ii) एक्टोमार्फी (ectomorphy) तथा
(iii) मेसोमार्फी (mesomorphy)
12th Psychology VVI Subjective Question 2024
6. क्रेश्मर के अनुसार व्यक्तित्व प्रकार को लिखें।
उत्तर ⇒ क्रेश्मर ने शारीरिक रचना के आधार पर व्यक्तित्व के तीन प्रकार बतलाए हैं कृशकाय (Athenic), पुष्टकाय (Athletic) तथा स्थूलकाय (Pyknic)। लंबे तथा दुबले-पतले शरीर वाले व्यक्ति को कृशकाय कहा गया। ऐसे लोग चिड़चिड़ा मिजाज के होते हैं। पुष्टकाय व्यक्ति का शरीर औसत कद का होता है। ऐसे व्यक्ति में एक सामान्य व्यक्ति के शीलगुण पाये जाते हैं। मोटे तथा नाटे शरीर वाले व्यक्ति को स्थूलकाय कहते हैं। ऐसे लोग शांतिप्रिय तथा खुशमिजाज होते हैं।
7. व्यक्तित्व के विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ व्यक्तित्व को निम्नलिखित विशेषताओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
(i) इसके अंतर्गत शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक दोनों ही घटक हो सकते हैं।
(ii) किसी व्यक्ति विशेष में व्यवहार के रूप में इसकी अभिव्यक्ति पर्याप्त रूप से अनन्य होती है।
(iii) इसकी प्रमुख विशेषताएँ साधारणतया समय के साथ परिवर्तित नहीं होती है।
(iv) यह इस अर्थ में गत्यात्मक होता है कि इसकी कुछ विशेषताएँ आंतरिक अथवा बाह्य स्थितिपरक माँगों के कारण परिवर्तित हो सकती है। इस प्रकार व्यक्तित्व स्थितियों के प्रति अनुकूलनशील होता है।
8. कुछ व्यक्तित्व-शील गुणों का वर्णन करें ।
उत्तर ⇒ व्यक्ति के मुख्य शीलगुण निम्नलिखित हैं—
(i) शारीरिक शीलगुण – शरीर की लंबाई, मोटाई, रंग-रूप आदि को शारीरिक शीलगुण कहते हैं।
(ii) मानसिक शीलगुण – बुद्धि, मानसिकता, मनोवृत्ति, ईमानदारी, बेईमानी आदि को मानसिक शीलगुण कहते हैं।
(iii) सामाजिक शीलगुण — इस वर्ग के शीलगुणों के अंतर्गत सामाजिकता, मानवता, सहायता व्यवहार आदि की गणना की जाती है।
9. मनोवैज्ञानिक शील गुणों के प्रकारों का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ मनोवैज्ञानिक शील गुणों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है.
(i) बुद्धि ( Intelligence) – यह एक महत्त्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक गुण है। बुद्धि का तात्पर्य एक समग्र योग्यता से है जो व्यक्ति को तर्कपूर्ण चिंतन, उद्देश्यपूर्ण कार्य तथा प्रभावपूर्ण समायोजन में सहायक होती है।
(ii) अभिक्षमता (Aptitude) — इसका अर्थ यह है कि कोई व्यक्ति मूर्त कार्य में अधिक कुशल होता है, जबकि कोई व्यक्ति अमूर्त कार्य में अधिक सक्षम होता है।
(iii) मनोवृत्ति (Attitude)– यह भी एक मानव गुण है जो विभिन्न लोगों में अलग-अलग होती है। किसी की मनोवृत्ति पढ़ने के अनुकूल होती है और किसी की मनोवृत्ति प्रतिकूल होती है। मनोवृत्ति या तो सकारात्मक होती है या नकारात्मक होती है।
10. अंतर्मुखी तथा बहिर्मुखी व्यक्तित्व में अंतर बताइए।
उत्तर ⇒ युंग ने मानसिक शीलगुणों के आधार पर व्यक्तित्व को अन्तर्मुखी तथा बहिर्मुखी प्रकार में बाँटा है। अन्तर्मुखी व्यक्ति संकोचशील, लज्जालु तथा आत्मकेन्द्रित होता है। ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति एकान्त प्रेमी होते हैं। रूढ़िवादी अधिक होते हैं तथा इनमें सम्बन्ध आवश्यकता कम होती है। ऐसे व्यक्तित्व पुराने मूल्यों को अधिक महत्त्व देते हैं। उनके विचार में दृढ़ता पायी जाती है। इसके विपरीत बहिर्मुखी व्यक्तित्व में संवर्धन आवश्यकता अधिक होती है। ऐसे लोग मिलनसार होते हैं। इनके विचार एवं व्यवहार में लचीलापन होता है। इनमें यथार्थता अधिक देखी जाती है। ये नये मूल्यों को अधिक महत्त्व देते हैं। इनमें उदारता अधिक देखी जाती है।
Bihar Board 12th Psychology Questions and Answers 2024
