BSEB 12th Geography Subjective Question | Class 12th Bhugol Subjective Question 2024

BSEB 12th Geography Subjective Question :- दोस्तों यदि आप इंटर बोर्ड परीक्षा 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको Class 12th Geography Question 2024 Bihar Board दिया गया है जो, 12th Class Geography Subjective Questions, के लिए काफी महत्वपूर्ण है, geography class 12 all chapter subjective Qiestion 2024


BSEB 12th Geography Subjective Question 2024

1. जल परिवहन के क्या लाभ हैं? (What are the advantages of water transport ?)

उत्तर – जल परिवहन में मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता है, क्योंकि सागर या महासागर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इसके रख-रखाव पर बहुत कम खर्च पड़ता है, केवल दोनों छोरों पर पत्तन बनाने और उनके रख-रखाव की आवश्यकता होती है। जल परिवहन की ऊर्जा लागत कम होती है। यह परिवहन बहुत सस्ता पड़ता है, अतः लंबी दूरी तक भारी माल को ढोने में यह बहुत लाभदायक है।


2. सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग से आप क्या समझते हैं? (What do you mean by information technology industry?)

उत्तर – सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग सूचना से संबंधित उद्योग है, जिसमें ट्रांजिस्टर, टेलीविजन, टेलीफोन, पेजर, राडार, सैल्यूलर टेलीकाम, लेजर, अंतरिक्ष उपकरण, कम्प्युटर का हार्डवेयर (यंत्र सामग्री ) और सॉफ्टवेयर प्रक्रिया सामग्री इत्यादि का निर्माण होता है। ये सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद हैं। अतः  इस उद्योग को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग भी कहते हैं। इसमें विशिष्ट नये, ज्ञान उच्च प्रौद्योगिकी और निरंतर शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता रहता है, अतः इसे उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग या ज्ञान पर आधारित उद्योग भी कहा जाता है।


3. जल संसाधन का संरक्षण जरूरी है। क्यों? (Conservation of water resources is necessary. Why ? )

उत्तर- तीव्र गति से जनसंख्या की वृद्धि उसकी माँग तथा जल के असमान वितरण के कारण जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता दिनों दिन कम होती जा रही है। इतना ही नहीं, सीमित उपलब्ध जल संसाधन औद्योगिक, कृषि और घरेलू निस्सरणों से प्रदूषित होता जा रहा है और जल की गुणवत्ता में ह्रास हो रहा है। इस कारण उपयोगी जल संसाधनों की उपलब्धता और सीमित होती जा रही है। लगभग 90% जल का उपयोग सिंचाई के लिए होता है। भारत के लगभग सभी राज्यों में सिंचित क्षेत्र बढ़ाने की आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं के लिए संतुलित तथा पर्याप्त जल आपूर्ति के लिए जल का संरक्षण जरूरी है।


4. मेट्रो रेलवे क्या है? (What is Metro Railway ?)

उत्तर- – मेट्रो रेल शहरी परिवहन की स्थानीय यातायात सेवा है, जिसमें गाड़ियाँ काफी तीव्र चलती हैं और लोगों को अपने गंतव्य स्थान पर समय से पहुँचाती है। यह भूमिगत भी होती है और भूमि के ऊपर पुल के सहारे भी चलती है। यह प्रदूषण को कम करती है और भीड़ वाले क्षेत्र से बचकर चलती है। भारत में कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई और चेन्नई में यह सेवा उपलब्ध है।


5. भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पत्तनों के नाम बताइये। (Name the ports located on western coast of India.)

उत्तर – वर्तमान समय में भारत में 12 प्रमुख और 185 छोटे या मंझोले पत्तन हैं। देश के कुल महासागरीय यातायात का 75% इन 12 प्रमुख पत्तनों द्वारा होता है, और शेष 25% छोटे और मंझोले पत्तनों द्वारा। भारत के पूर्वी और पश्चिमी दोनों तटों पर ये पत्तन स्थित हैं। इसके पश्चिमी तट पर स्थित मुख्य पत्तन कांडला, मुंबई, न्हावा शेवा (जवाहर लाल नेहरू), न्यू मंगलोर, मर्मागाव और कोच्चि हैं।


6. भारतीय रेलवे की किन्हीं दो मुख्य समस्याओं का वर्णन करें। (Discuss any two main problems of Indian railways.)

