Class 12 Sociology Subjective Important Questions 2024 in Hindi | 12th Pariksha Sociology Subjective Question 2024

Class 12 Sociology Subjective Important Questions 2024 :- यदि आप लोग BSEB 12th Sociology Subjective Question Paper 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको Class 12th Sociology Ka Subjective Question 2024 का महत्वपूर्ण प्रश्न दिया गया है | inter Exam 2024 Sociology Question Answer in hindi


Class 12 Sociology Subjective Important Questions

1. काला धन क्या है? (What is Black Money? )

उत्तर काला धन एक आर्थिक एवं सामाजिक समस्या है। यह समाज में असमानता एवं निराशा पैदा करता है। कालाधन वह आय है जिस पर कर का भुगतान नहीं किया गया है। किसी भी देश में काला धन कितना है उसकी वास्तविक गणना करना एक कठिन कार्य है, उसका केवल एक अंदाज ही लगाया जा सकता है।

देश में काले धन को जन्म देने के लिए कई कारण उतरदायी हैं जैसे— (i) अव्यावहारिक कर नियम (ii) आबकारी कर की विभिन्न दरें (iii) नियंत्रण नीति (iv) कोटा व्यवस्था (v) वस्तुओं का अभाव (vi) मुद्रास्फीति (vii) चुनाव आदि।

काला धन सरकारी खजाने पर बुरा प्रभाव डालता है, समाज में विषमता को बढ़ाता है और आर्थिक विकास की योजनाओं को विफल करता है। यह समाज में अपराधों को जन्म देता है। तथा ईमानदार लोगों में निराशा पैदा करता है।

रोकने के उपाय (i) कर की दर को कम करके काले धन की वृद्धि को रोका जा सकता है। (ii) प्रशासनिक भ्रष्टाचार को रोककर तथा सरकारी नियंत्रण को उदार बना करके भी काले धन की वृद्धि को रोका जा सकता है।


2. साम्प्रदायिकता की अवधारणा को स्पष्ट करें।

उत्तर भारत में विभिन्न धर्मों के अनुयायी रहते हैं। हिन्दू अपने आप में कोई धर्म नहीं है। वह स्वयं में विभिन्न प्रकार के मतों को समाहित किए हुए है। किसी का अपने धर्म के प्रति पूर्ण मौलिक अधिकार है। साम्प्रदायिकता का अर्थ धर्म का उन्माद उत्पन्न करके लोगों की भावनाओं आस्था रखना साम्प्रदायिकता नहीं है। धर्म की स्वतंत्रता प्रत्येक मनुष्य को संविधान द्वारा प्रदत्त एक राष्ट्र को एकता और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने से रोंकती है।


3. धर्म क्या है? (What is religion? )

उत्तर धर्म अनेक विश्वासों और आचरणों की वह संगठित व्यवस्था है जिसका सम्बंध कुछ अलौकिक विश्वासों तथा पवित्रता की भावना से होता है। यह अलौकिक विश्वास ईश्वर, आत्मा, सृष्टि, प्राकृतिक संस्कृतियों, मानव जीवन, पदार्थ आदि से संबंधित होता है।


4. तस्करी क्या है? (What is Trafficking?)

उत्तर ⇒  तस्करी अवैध रूप से सामान या व्यक्तियों को एक देश से दूसरे देश के परिवहन को कहते हैं। तस्करी करने वाले व्यक्ति को तस्कर कहते हैं। तस्करी की अभिप्रेरण के विभिन्न कारण हैं जिनमें आर्थिक लाभ प्रदान करना है।

Class 12 Sociology Subjective Question Answer 2024


5. अर्द्ध-बेरोजगारी क्या है? (What is Quasi unemployment?)

