Class 12th Sociology Question Answer 2024 in Hindi | 12th Exam Sociology Subjective Question 2024

Class 12th Sociology Question Answer 2024 in Hindi :- यदि आप लोग 12th Exam 2024 Sociology Subjective Question की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको class 12 sociology important questions and answers 2024 का महत्वपूर्ण प्रश्न दिया गया है | mcq questions for class 12 sociology chapter wise


Class 12th Sociology Question Answer 2024 in Hindi

1. महिलाओं के अधिकारों की व्याख्या करें। ( Explain the rights of Women.)

उत्तर ⇒ भारत में महिलाओं को अनेक प्रकार के अधिकार दिए गए हैं जिन्हें तीन रूपों में… सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक में देखा जा सकता है—

महिलाएँ चाहे वे विवाहित हों या अविवाहित, विधवा तथा तलाकशुदा सभी को बच्चों को दत्तक अधिग्रहण का अधिकार दिया गया है। 1971 में चिकित्सा गर्भ समापन अधिनियम के द्वारा गर्भवती महिला व गर्भपात शल्यक दोनों को गर्भपात की अनुमति दी गई है।

महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार, समान पारिश्रमिक, कार्य करने की दशाएँ, प्रसूति लाभ तथा कार्य सुरक्षा प्रदान की गई है।

संविधान के आधार पर महिलाओं का मताधिकार और विधान मंडल के लिए चुनाव लड़ने का अधिकार प्राप्त है। साथ ही उन्हें ग्राम पंचायत एवं नगर निकायों में चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है।


2. राज्य की अवधारणा की विवेचना करें। (Discuss the concept of State.)

उत्तर ⇒ अरस्तू और सिसरो ने बहुत पहले जब राज्यों का आकार छोटा होता था, राज्य का परिवारों और ग्रामों के ऐसे समुदाय के रूप में परिभाषित किया जिसका उद्देश्य एक आत्मनिर्भर जीवन व्यतीत करना हो। कुछ समाजशास्त्रियों का विचार है कि “एक निश्चित भू-भाग में राजनीतिक दृष्टि से संगठित व्यक्तियों के समूह को राज्य कहा जाता है। जबकि राज्य के निर्माण के लिए चार तत्त्व – जनसंख्या, एक निश्चित भू-भाग, सरकार और प्रभुसत्ता का होना आवश्यक है। इस प्रकार कह सकते हैं कि राज्य एक ऐसा बड़ा समुदाय है जिसका एक निश्चित भू-भाग होता है तथा जो बाहरी नियंत्रण से मुक्त होकर एक संगठित शासन व्यवस्था के द्वारा अपने सदस्यों की जरूरतों को पूरा करता है।


3. वर्म सापेक्षीकरण का क्या अर्थ है?

उत्तर ⇒  धर्म साप्रेक्षीकरण का अर्थ है, पहले जिन वस्तुओं को धार्मिक दृष्टि से देखा जाता था उसके स्थान पर उन्हें तार्किक, बौद्धिक एवं लौकिक दृष्टिकोण को देखा जाता है। बिलबर्ट मूर ने लिखा कि “मानवीय कार्यों में धर्म की भूमिका के संबंध में तार्किक माप द्वारा स्थान ग्रहण करना अर्थात् धार्मिक विश्वासों तथा क्रियाओं का स्थान गैर-धार्मिक विश्वासों और क्रियाओं द्वारा ले लेना ही धर्म सापेक्षीकरण है। “


4. धर्मनिरपेक्षीकरण से आप क्या समझते हैं? 

