Bihar Board Hindi Subjective Question Class 10th | BSEB 10th Hindi ‘भारत से हम क्या सीखें Subjective

Bihar Board Hindi Subjective Question 10th :- दोस्तों यदि आप लोग इस बार Class 10th Exam 2022 Hindi Subjective की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 10th Hindi ‘भारत से हम क्या सीखें Subjective Question दिया गया है जो आने वाले Class 10th Hindi Subjective Question के लिए काफी महत्वपूर्ण है | Class 10th Science Objective


1. मैक्समूलर वास्तविक इतिहास किसे मानते हैं?

उत्तर जो राज्यों के दुराचारों और अनेक जातियों की क्रूरताओं की अपेक्षा कहीं अधिक ज्ञातव्य और पठनीय है, मैक्समूलर उसे ही वास्तविक इतिहास मानते हैं। प्राचीन भारत में हिन्दू, यूनानी, ग्रीक आदि जातियों की वैचारिक दृष्टिकोण है, जो पाठ्य है।


2. धर्म की दृष्टि से भारत का क्या महत्व है? ‘भारत से हम क्या सीखें’ पाठ के आधार पर बतायें।

उत्तर धर्म की दृष्टि से भारत अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इसलिए कि धर्म के उद्भव और उसके नष्ट होनेवाले रूप का यहाँ प्रत्यक्ष ज्ञान यहाँ होता है। यह वैदिक धर्म, बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म की जन्मभूमि है तो इस्लाम और ईसाई धर्म की शरणस्थली भी है। यहाँ विभिन्न धर्मावलम्बी सदियों से हिलमिल कर रहते हैं। मत-मतान्तर यहाँ प्रकट और विकसित होते हैं।


3. मैक्समूलर की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन कहाँ हो सकते हैं और क्यों? 

उत्तर मैक्समूलर की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई जैसे शहरों में नहीं, भारत के गाँवों में हो सकते हैं, क्योंकि इसकी सर्वाधिक आबादी गाँवों में बसती है। वहीं हार्दिक संपन्नता और आर्थिक विपन्नता है। धर्म और इतिहास के अवशेष वहीं सुरक्षित हैं।

Hindi Subjective Question Class 10th


4. मैक्समूलर ने किन विशेष क्षेत्रों में अभिरुचि रखने वालों के लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक बताया है?

उत्तर मैक्समूलर ने भू-विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जन्तु-विज्ञान, नृवंश विद्या, पुरातात्विक, इतिहास, भाषा आदि विभिन्न क्षेत्रों में अभिरुचि रखनेवालों के लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक बताया है।


5. भारत में प्राचीन काल में स्थानीय शासन की कौन-सी प्रणाली प्रचलित थी?

उत्तर – यहाँ ग्राम पंचायत द्वारा स्थानीय शासन चलता था।


⇒ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ⇐


1. लेखक ने वारेन हेस्टिग्स से संबंधित किस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का हवाला दिया है और क्यों?

उत्तरवारेन हेस्टिंग्स जब भारत के गवर्नर जनरल थे तो उन्हें वाराणसी के पास 172 दारिस नामक सोने के सिक्के एक घड़ा में मिला। वारेन हेस्टिंग्स ने सिक्के ईस्ट इंडिया कम्पनी को भेज दिए, इस आशा में कि कम्पनी उसे एक उदार पदाधिकारी समझेगी जिसने ऐसे दुर्लभ सिक्के दिए। किन्तु कम्पनी के निदेशक मंडल ने उन सिक्कों के ऐतिहासिक महत्त्व को नहीं समझा और उन मुद्राओं को गलवा दिया। इस प्रकार, वे दुर्लभ और पुरातात्त्विक महत्त्व की वस्तुएँ नष्ट हो गई और एक ऐतिहासिक जानकारी से संसार वचित हो गया। लेखक ने इस घटना का हवाला इसलिए दिया है कि प्रशासनिक सेवा के व्यक्ति पुनः ऐसी गलती न करें।

Bihar Board Hindi Subjective Class 10th


2. लेखक ने नया सिकंदर किसे कहा है? ऐसा कहना क्या उचित है? लेखक का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।

उत्तरलेखक ने सर विलियम जोन्स की तुलना सिकन्दर से करते हुए उसे नया सिकन्दर नाम दिया है। भाव एवं कार्य की दृष्टि से ऐसा कहना कोई अनुचित नहीं कहा जा सकता क्योंकि लेखक की दृष्टि में विलियम जोन्स का कार्य भी साहस पूर्ण था, कष्टमय था, संघर्षपूर्ण था। अपनी प्रियजन्म भूमि और प्रियजनों से विलग होकर वह भारत-दर्शन के लिए यात्रा पर निकला था। अनेक सागरों को पारकर वह भारत दर्शन करने के लिए यात्रा कर रहा था। सागर की लहरें, सूर्य का सागर में डूबना आदि दृश्य उसे उत्साहित तो कर ही रहे थे वह अपने सपनों को भी साकार रूप देने के लिए लालायित था।