उत्तर कभी कभी कार्यालयों और कारखानों में आवश्यकता से अधिक व्यक्तियों को काम पर लगा दिया जाता है। इसके फलस्वरूप उनके कार्य की मात्रा कम होने के कारण उनकी सुविधाओं और पारिश्रमिक की मात्रा भी बहुधा कम ही रहती है। इस स्थिति को अर्द्ध- बेरोजगारी कहते हैं।


6. अल्पसंख्यक किसे कहा जाता (Who is called Minority ? )

उत्तर ⇒  अल्पसंख्यक समुदाय के निर्धारण का आधार किसी समाज में उसकी संख्या का प्रतिशत नहीं है। अल्पसंख्यक वह है जिसे राष्ट्रीयता, धर्म, नस्ल या भाषा के आधार पर दूसरे समुदायों से अलग माना जाता है और समाज के दूसरे समुदाय भी उसे अपने आपसे अलग मानते हैं।


7. भ्रष्टाचार क्या है? (What is corruption?)

उत्तर ⇒  समाज अथवा कानून के द्वारा प्रत्येक पद के साथ कुछ कर्तव्य निर्धारित किये जाते हैं। कोई व्यक्ति जब अपने इन कर्तव्यों को इसलिए पूरा नहीं करता है कि ऐसा करने से उसे कुछ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होंगे तो इसी स्थिति को भ्रष्टाचार कहते हैं।


8. वर्ग चेतना क्या है? (What is class conciousness?)

उत्तर ⇒  वर्ग चेतना का विचार मुख्य रूप से कार्ल मार्क्स के द्वारा दी गई है। यह एक जागरूकता है, जो कि एक क्रांति को बढ़ावा देने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं, जो सर्वहारा वर्ग की तानाशाही पैदा करेगा, इसे एक मजदूरी आय संपत्ति से कम जन शासक वर्ग में बदल देगा।

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9. समुदाय को परिभाषित करें। (Define community.)

उत्तर ⇒  समुदाय शब्द अंग्रेजी के Community का हिन्दी रूपांतरण है। यह शब्द दो लैटिन शब्दों Com तथा Munis के योग से बना है। Com का अर्थ होता है together या एक साथ, Munis का अर्थ होता है, Serving अर्थात् सेवा करना। दोनों का मिश्रित अर्थ है साथ मिलकर सेवा करना समुदाय के संबंध में

मैकाइवर तथा पेज ने लिखा- “समुदाय सामाजिक जीवन का एक क्षेत्र है जिसे सामाजिक संबद्धता की मात्रा द्वारा पहचाना जाता है। “


10. क्षेत्रवाद का क्या अर्थ है? (What is the meaning of regionalism ?)

अथवा क्षेत्रवाद पर निबंध लिखें।

उत्तर ⇒  व्यापक अर्थों में क्षेत्रवाद का अर्थ एक विशेष क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की उस भावना से है, जिसके अन्तर्गत वे अपनी एक विशेष भाषा, सामान्य संस्कृति, इतिहास और व्यवहार प्रतिमानों के आधार पर उस क्षेत्र से विशेष अपनत्व महसूस करते हैं तथा क्षेत्रीय आधार पर स्वयं एक समूह के रूप में देखते हैं। क्षेत्रवाद के संबंध में लुण्डवर्ग का विचार है कि “क्षेत्रवाद का तात्पर्य सामाजिक व्यवहारों के किसी भी ऐसे अध्ययन से है जिसके अंतर्गत एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र तथा विशेष प्रकार के व्यवहार प्रतिमानों के मध्य पाये जाने वाले संबंधों पर अधिक बल दिया जाता है। व्यवहारिक दृष्टिकोण से क्षेत्रवाद का अर्थ लोगों के संकीर्ण मनोवृत्ति से लगाया जाता है। “


11. साम्प्रदायिकता को परिभाषित करें। (Define communalism.)