उत्तर ⇒  धर्मनिरपेक्षीकरण परिवर्तन की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा परंपरागत धार्मिक विश्वासों और व्यवहारों की जगह आधुनिक ज्ञान को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा है। इस प्रक्रिया में धार्मिक विश्वासों की जगह सांसारिक तथा लौकिक दृष्टिकोण को अधिक महत्त्व दिया जाता है। एम० एन० श्री निवास के अनुसार धर्मनिरपेक्षीकरण वह प्रक्रिया है जो किसी समाज की धार्मिक संरचना और विश्वास, पवित्रता और अपवित्रता संबंधी विचार आदि को अलौकिक संदर्भ में स्पष्ट न करके तार्किक दृष्टिकोण से स्पष्ट करता है।

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5. महिला चेतना को वैश्वीकरण ने किस प्रकार प्रभावित किया है ?

उत्तर ⇒  भूमंडलीकरण की प्रक्रिया ने महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने में विशेष योगदान दिया है। पश्चिमी देशों की तरह अब भारतीय समाज में भी महिलाओं द्वारा प्रभावशाली संगठन बनने लगे हैं, जिनकी सहायता से महिलाएं अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रयत्नशील हो गई है। वे अन्य महिलाओं में भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने के लिए अभियान चलाने लगी है। इसके अतिरिक्त प्रशासन, पुलिस, सेना, वित्तीय प्रबन्धन, शिक्षा, उद्योगों और सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी में भूमंडलीकरण के कारण तेजी से वृद्धि हो रही है।


6. लोकतंत्र के रक्षक के रूप में कार्य करने के लिए जन-संचार से क्या अपेक्षा की जाती है? 

उत्तर ⇒  लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने में जन संचार के साधन बहुत उपयोगी होते हैं। जन संचार के साधन विभिन्न राजनीतिक दलों के दोषों को जनता के सामने लाकर उनके व्यवहारों पर नियंत्रण रखते हैं। साथ ही सरकार को जनता से किए गए वायदों की याद दिलाते रहते हैं। राजनीतिक दलों की लोकप्रियता में होने वाली वृद्धि या कमी को उजागर करते हैं। इस प्रकार मीडिया या जन संचार को लोकतंत्र का पहरेदार भी कहा जाता है।


7. पर्यावरण विनाश पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर ⇒  पर्यावरण विनाश एक जटिल समस्या है। ऐसा कोई विकास कार्यक्रम और परियोजना नहीं है जिनका प्रभाव पर्यावरण पर नहीं पड़ता है। औद्योगिकीकरण, नगरीकरण, भौतिकवादी प्रवृत्ति एवं बाजारवाद के कारण भी पर्यावरण विनाश की स्थिति उत्पन्न होती है। पर्यावरण विनाश सिर्फ स्थानीय समस्या नहीं है बल्कि एक सार्वभौमिक अवधारणा है। पर्यावरण तथा मनुष्य के बीच अन्तः पारस्परिक संबंध मौजूद है। मानव पर्यावरण से और पर्यावरण मानव से प्रभावित होता है। सामाजिक संस्था के विकास के लिए सामाजिक वातावरण आवश्यक है।


8. मध्यम वर्ग किसे कहते हैं? (What is middle class ?)

उत्तर ⇒  भारतीय समाज की सामाजिक और आर्थिक संरचना में मध्यम वर्ग की भूमिका हमेशा बहुत महत्त्वपूर्ण रही है।

इस वर्ग के अंतर्गत व्यापारियों, बुद्धिजीवियों, शिक्षकों, वेतनभोगी कर्मचारियों, सामान्य अधि कारियों, मामूली व्यावसायिक समूहों और मध्यम स्तर वाले किसानों आदि को सम्मिलित किया जाता है जो अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए समुचित आय प्राप्त कर लेते हैं। परम्परागत रूप से इस वर्ग के व्यवहार अपने सांस्कृतिक नियमों से प्रभावित होते हैं। आय के अनुसार ही अपने आवश्यकताओं को बढ़ाना या कम करना इस वर्ग की विशेषता रही है।

Class 12th Sociology Subjective Question 2024


9. भारतीय संविधान के अनुसार समानता का क्या अभिप्राय है?