जिस प्रकार सिकन्दर ने अनेक देशों को जीतकर विजय अभियान को पूर्णता प्रदान की। ठीक उसी प्रकार विलियम जोन्स भी साहित्य और पुरातत्व के क्षेत्र में प्राच्य साहित्य से विश्व को अवगत कराने के लिए संकल्पित होकर लगा हुआ था। इसी जीवटता, अदम्य साहस, स्वप्नदर्शी रूपों के कारण लेखक ने उसे नये सिकन्दर के नाम से संबोधित किया है।


3. भारत किस तरह अतीत और सुदूर भविष्य को जोड़ता है? स्पष्ट करें। पठित पाठ के आधार पर सिद्ध करें।

उत्तर भारत एक प्राचीन देश है। यहाँ आज भी ऐसी वस्तुओं के दर्शन हो सकते हैं, जो सिर्फ पुरातन विश्व में ही सुलभ हो सकती हैं। ऐसे स्थल और जीवन-शैली आप पाएँगे जो अन्यत्र नहीं मिलेंगे। साथ ही, यह अत्यंत बड़ा देश है, जहाँ तेजी से बदलाव आ रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, कृषि, राजनीति प्रतिपल आगे बढ़ने के लिए कसमसा रही है। गाँवों में परिवर्तन दिखाई पड़ रहा है। सीखने या सिखाने योग्य कोई ऐसी बात नहीं जो यहाँ न मिले। अतएव, भारत अतीत और सुदूर भविष्य को जोड़ता है।

Bihar Board Hindi VVI Subjective Question


4. संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पाश्चात्य जगत् को प्रमुख लाभ क्या-क्या हुए?

उत्तर संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पाश्चात्य जगत् को ज्ञात हुआ कि संस्कृत भी सार रूप से वही है जो ग्रीक, लैटिन या एंग्लो सेक्सन भाषाएँ हैं। साथ ही, अपने बारे में उनकी जो धारणा थी वह बदल गई। उन्हें ज्ञात हुआ कि कभी हिन्दू, ग्रीक, यूनानी आदि जातियाँ एक थीं जो कालान्तर में अलग-अलग हुई और विभिन्न स्थानों को अपना निवास बनाया। इस ज्ञान से पाश्चात्य जगत् के विचार उदार बने और जिन्हें वे कभी बर्बर- असभ्य समझते थे, उन सब को गले लगाना सीखा।


5. लेखक ने नीति-कथाओं के क्षेत्र में किस तरह भारतीय अवदान को रेखांकित किया है?

उत्तर नीति कथाओं के क्षेत्र में भारतीय अवदान अप्रतिम है। यहाँ की अनेक कथाएँ पश्चिम में मिलती हैं। ‘शेर की खाल में गधा’ कहावत यूनान के दार्शनिक प्लेटो के ‘क्रटिलस’ में मिलती है। इसी प्रकार नेवले या चूहे की कथा का बदला रूप एफ्रोडाइट की रचना में मिलता है। उसने उसे इसे एक सुन्दरी के रूप में बदल दिया है। यह कथा संस्कृत की एक कथा से मिलती है। प्राचीन काल की भी अनेक दन्तकथाओं में आश्चर्यजनक समानता भारत और पश्चिम में विद्यमान है। मैक्समूलर ने अपने वक्तव्य में इनको रेखांकित किया है।


6. भारत के संबंध में मैक्समूलर के विचार अपने शब्दों में लिखें। या, भारतीय सिविल सर्विस के पदाधिकारियों को मैक्समूलर ने क्या सलाह दी थी?

या, ‘भारत से हम क्या सीखें निबंध की प्रमुख बातों का उल्लेख करें।

या, ‘भारत से हम क्या सीखें’ पाठ का सारांश लिखिए।

उत्तर ⇒  विशाल भारत संपत्ति और प्राकृतिक सुषमा की खान है। यहाँ नदियाँ हैं, सुरम्य घाटियाँ हैं। मानव मस्तिष्क की उत्कृष्टतम उपलब्धियों का साक्षात्कार भी इसी देश ने किया है। प्लेटो और काण्ट से भी पहले यहाँ के लोगों ने अनेक समस्याओं के समाधान ढूँढ लिए थे।

दरअसल, सच्चा भारत शहरों में नहीं, गाँवों में बसता है। यहाँ सम्प्रति जो समस्याएँ हैं, वे उन्नीसवीं सदी के यूरोप की ही समस्याएँ हैं। अतः इनका समाधान होने से यूरोप भी लाभान्वित होगा।