उत्तर ⇒  साम्प्रदायिकता का अर्थ एक साम्प्रदायिक व्यक्ति अथवा वह समूह जो अपने धार्मिक या भाषा-भाषी समूह को एक ऐसी पृथक राजनीतिक तथा सामाजिक इकाई के रूप में देखता है जिसके हित दूसरे समूहों से पृथक होते हैं और जो अक्सर उनके विरोधी भी हो सकते हैं।


12. भारत में क्षेत्रवाद के कारणों की विवेचना करें। 

उत्तर क्षेत्रवाद के निम्नलिखित कारण हैं

(i) राजनीतिक कारण (Political Factors)– स्थानीय नेता अपने राजनीतिक स्वार्थों को पूरा करने के लिए एक क्षेत्र के निवासियों को संगठित होकर दूसरे क्षेत्रों के विरुद्ध उनमें तनाव पैदा करते हैं। उसके द्वारा ऐसा दुष्प्रचार किया जाता है कि दूसरे क्षेत्रों के विरुद्ध संगठित होकर हो उनकी आर्थिक समस्याएँ दूर हो सकती हैं। क्षेत्र की सीमाओं का निर्धारण, खनिज और जल सम्पदा के बँटवारे तथा रोजगार के अधिक अवसरों की माँगों को लेकर किये जाने वाले आंदोलन और उपद्रव भी क्षेत्रवाद की भावना को बढ़ाते हैं।

(ii) सांस्कृतिक भिन्नताएँ (Cultural Diversities) — प्रत्येक सांस्कृतिक क्षेत्र अपने आपको एक पृथक सांस्कृतिक समुदाय के रूप में देखने लगता है। इन सभी क्षेत्रों की संस्कृतियों में भिन्नता होने से जिन क्षेत्रीय राजनीति दलों का निर्माण हुआ, उन्होंने भी क्षेत्रवाद को बढ़ाने में योगदान किया।

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13. संस्कृतिकरण के कारणों की चर्चा करें। 

अथवा, संस्कृतिकरण को प्रोत्साहित करने वाली मुख्य दशाओं का उल्लेख करें।

उत्तर संस्कृतिकरण को प्रोत्साहित करने वाली दशाओं में तीर्थ स्थान, यातायात एवं संचार के साधन, पश्चिमी शिक्षा, लोकतांत्रिक व्यवस्था, निम्न जातियों के विशेषाधिकार, औद्योगिकीकरण, नगरीकरण तथा समाज सुधार आंदोलन आदि प्रमुख है। संस्कृतिकरण के फलस्वरूप आज जाति पर आधारित भारतीय समाज की परम्परागत संस्कृति में भी भारी परिवर्तन हुआ है। उदाहरण के लिए जातिगत नियम दुर्बल पड़ गये, समाज की शक्ति संरचना बदल गयी, निम्न जातियों की जीवन शैली में सुधार हुआ, स्थानीय गतिशीलता बढ़ने लगी तथा उच्च जातियों में असंस्कृतिकरण की दशा पैदा हुई।


14. परियोजना कार्य से आप क्या समझते हैं? 

उत्तर ⇒  किसी विषय अथवा समस्या का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए अध्ययन की जो योजना तैयार की जाती है उसी को परियोजना कार्य कहा जाता है। उदाहरण के लिए यदि हम विद्यालय में छात्र असंतोष की समस्या के कारणों तथा उसके समाधान के तरीकों को जानना चाहते हैं तो योजना के रूप में समस्या पैदा करने वाले विद्यार्थी तथा इससे प्रभावित विद्यार्थियों से संपर्क स्थापित कर उनके असंतोष के कारणों तथा दूर करने के उपायों की जानकारी प्राप्त की जाती है। यही परियोजना कार्य है।


15. जाति व्यवस्था पर औद्योगिकीकरण के प्रभावों का वर्णन करें।

उत्तर आधुनिक अर्थव्यवस्था तथा सांस्कृतिक एवं राजनैतिक परिस्थितियों ने अनेक नवीन समूहों को जन्म दिया है। औद्योगिकीकरण के साथ-साथ समाज में दो नए समूहों— श्रमिक एवं पूँजीपति का उदय हुआ है। दोनों समूह आर्थिक स्वार्थों की रक्षा के लिए आपस में संघर्ष करते हैं जिसकी अभिव्यक्ति हड़ताल एवं तालाबंदी से होती है। ऐसे अवसरों पर श्रमिक अपने-अपने क्षेत्र में संगठित रहते हैं, पर इस संगठन का आधार जातीय न होकर वर्ग चेतना होता है। विभिन्न जातियों के व्यक्तियों में ‘हम’ की भावना को पनपने में सहायक होती है। इससे जाति के नियम दुर्बल होते हैं। इस श्रमिक संगठन में लोग कंधा से कंधा मिलाकर संगठित रहते हैं।