उत्तर- भारतीय रेलवे कई समस्याओं से ग्रस्त है। इनमें दो मुख्य समस्याएँ हैं— (i) रेलवे पटरी की चौड़ाई में विभिन्नता तथा (ii) कहीं डीजल और कहीं विद्युत इंजनों का परिचालन। इनसे रेलों की गति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। छोटी लाइन से मीटर लाइन और बड़ी

लाइन बदलने में तथा डीजल इंजन के स्थान पर विद्युत इंजन लगाने में समय की बर्बादी होती है।

Class 12th Geography Question 2024 Bihar Board


7. भारत में वायु • परिवहन के क्षेत्र में “एअर इंडिया” तथा “इंडियन” के योगदान की विवेचना करें।

उत्तर- वायु परिवहन एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमनागमन का तीव्रतम और सबसे महंगा साधन है। 1953 ई० में राष्ट्रीयकरण के बाद भारत में वायु परिवहन का प्रबंधन दो निगमों एअर इंडिया और इंडियन एअरलाइंस द्वारा किया जाता है। इनके अतिरिक्त अनेक निजी कम्पनियाँ भी यात्री सेवाएँ देती हैं। किन्तु एअर इंडिया और इंडियन का योगदान वायु परिवहन के क्षेत्र में बहुत अधिक है।

एअर इंडिया – यह यात्रियों और माल के परिवहन के लिए अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ प्रदान करता है। यह विश्व के सभी महाद्वीपों से भारत को जोड़ता है। इंडियन – इंडियन एयर लाइंस को ही अब इंडियन के नाम से जाना जाता है। यह घरेलू वायु सेवाएँ प्रदान करता है और देश के विभिन्न नगरों को जोड़ता है।


8. मुख्य श्रमिक और सीमान्त श्रमिक में अंतर स्पष्ट करें। (Differentiate between main worker and marginal worker.)

उत्तर – जो व्यक्ति एक वर्ष में 183 या इससे अधिक दिनों तक रोजगार पाता है, उसे मुख्य श्रमिक, और जो इससे कम दिनों तक रोजगार पाता है उसे सीमांत श्रमिक कहते हैं।


9. भारत के चार प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केंद्रों के नाम लिखें।  (Name four important nuclear power centres of India.)

उत्तर-  भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केंद्रों के नाम निम्नलिखित हैं- (i) तारापुर (महाराष्ट्र), (ii) रावतभाटा (कोटा के समीप राजस्थान), (iii) कलपक्कम (तमिलनाडु), (iv) नरोरा (उत्तरप्रदेश), (v) कैगा (कर्नाटक) और (vi) ककरापाड़ा (गुजरात) । इस समय इन छ: केंद्रों पर स्थित 14 युनिटों से परमाणु ऊर्जा पैदा की जा रही है। ये केवल 16.9 अरब कि० वाट ऊर्जा का उत्पादन कर रहे हैं। यह भारत में उत्पादित कुल ऊर्जा का मात्र 3.4% है, परन्तु भविष्य में इसमें तीव्र गति से वृद्धि होने की संभावना है।


10. ऊर्जा के नवीकरणयोग्य तथा अनवीकरणयोग्य स्त्रोतों में अंतर स्पष्ट करें। (Distinguish between renewable and non-renewable sources of energy.)

उत्तर – सतत् पोषणीय ऊर्जा के स्रोत को नवीनीकृत साधन कहते हैं। इन्हें अपरम्परागत स्रोत भी कहा जाता है। सौर, पवन, जल, भूतापीय ऊर्जा तथा जैवभार (बायोमास) असमाप्य, समान रूप से वितरित तथा पर्यावरण अनुकूल हैं और इन्हें नवीनीकृत करके बार-बार उपयोग किया जा सकता है। इसके विपरीत कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा नाभिकीय ऊर्जा अनवीनीकृत तथा परम्परागत स्रोत हैं, जो समाप्य संसाधन हैं। एक बार प्रयोग करने के बाद ये समाप्त हो जाते हैं।


11. परमाणु ऊर्जा कैसे पैदा की जाती है? (How is atomic energy produced?)

उत्तर- परमाणु के विखंडन द्वारा परमाणु ऊर्जा पैदा की जाती है। इसे नाभिकीय ऊर्जा भी कहा जाता है, जो परमाणु के नाभिक में परिवर्तन लाकर प्राप्त की जाती है। परमाणु ऊर्जा के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले महत्त्वपूर्ण खनिज यूरेनियम, थोरियम, वैनेडियम, एंटीमनी, ग्रेफाइट इत्यादि हैं। ये खनिज भारत के विभिन्न भागों में पाये जाते हैं। इनपर आधारित कई परमाणु ऊर्जा केन्द्र देश में स्थापित किए गए हैं, जिनमें तारापुर (महाराष्ट्र), रावत भाटा (राजस्थान), कलपक्कम (तमिलनाडु), नरोरा (उत्तर प्रदेश), कैगा (कर्नाटक) और ककरापाड़ा (गुजरात) मुख्य


12. भारत में पवन ऊर्जा की संभावनाओं को लिखें।.