उत्तर ⇒ संविधान के अनुसार सभी नागरिक समान है तथा किसी भी व्यक्ति के पद और प्रभाव पर ध्यान दिये बिना कानून सभी पर समान रूप से लागू होते हैं। व्यापक अर्थ में समानता का सिद्धांत न्याय के सिद्धांत पर आधारित है। इसका अर्थ है जिन अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों को अपना विकास करने के कोई अवसर नहीं मिल सके थे, उन्हें विशेष सुविधाएँ देकर उनका विकास करना भी समानता के सिद्धांत आधारित है।


10. लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण का क्या अर्थ है?

उत्तर ⇒  विकेन्द्रीकरण का अर्थ संस्थाओं और संगठनों में निर्णय लेने के अधिकार में निचले वर्गों की सहभागिता से है। इसे लोकतांत्रिक इसलिए कहा जाता है कि इस प्रकार की सहभागिता लोकतंत्र और लोकतंत्रात्मकता के मूल सिद्धांतों पर आधारित है। विकेन्द्रीकरण के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप हो सकते हैं। भारत जैसे देश में जहाँ धार्मिक, भाषाई, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से विविधता पाई जाती है, के कारण योजना तथा प्रशासन के लिए, विकेन्द्रीकरण की अत्यधिक आवश्यकता है। यह समाज के कमजोर और वंचित सामाजिक वर्गो की शक्ति सम्पन्न बनाता है। स्वतंत्रता के बाद लोकतंत्र के उद्देश्यों की प्राप्ति और विकास के लिए विकेन्द्रीकरण बहुत ही आवश्यक हो गया है।


11. हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं?

उत्तर ⇒  शाब्दिक रूप से ‘हरित’ का अर्थ हरे-भरे खेतों से है, जबकि ‘क्रान्ति’ का तात्पर्य परिवर्तन से होता है। इसका अर्थ है कि जब विभिन्न प्रकार की फसलों अथवा कृषि उत्पादन में तेजी से वृद्धि होती है तब इस दशा को हरित क्रान्ति कहा जाता है।


12. नियोजित परिवर्तन के महत्त्व का वर्णन करें।

उत्तर ⇒  सामाजिक परिवर्तन निरन्तर रूप से आगे बढ़ता रहता है। सामाजिक परिवर्तन की वृहत् ऐतिहासिक प्रक्रियाएँ असंख्य व्यक्तियों तथा सामूहिक गतिविधियों का परिणाम होता है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है यह यथास्थिति के विरुद्ध उत्पन्न होता है। सामाजिक आन्दोलन किसी जनहित के मामले में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से उत्पन्न होते हैं। परिवर्तन संरक्षित हितों तथा मूल्यों दोनों के विरुद्ध होते हैं, इसलिए इनका विरोध तथा प्रतिकार होना स्वाभाविक है। लेकिन कुछ समय के बाद परिवर्तन अवश्यंभावी है।


13. संविधान को सामाजिक परिवर्तन का साधन क्यों कहा जाता है? 

उत्तर ⇒ संविधान एक ऐसा आधार है जिसके प्रावधानों के द्वारा सामाजिक परिवर्तन के लिए एक नया वातावरण तैयार किया जा सकता है। संवैधानिक प्रावधानों के प्रभाव से ही आज महिलाओं, बच्चों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों की दशा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। आज भारतीय समाज का सामाजिक, आर्थिक तथा सभी दूसरे क्षेत्रों में रूपान्तरण हुआ है तथा दुर्बल वर्गों को समाज के सभी दूसरे समूहों तथा वर्गों के समान आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

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14. राष्ट्रीय महिला आयोग (National Women Commission) की स्थापना किस कारण हुई ?