राजनीतिक क्षेत्र में भी नए समूहों का जन्म हुआ है। वे भी विभिन्न जातियों के मिलन केंद्र के रूप में कार्य करते हैं जिससे जातीय प्रतिबंधों पर प्रभाव पड़ता है और यह दुर्बल होते हैं।


16. जातिवाद सामाजिक एकता में बाधक है। कैसे?

उत्तर ⇒  जातिवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसमें एक जाति के लोग दूसरों की अपेक्षा अपने को श्रेष्ठ मानते हैं और अपनी जाति का सहारा लेकर अन्य जाति के मानने वाले लोगों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं। जातिवाद घृणा और हिंसा को जन्म देता है। यह प्रवृत्ति निन्दनीय है। एक सोची-समझी शरारत के द्वारा भी जातिवाद को बढ़ावा दिया जाता है जो राजनीतिक सत्ता को हथियाने और आर्थिक सुविधा को पाने की अनाधिकार चेष्टा से जुड़ा रहता है। जातिवादी मानसिकता वाले भोले-भाले लोगों की भावनाओं को भड़काकर जातिवादी एवं सांप्रदायिक मतभेद पैदा करने का प्रयत्न करते हैं।


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17. नातेदारी के महत्त्व की विवेचना करें।

उत्तर सरल और आदिम समाजों में नातेदारी एक वास्तविक संस्था है। यह उपयोगी भी है। इसके महत्त्व को निम्न रूप में देखा जा सकता है

(i) विवाह एवं परिवार का निर्धारण — नातेदारी ही यह तय करती है कि एक व्यक्ति के विवाह का क्षेत्र क्या होगा। किस प्रकार का विवाह निषिद्ध है तथा किसे मान्यता और किसे अधिक मान्यता दी गई है।

(ii) वंश उत्तराधिकार का निर्धारण — नातेदारी वंशावली का निर्धारण करती है। परिवार, वंश, गोत्र, नातेदारी के ही विस्तृत रूप हैं। एक व्यक्ति सम्पत्ति एवं पद का हस्तांतरण किन लोगों में होगा, कौन-कौन उसके दावेदार होंगे, यह नातेदारी के आधार पर ही तय होता है।

(iii) आर्थिक हितों की सुरक्षा — जब एक व्यक्ति संकट अथवा कठिनाई में होता है तो उसकी रक्षा नातेदारी द्वारा ही होता है।


18. सामाजिक स्तरीकरण की संक्षिप्त चर्चा करें।

उत्तर सामाजिक स्तरीकरण समाज को उच्च एवं निम्न वर्ग में विभाजन एवं स्तर निर्माण करने की एक व्यवस्था है। प्रत्येक समाज अपने जनसंख्या को आय, व्यवसाय, सम्पत्ति, जाति, धर्म, शिक्षा, प्रजाति एवं पदों के आधार पर निम्न एवं उच्च श्रेणियों में विभाजित करता है। प्रत्येक विभाजन एक परत के समान है और ये सभी परतें जब उच्चता एवं निम्नता के क्रम में रखी जाती है तो सामाजिक स्तरीकरण से नाम जानी जाती है।