11. व्यक्तित्व मूल्यांकन के आत्म-प्रतिवेदन विधि का मूल्यांकन करें ।
उत्तर ⇒ आत्म प्रतिवेदन विधि उस विधि को कहते हैं, जिसमें व्यक्ति अपने व्यक्तित्व के संबंध में स्वयं सूचना देता है। पूछे गए प्रश्नों के उत्तरों के विश्लेषणों के आधार पर उसके
व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है। यदि व्यक्ति अपने संबंध में सही-सही सूचना देता है तो उसके व्यक्तित्व का मापन बहुत सही होता है। कारण यह है कि व्यक्ति अपने संबंध में स्वयं जितना सही जानकारी रखता है, उतनी जानकारी किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं हो पाती है। लेकिन, इस विधि में आत्मनिष्ठता (subjectivity) का दोष पाया जाता है।
12. सामाजिक तनाव का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ सामाजिक तनाव का तात्पर्य उस सामाजिक स्थिति से है जिसमें समाज या समूह के सभी या अधिकांश सदस्य चिंता, अशांति तथा बेचैनी महसूस करते हैं और पेशीय तनाव के भावों से प्रीड़ित होते हैं।
13. तनाव हमारे स्वास्थ्य को किस ढंग से प्रभावित करता है?
उत्तर ⇒ प्रतिबल हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है। इससे सहानुभूतिक तंत्रिका तंत्र सक्रिय हो जाती है जिससे ऐडरिनलिन तथा नॉर एडरिनलिन मुक्त होता है, हृदय धड़कन बढ़ जाता है, रक्त चाप बढ़ जाता है, पेशीय तनाव बढ़ जाता है। रक्त का बहाव आन्तरिक अंगों के अस्थिपंजर पेशियों की ओर होने लगती है, पाचन क्रिया मंद पड़ जाती है या रुक जाती है। यकृत द्वारा चीनी अधिक मुक्त होता है। व्यक्ति उच्च रक्त चाप तथा चीनी की बीमारी से ग्रसित हो जाता है तथा हृदय रोगी हो जाता है। ये व्यक्ति कुसमायोजित व्यवहार तथा मानसिक विकृतियों का शिकार हो जाता है।
14. तनाव के किन्हीं दो प्रमुख स्त्रोतों का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ उन घटनाओं तथा दशाओं का प्रसार बहुत व्यापक है जो तनाव को उत्पन्न करती है। उनमें से सबसे महत्त्वपूर्ण जीवन में घटने वाली घटनाएँ हैं जैसे किसी प्रियजन की मृत्यु या व्यक्तिगत चोट, खीज उत्पन्न करने वाली दैनिक जीवन की परेशानियाँ जो बहुत आवृत्ति के साथ घटित होती है तथा अभिघातक घटनाएँ जो हमारे जीवन को प्रभावित करती है जैसे—अग्निकांड, सुनामी, भूकंप आदि।
15. तनाव या दबाव का सामना करने के विभिन्न उपायों का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ प्रतिबल का सामना करना या इसे प्रवर्धित करने के कई तरीके हैं— सर्वप्रथम तरीका है कि पारिवारिक कार्यक्रम जिसमें परिवार के सदस्यों के सक्रिय प्रयास से पीड़ित को तनाव से बचाने का प्रयास किया जाता है।
प्रतिबल का प्रवर्धित करने का दूसरा उपाय है। व्यावसायिक व्यवहार जिसमें पीड़ित को एक उपयुक्त व्यवसाय में लगाकर उनका ध्यान प्रतिबल के संज्ञान से दूर हटाया जाता है। प्रतिबल को प्रवर्धित करने का तीसरा उपाय है संज्ञान में परिवर्तन । यहाँ विभिन्न उपायों द्वारा पीड़ित के संज्ञान में परिवर्तन लाकर उसे प्रतिबल के प्रभाव से दूर किया जाता है।
Class 12th Psychology VVI Subjective 2024
16. सामूहिक अचेतन का अर्थ बताइए।
उत्तर ⇒ सामूहिक अचेतन युंग के द्वारा दिया गया संप्रत्यय है। युंग ने अचेतन को दो भागों में बाँटा है व्यक्तिगत अचेतन तथा सामूहिक अचेतन युंग के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तिगत
अचेतन भिन्न-भिन्न होता है लेकिन जातीय या सामूहिक अचेतन पूरे मानव जाति में एक समान पाया जाता है। सामूहिक अचेतन अचेतन का अन्दर का भाग होता है जो व्यक्ति के जन्म के समय से ही मौजूद रहता है। सामूहिक अचेतन में व्यक्ति के पूर्वजों की इच्छाएँ तथा उनके अनुभवों से उत्पन्न प्रभाव सन्निहित रहते हैं जो व्यक्ति के संस्कार कहलाते हैं।
17. सामान्य अनुकूलन संलक्षण क्या है?