उत्तर – भारत में पवन ऊर्जा के विकास की अपार संभावनाएँ हैं। स्थायी वायु प्रणालियों और मानसून पवनों को ऊर्जा के स्रोत के रूप में प्रयोग किया जाता है। इनके अतिरिक्त स्थानीय हवाओं, स्थलीय और जलीय पवनों को भी विद्युत पैदा करने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। भारत के तटीय भागों में पवन तेज गति से चला करते हैं। अतः इसके पास एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसमें 45 मेगावाट की कुल क्षमता के लिए 250 वायुचालित टरबाइने स्थापित की जानी है जो 12 अनुकूल सागरतटीय क्षेत्रों में लगाई जाएगी। इससे भारत 3000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर सकेगा। खनिज तेल पर निर्भरता को कम करने के लिए पवन ऊर्जा को विकसित किया जा रहा है।


13. भारत में सौर ऊर्जा की स्थिति का वर्णन कीजिए। (Describe the condition of solar energy in India.)

उत्तर – अपरंपरागत ऊर्जा के स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा कोयला, पेट्रोलियम और नाभिकीय ऊर्जा से अधिक लाभप्रद और प्रभावी है। भारत एक उष्ण कटिबंधीय देश है, जहाँ सूर्य का प्रकाश तीव्र रहता है। अतः भारत में सौर ऊर्जा के विकास की असीम संभावनाएँ हैं। यहाँ प्रतिवर्ग किमी ० क्षेत्र में 20 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की संभावना है। गुजरात में भुज के निकट इसका सबसे बड़ा प्लांट लगाया गया है। राजस्थान में भी इसके विकास की संभावना है। भारत में घरेलू उपयोग के लिए इसका प्रयोग हो रहा है। लद्दाख और उत्तरी पूर्वी राज्यों में भी यह विकसित हो रहा है।


14. जलविद्युत शक्ति का विकास उत्तर भारत में अधिक क्यों हुआ है? कोई तीन कारण लिखिए। 

उत्तर – उत्तर भारत में जलविद्युत् शक्ति का अधिक विकास हुआ है। इसके तीन प्रमुख कारण (i) उत्तर भारत की नदियाँ सदावाहिनी हैं, जो सालोभर गहरी और संकरी घाटियों से होकर गुजरती हैं।

(ii) इन पर बाँध बनाना और विद्युत का उत्पादन करना आसान है। (ii) उत्तर भारत में अधिक जनसंख्या के कारण घरेलू, कृषि और औद्योगिक तथा नगरीय क्षेत्रों में बिजली की माँग अधिक है।

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15. भारत में पवन ऊर्जा के विकास का एक संक्षिप्त विवरण करें। (Present a short description of the development of wind energy in india.)

उत्तर – प्रवाहित पवन से उत्पन्न ऊर्जा को पवन ऊर्जा कहा जाता है। यह प्रदूषण मुक्त और ऊर्जा का असमाप्य स्रोत है। भारत में लगभग 23000 मेगावाट पवन ऊर्जा की उत्पादन क्षमता है। देश में लगभग 90 स्थानों की पहचान पवन ऊर्जा केन्द्र के रूप में की गई है। ये स्थान गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और लक्षद्वीप में स्थित हैं। गुजरात के कच्छ में लाम्बा का पवन ऊर्जा संयंत्र एशिया का सबसे बड़ा संयंत्र है।


16. स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग पर टिप्पणी लिखिए। (Write note on Golden Quadrilateral Highway.)

उत्तर – भारत के महानगरों के बीच समय और दूरी को कम करने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज परम राजमार्ग का निर्माण किया गया है। इसमें छः गलियों वाले राजमार्गों द्वारा कोलकाता, चेन्नई, मुंबई और दिल्ली को जोड़ा गया है। श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ने वाला उत्तर-दक्षिण गलियारा तथा सिलचर को पोरबंदर से जोड़ने वाला पूर्व-पश्चिम गलियारा इसी परियोजना का अंग है।


17. उदारीकरण के लाभों को लिखें। (Write advantages of liberalisation.)