उत्तर ⇒  महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न एवं शोषण के विरुद्ध न्याय दिलाने के लिए शासन पर दबाव डाला जाता है। जिससे महिलाओं को त्वरित न्याय मिल सके। इस उद्देश्य के लिए भारत में राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन किया गया।


15. महिला आंदोलन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर ⇒  भारतीय समाज में महिलाओं की निम्न स्थिति एवं शोषण से मुक्ति के लिए किए गए आंदोलन की सामान्यतः निम्नलिखित विशेषताएँ है

(i) भारतीय समाज में 19वीं शताब्दी सुधार आंदोलन के लिए जानी जाती है। ब्रिटिश शासन के कारण 19वीं सदी में पश्चिमीकरण की प्रक्रिया के साथ ही साथ पाश्चात्य शिक्षा और मूल्यों के प्रसार के कारण भारतीय समाज में भी कुछ सुधारात्मक प्रयास किये गये। इस सुधार कार्यों में भारतीय सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के साथ ही साथ महिलाओं के उत्थान के लिए भी प्रयास किये गये जिनके परिणामस्वरूप भारतीय समाज में सती प्रथा और बाल विवाह पर प्रतिबंध के साथ ही साथ विधवा पुनर्विवाह प्रारम्भ हुआ।

(ii) भारतीय महिला आंदोलन की विशेषता यह है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद महिलाओं की सक्रियता का बढ़ना है। स्वतंत्रता के बाद महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और वैधानिक स्थिति में महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों के कारण समाज में इनकी एक अलग पहचान निर्मित होने लगी।


16. कैसे चिपको आंदोलन पर्यावरणीय आंदोलन है? 

उत्तर ⇒  चिपको आंदोलन का संबंध वन संरक्षण से संबंधित है। इसका प्रथम आंदोलन राजस्थान के खेजरली गाँव से आरम्भ हुआ जब जोधपुर के महाराजा अभय सिंह ने पेड़ काटने का प्रयास किया। इस आंदोलन का द्वितीय जन्म स्थल चमोली जंगलों से आच्छादित क्षेत्र है। जहाँ भोटिया जनजाति और बहुत से ग्रामीणों का जीवन इन्हीं जंगलों पर आश्रित है। वह जंगल से पेड़ काटती भी है तो वहाँ नया पौधा लगाने का कार्य भी करती है। इस क्षेत्र में चंडी प्रसाद के नेतृत्व में जंगल बचाओ की आवाज बुलन्द हुई। इन्होंने पर्यावरण आंदोलन के अन्तर्गत वन अधिकारियों और मजदूरों से लड़ाई झगड़ा करने की अपेक्षा यह तय किया कि पेड़ को काटने से बचाने के लिए पेड़ से चिपक जाया जाए, जिससे अधिकारी पेड़ काट नहीं पाये। इस प्रकार चिपको आन्दोलन पर्यावरणीय आंदोलन से सम्बंधित है।


17. सामाजिक आंदोलन का अर्थ है? 

उत्तर ⇒  समाज में अनेक परिवर्तन लोगों द्वारा व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप में प्रयत्नों द्वारा लाये गये हैं। ऐसे प्रयत्नों को सामाजिक आंदोलन की संज्ञा दी जाती है। डी० आर० सचदेव के अनुसार, “यह एक समग्रता है जो समाज अथवा समूह, जिसका यह अंग है, में परिवर्तन लाने अथवा रोकने के लिए कुछ निरन्तरता से कार्य कर रहा है।” इस प्रकार कहा जा सकता है कि सामाजिक आंदोलन समाज में परिवर्तन लाने के लिए किसी समिति द्वारा प्रयत्न है। सामाजिक आंदोलन किसी परिवर्तन को रोकने के लिए भी किया जा सकता है। कुछ आंदोलनों का उद्देश्य वर्तमान सामाजिक व्यवस्था के कुछेक पहलुओं को बदलना होता है, जब कि अन्य आंदोलनों का उद्देश्य इसे पूर्णतया परिवर्तित करना होता है।


Sociology Class 12 Subjective Questions and Answers

18. भारत सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गये दो उपाय लिखिए।

उत्तर ⇒ भारत सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रकार के उपाय किये हैं। इनमें दो उपाय निम्नलिखित हैं