उत्तर ⇒ हंस सेल्ये ने दबाव (तनाव) के दैहिक परिणामों की व्याख्या करने के लिए एक विशेष पैटर्न जिसे सामान्य अनुकूलन संलक्षण कहा गया है, का प्रतिपादन किया है। इस मॉडल के अनुसार तनाव की तीन अवस्थाएँ होती हैं—
(i) सचेत प्रतिक्रिया की अवस्था, (ii) प्रतिरोध की अवस्था तथा (iii) परिश्रांति की अवस्था
18. दबाव कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर ⇒ दबाव या प्रतिबल के कई प्रकार हैं, जिनमें निम्नलिखित मुख्य हैं
(i) भौतिक एवं पर्यावरणीय दबाव — भूख कम लगना, शारीरिक प्रतिबल महसूस करना, चोट लग जाना आदि भौतिक प्रतिबल हैं। इसी प्रकार शोरगुल, वायु प्रदूषण, अत्यधिक गर्मी या सर्दी आदि पर्यावरणीय दबाव हैं।
(ii) मनोवैज्ञानिक दबाव — इस तरह के दबाव के स्रोत आंतरिक होते हैं, जैसे—द्वंद्व, चिंता, कुंठा आदि से उत्पन्न दबाव को मनोवैज्ञानिक दबाव कहा जाता है।
(iii) सामाजिक दबाव – परिवार या समाज से संबद्ध दबाव को सामाजिक दबाव कहा जाता है, जैसे- परिवार में किसी की मृत्यु, पारिवारिक कलह ।
19. आहार तथा प्रतिबल या दबाव के संबंध का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ संतुलित आहार व्यक्ति की मनःस्थिति को ठीक कर सकता है, ऊर्जा प्रदान कर सकता है, रोगों से रक्षा कर सकता है, प्रतिरक्षक तंत्र को सशक्त बना सकता है तथा व्यक्ति को अधिक अच्छा अनुभव करा सकता है जिससे वह जीवन में दबावों का सामना और अच्छी तरह से कर सके। कुछ व्यक्ति पौष्टिक आहार तथा वजन का रख-रखाव सफलतापूर्वक कर पाते हैं किन्तु कुछ अन्य व्यक्ति मोटापे के शिकार हो जाते हैं। जब हम दबावग्रस्त होते हैं तो हम ‘आराम देने वाले भोजन’ जिनमें प्राय: अधिक वसा, नमक तथा चीनी होती है, का सेवन करना चाहते हैं।
20. अंतरसमूह संघर्ष से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ अंतर समूह संघर्ष में दो या दो से अधिक समूहों के बीच इस ढंग की अंतक्रिया होती है जिसमें लोग किसी न किसी ढंग से एक-दूसरे का विरोध करते है तथा एक दुर्लभ या असंगत की प्राप्ति करने के लिए एक-दूसरे पर सामाजिक सत्ता का उपयोग करते हैं।
21. अन्तर्समूह-संघर्ष (सामाजिक संघर्ष) तथा सामाजिक तनाव के बीच अंतर बताएँ।
उत्तर ⇒ सामाजिक संघर्ष (समूह-संघर्ष) तथा सामाजिक तनाव के बीच निम्नलिखित अंतर हैं
(i) सामाजिक तनाव वास्तव में कभी दो समूहों या समाजों के बीच होता है और कभी एक ही समाज या समूह में होता है। दूसरी ओर समूह संघर्ष हमेशा दो समूहों या समाजों के बीच होता है।
(ii) सामाजिक तनाव के लिए संघर्ष (conflict) आवश्यक नहीं है। यह बिना संघर्ष के भी. हो सकता है। लेकिन, अन्तर्समूह संघर्ष के लिए तनाव आवश्यक है। यह बिना तनाव के नहीं हो सकता है।
(iii) समूह संघर्ष अथवा अन्तर्समूह संघर्ष का संबंध प्रायः परस्पर विरोधी लक्ष्य (incompatible – goal) से होता है। लेकिन, सामाजिक तनाव में यह आवश्यक नहीं है।
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