उत्तर- उदारीकरण आर्थिक विकास की एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा उद्योगों और व्यापार को लालफीताशाही के अनावश्यक प्रतिबंध से मुक्त किया जाता है। इसके अन्तर्गत 6 उद्योगों को छोड़कर अन्य सभी उद्योगों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र में घाटे में चलने वाले कुछ उद्योगों को निजी क्षेत्र में दे दिया गया है तथा कुछ उद्योगों के शेयर वित्तीय संस्थाओं, सामान्य जनता और कामगारों को दिये गये, विदेशी पूँजी निवेश पर से प्रतिबंध हटाया गया, विदेशी तकनीक के प्रवेश का उदारीकरण हुआ और औद्योगिक स्थानीयकरण में भी उदारता प्रदान की गयी। इससे उद्योगों को बड़ा लाभ हुआ ।


18. इंदिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र का सिंचाई पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ा है? (What is the positive impact of Indira Gandhi Canal Command area on irrigation ?)

उत्तर— इंदिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र में नहर सिंचाई के प्रसार ने राजस्थान के इस शुष्क क्षेत्र की पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था और समाज को बदल दिया है। अब लंबे समय तक मृदा में नमी बनी रहती है। अतः कमान क्षेत्र विकास कार्यक्रमों के अंतर्गत वनरोपण और चारागाह विकास से भूमि हरी-भरी हो गई। इस प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था प्रत्यक्ष रूप से रूपांतरित हो गई है। बोये गये क्षेत्र में विस्तार हुआ है और फसलों की सघनता में वृद्धि हुई है। यहाँ की पारंपरिक • फसलों, चना, बाजरा और ज्वार का स्थान अधिक मूल्य देने वाले गेहूँ, कपास, मूँगफली और चावल ने ले लिया है । यह सघन सिंचाई का परिणाम है। इस क्षेत्र की कुल 19.63 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त है।


19. बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजना किसे कहते हैं? (What is Multipurpose River Valley Project?)

उत्तर – बहुमुखी, बहुधंधी या बहुद्देशीय योजना का अर्थ उस योजना से है जिससे सिर्फ एक उद्देश्यों की पूर्ति न होकर अनेक उद्देश्यों की पूर्ति होती है। ऐसी योजना का उद्देश्य नदियों पर बाँध बनाकर बिजली उत्पन्न करना, उनसे नहरें निकालकर सिंचाई करना एवं यातायात की सुविधा बढ़ाना, बाढ़ नियंत्रण, मछली पालन, मिट्टी अपरदन को रोकना तथा पर्यटकों के लिए आकर्षण केंद्र बनाना है।

भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अनेक योजनाएँ बनायी गयी हैं तथा इन्हें कार्यान्वित की गयी हैं। वास्तव में, भारत मानव संसाधन के साथ-साथ जल संसाधन में भी संपन्न है। किन्तु समुचित जल प्रबंध के अभाव में देश का अधिकांश जल समुद्र में बेकार चला जाता है और इससे देश के विभिन्न भागों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बाढ़ और सूखा की समस्या से निपटने, जल-विद्युत् उत्पादन, सिंचाई एवं अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए देश की विभिन्न नदियों पर बाँध बनाया गया, जल विद्युत् गृह की स्थापना की गई तथा नहरें निकालकर सिंचाई की गई है।


20. मुक्त आकाश नीति क्या है? (What is open sky policy ? )

उत्तर – दो देश मिलकर एक एग्रीमेन्ट करता है कि एक-दूसरे का कोई भी हवाई जहाज बिना बाधा के किसी भी समय एक-दूसरे के हवाई सीमा से आर-पार जा सके। जिसमें सीट उपलब्धता रुपया और कोई भी जरूरत का सामान हो। इस कारण से हवाई व्यापार करने में सहायता मिलती है। समय पर और जल्दी में जरूरत का सामान एक देश का समान दूसरे देश में चला जाता है। जिससे दोनों देशों का लाभ होता है।


21. व्यापार संतुलन से क्या तात्पर्य है? (What is meant by trade balance ? )

उत्तर – व्यापार संतुलन एक देश के द्वारा अन्य देशों को आयात एवं इसी प्रकार निर्यात की गई वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा की गणना या प्रलेखन करता है। जब किसी देश में आयात की गई वस्तुओं की तुलना में निर्यात की गई वस्तुओं का मूल्य अधिक होता है तो इसे अनुकूल या धनात्मक व्यापार संतुलन कहते हैं।

इसके विपरीत निर्यात की अपेक्षा आयात के अधिक होने पर व्यापार संतुलन प्रतिकूल या ऋणात्मक कहलाता है। व्यापार संतुलन और भुगतान संतुलन का किसी देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। प्रतिकूल व्यापार संतुलन का अर्थ है कि देश वस्तुओं की खरीद पर अधिक व्यय कर रहा है, जबकि वस्तुएँ बेचकर आय कम हो रही है। इससे अन्ततोगत्त्वा वित्तीय भंडार समाप्त हो जाते हैं।

BSEB 12th Geography Subjective Question 2024


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