ज्ञान-विज्ञान की प्रचुर सामग्री यहाँ मौजूद है, चाहे वह भू-विज्ञान हो, वनस्पति विज्ञान हो, जन्तु विज्ञान या नृवंश विद्या कनिंघम के अनुसार पुरातत्त्व की जानकारी के लिए तो यहाँ सामग्री-ही-सामग्री है। यहाँ की नीति-कथाएँ अनेक देशों में थोड़े परिवर्तन के साथ देखने को मिल जाएँगी। यहाँ की संस्कृत भाषा अनेक भाषाओं की अग्रजा है। संस्कृत के अनेक. शब्द ग्रीक और अन्य भाषाओं में कुछ परिवर्तन के साथ मिलते हैं, जैसे संस्कृत की ‘अग्नि’ लैटिन की ‘इग्निस’ है। संस्कृत का ‘मूष’, ग्रीक में ‘मूस’, लैटिन और जर्मन है। इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि हिन्दू, ग्रीक और यूनानी जैसी जातियाँ कालान्तर में अलग-अलग जा बसीं।

संस्कृत के अध्ययन से बड़ी सहजता से मानव मन की अतल गहराइयों में उतरा जा सकता है और उदारता तथा सहानुभूति जैसे भावों की प्रचुरता यहाँ देखी जा सकती है।

भारत वैदिक या ब्राह्मण धर्म की भूमि के साथ, बौद्ध और जैन धर्म की जन्मस्थली और पारसियों के जरथूष्ट्र धर्म की शरणस्थली भी है। प्रशासन की दृष्टि से यहाँ लोकतंत्र का आदि रूप ग्राम पंचायत मिलता है।

दरअसल, भारत आज उस दहलीज पर खड़ा है जिसके पीछे समृद्ध अतीत और सुदूर भविष्य की अमित संभावनाएँ हैं। अतः वहाँ जाकर बहुत कुछ जाना-पाया और सीखा जा सकता है।

Bihar Board Hindi Important Subjective 


7. आज का भारत भी ऐसी अनेक समस्याओं से भरपूर है जिनका समाधान उन्नीसवीं सदी के हम यूरोपीयन लोगों के लिए भी वांछनीय है— सप्रसंग व्याख्या करें।

उत्तर ⇒  प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य पुस्तक ‘गोधूलि’ भाग-2 के ‘भारत से हम क्या सीखें’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है। इस पंक्ति में जर्मन विद्वान फ्रेडरिक मैक्समूलर ने भारतीय सिविल सर्विस में चयनित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्हें भारत की समस्याओं का इनका समाधान खोजने की सलाह दी है।

लेखक का कहना है कि भारत एक विशाल देश है। विशेषताओं के साथ-साथ वहाँ ऐसी अनेक समस्याएँ हैं जो न सिर्फ उसे मथ रही हैं, अपितु उन्नीसवीं सदी के यूरोप के बहुत सारे देशों के सामने मुँह बाए खड़ी हैं। अतः भारतीयों की समस्याएँ हल करना जरूरी है ताकि उससे यूरोप के लोग भी लाभान्वित हों।

लेखक का तात्पर्य है कि मनुष्य चाहे जहाँ हो, सबकी समस्याएँ प्रायः एक जैसी होती हैं। अतः मिलजुलकर उनका समाधान ढूँढ़ना चाहिए।


8. यह एक ऐसा इतिहास है जो राज्यों के दुराचारों और अनेक जातियों की क्रूरताओं की अपेक्षा कहीं अधिक ज्ञातव्य और पठनीय है — सप्रसंग व्याख्या करें।

उत्तर प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य पुस्तक ‘गोधूलि’ भाग-2 में संकलित मैक्समूलर के संबोधनात्मक निबंध ‘भारत से हम क्या सीखें’ से उद्धृत है। इस संबोधन में मैक्समूलर ने संस्कृत भाषा और इतिहास के महत्त्व को रेखांकित किया है।

मैक्समूलर संस्कृत के विद्वान थे। उन्होंने इसका गहन अध्ययन किया था। अपने निष्कर्षों को बताते हुए वे कहते हैं संस्कृत ग्रीक, लैटिन आदि से भी प्राचीन भाषा है और भाषाओं का इतिहास उस इतिहास से ज्यादा विश्वसनीय होता है, जिसमें राजाओं के छल-छद्म और आक्रान्ताओं की क्रूरताएँ अधिक उल्लिखित होती हैं। दरअसल, भाषाओं के इतिहास से जातियों का उत्थान-पतन का स्वाभाविक रूप सामने आ जाता है। मैक्समूलर इसे ही सच्चा इतिहास कहते हैं।

इस पंक्ति में मैक्समूलर ने इतिहास की अपनी स्थापना को ठोस रूप से एवं सप्रमाण आधार प्रदान किया है।

Bihar Board 10th Hindi Subjective Question


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