(i) न्यायाधिकरण की स्थापना (Establishment of Tribunal) — पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शासकीय प्रयासों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कदम केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा ‘राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायाधिकारी की स्थापना करना है। यह एक ऐसी एजेन्सी के रूप में काम करेगा जो देश में पर्यावरण को क्षति पहुँचाने वाली या औद्योगिक इकाइयों के कारण लोगों को हुई क्षति के बारे में बनाए गए कानूनों के सार्वजनिक दायित्व अधिनियम के क्रियान्वयन और उन पर निगरानी का काम करेगा।

(ii) प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Control)– औद्योगिक इकाइयों में प्लास्टिक, बेकार पदार्थों के ढेर आदि ऐसे मुद्दे हैं जो पर्यावरण में वायु, जल, ध्वनि तथा मृदा प्रदूषण को एक खतरे के रूप में बढ़ाते हैं। सरकार ने इन प्रदूषणों की रोकथाम के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन किया है जो विभिन्न प्रकार के होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए योजना बनाती और उसे लागू करती है।


19. बालिकाओं की तीन समस्याओं का उल्लेख करें।

उत्तर ⇒  बालिकाओं के समक्ष तीन समस्याएँ निम्नलिखित हैं-

(i) बालिकाओं को स्कूल भेजने के प्रति उपेक्षाभाव — निर्धन परिवारों बालिकाओं को स्कूल भेजने से कतराते हैं तथा उनसे घरेलू कार्य कराते हैं। इससे वे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती। आज भी

(ii) बीच में पढ़ाई छुड़वा देने की समस्या — प्रारंभ में उत्साहित होकर लड़कियों को स्कूल में प्रवेश तो दिला दिया जाता है। लेकिन जब उनकी पढ़ाई के कारण घर के सामान्य कामकाज एवं आमदनी के स्रोत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है तो उनकी पढ़ाई छुड़वा दी जाती है। यही कारण है कि लगभग 70 प्रतिशत लड़कियाँ प्राथमिक शिक्षा के बाद स्कूल नहीं जा पाती।

(iii) बाल विवाह की समस्या  ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों का विवाह कम आयु में ही कर दिया जाता है, जिससे एक ओर तो उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है, कम आयु में ही माँ बन जाती है, परिवार का उतरादायित्व आ जाता है, तो दूसरी ओर शिक्षा प्राप्त करने से बंचित हो जाती है। जिससे व्यक्तित्व का विकास अवरुद्ध हो जाता है।


20. सामाजिक परिवर्तन में आर्थिक कारक की भूमिका क्या हैं?

उत्तर ⇒ सामाजिक परिवर्तन एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है जिसमें अनेक कारकों का योगदान है। सामाजिक परिवर्तन के आर्थिक कारक के अंतर्गत उपभोग, उत्पत्ति, विनिमय, वितरण, आर्थिक नीतियों को सम्मिलित किया गया है। जब समाज के अधिकांश व्यक्ति उपभोग के साधनों और सुविधाओं को जुटा लेते हैं तो जीवन स्तर सामान्य होता है और सामाजिक परिवर्तन की गति भी सामान्य होती है। परंतु जब उपभोग के साधनों को नहीं जुटा पाने की स्थिति में जीवन स्तर गिर जाता है और परिवर्तन की गति में अवरोध उत्पन्न हो जाता है। समाज में उत्पादन का स्वरूप भी सामाजिक व्यवस्था को प्रभावित करता है। मार्क्स ने भी कहा था कि उत्पादन प्रणाली में परिवर्तन के कारण सामाजिक परिवर्तन होता है।


21. प्रधानमंत्री रोजगार योजना क्या है? (What is PMRY?)

उत्तर ⇒  प्रधानमंत्री रोजगार योजना 1994-95 से प्रारंभ किया गया। देश के ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना प्रारंभ किया गया। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी शिक्षित बेरोजगार युवकों को स्वयं उद्योग/सेवा/ व्यवसाय स्थापित करने हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाता है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

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