सामाजिक स्तरीकरण की निम्नलिखित विशेषता है

(i) सामाजिक स्तरीकरण प्रत्येक समाज में पाया जाता है।

(ii) इसकी प्रकृति सामाजिक होती है।

(iii) इसके विभिन्न स्वरूप होते हैं।


19. अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 का उल्लेख करें। 

उत्तर ⇒  अस्पृश्यता अधिनियम, 1955 के अनुसार अस्पृश्यों को सार्वजनिक पूजा के स्थानों में प्रवेश करने, पवित्र धार्मिक नदी, तालाब, झरना आदि में स्नान करने या पानी लेने, किसी भी दुकान, जलपान गृह, होटल या सार्वजनिक मनोरंजन के स्थान में प्रवेश करने या धर्मशालाओं एवं मुसाफिरखानों के उपयोग में लाने से रोकने पर दण्ड की व्यवस्था की गई है। यदि कोई व्यक्ति किसी को नदी, कुएँ, तालाब या नल, घाट, श्मशान, कब्रिस्तान आदि को काम में लाने या उसे किसी भी मोहल्ले में जमीन खरीदने, मकान बनवाने और रहने से रोकेगा तो ऐसी दशा में उसका वह कार्य इस अधिनियम के अंतर्गत दण्डनीय अपराध समझा जाएगा। प्रत्येक को किसी सार्वजनिक बस्ती, सवारी, आभूषण अथवा अलंकार के उपयोग की पूर्ण स्वतंत्रता होगी। इस अधिनियम के द्वारा सभी लोगों को समान रूप सार्वजनिक चिकित्सालयों, औषधालयों, शिक्षण संस्थाओं एवं छात्रावासों में प्रवेश का अधिकार दिया गया है।


20. साप्ताहिक बाजार के लाभों की चर्चा करें। (Explain the merit of Weekly Market ?)

उत्तर ⇒  साप्ताहिक बाजार को ग्रामीण बाजार के नाम से भी जाना जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्यतः हफ्ते में एक बार बाजार लगती है। इस बाजार से अनेक लाभ हैं। एक ओर कृषक अपने उत्पादन को एक स्थान पर लाकर आसानी से बेच लेता है, दूसरी ओर लोगों को अपनी आवश्यकता की वस्तु आसानी से मिल जाती है। इस बाजार के निकटवर्ती चारों ओर के क्षेत्रों के लोग यहाँ आते हैं, जिससे लोगों को आपस में मिलने-जुलने का मौका मिल जाता है, अर्थात् विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को मिलने के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। व्यक्ति अपना संवाद दूसरे स्थान तक सरलता से पहुँचा देता है। साप्ताहिक बाजार में लोग अपने लड़की-लड़कों का संबंध भी जोड़ने के लिए दूसरे व्यक्ति से मिलते हैं।


21. नशाबंदी क्या है? (What is Prohibition (Intoxication ) ? )

उत्तर ⇒  नशीले पदार्थों को सेवन करना नशा कहलाता है। बिहार सरकार ने नशीले पदार्थों के सेवन पर प्रतिबंध लगाया है। नशीले पदार्थों में शराब एक गंभीर समस्या है। महात्मा गाँधी ने शराबखोरी के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया था। बिहार सरकार ने भी शराबबंदी कानून बनाकर इसे बंद करने का प्रयास किया है। शराब पीने वाले जेल जा रहे हैं। शराब पीने वालों की संख्या में भारी कमी हुई है। अतः शराब पर किये जाने वाले खर्च से राहत मिली है। परिवार एवं समाज में शांति का माहौल बना है। लेकिन अभी भी शराब की बिक्री बड़े पैमाने पर हो रहा हैं तथा शराब की कीमत में पाँच गुना वृद्धि हुई है।


22. बाल श्रमिक की दो समस्याओं का वर्णन करें।

उत्तर ⇒  बाल श्रमिकों के समक्ष अनेक समस्यायें हैं जिनमें (i) चिकित्सकीय सुविधा का अभाव, श्रम कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा की सुविधा नहीं है, जिसके कारण उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। (ii) शैक्षिक, खेल-कूद एवं मनोरंजन की सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है तथा समाज के लोग इन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। फलस्वरूप इनमें आक्रोश, कुण्ठा, तनाव, निराशा आदि भावनाओं से ग्रसित होते हैं।

BSEB Class 12 Sociology Subjective Model Paper 2024


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