12th History Subjective Question Answer 2024 | Class 12 History Question Answer in Hindi

12th History Subjective Question Answer 2024:- दोस्तों यदि आप 12th Board History Sbjective Question 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th History Chapter 2 Subjective Question दिया गया है, Class 12th History Question Answer in hindi, Class 12 History Subjective Question in hindi 


12th History Subjective Question Answer

1. मौर्यकालीन स्तंभों पर एक लघु लेख लिखिए।

उत्तर   मौर्यकाल की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति स्तंभों तथा उनके शीर्ष पर पशु आकृतियों का निर्माण है। इन स्तंभों का निर्माण अशोक द्वारा कराया गया था। इन पर उसकी ‘धम्म’ लिपि अंकित है । इन्हें साम्राज्य के विभिन्न भागों में मुख्य मार्गों पर अवस्थित किया गया था। इनमें से जो स्तंभ आज दिल्ली, प्रयाग, लौरिया – अरेराज, लौरियानन्दनगढ़ तथा रामपूरवा में है। उन पर अशोक के प्रमुख लेख अंकित है। लुम्बिनी, साँची, सारनाथ, कौशाम्बी आदि स्थानों पर प्राप्त स्तंभों पर उसके लघु लेख प्राप्त होते थे।

स्तंभों का निर्माण उच्च कोटी के अभियांत्रिकी कला को प्रदर्शित करता है। पहाड़ों से विशाल खण्ड को काटा गया है और संपूर्ण सतह को अत्यंत बारिकी और परिशुद्धता के साथ तराशा गया है। एक पाषाण खण्ड से चालीस फीट स्तंभ को शुद्धता के साथ तराशना निश्चित ही आश्चर्यजनक है और मौर्य कलाकार के अभियांत्रिकी ज्ञान की पूर्णता का सर्वोत्तम उदाहरण प्रतीत होता है।


2. मौर्यकालीन इतिहास के चार अभिलेखिए स्त्रोतों को लिखें।

उत्तर मौर्यकालीन इतिहास के चार अभिलेखिए स्रोत निम्नलिखित हैं। :

(i) 14 वृहत शिलालेख जो कलसी, शहबाजगढ़ी आदि से मिले हैं।

(ii) मास्की, गुर्जरा से प्राप्त लघु शिलालेख

(iii) गिरनार से प्राप्त लघु शिलालेख

(iv) लौरिया, अरेराज से प्राप्त स्तंभ अभिलेख ।


3. मौर्यकालीन कला एवं स्थापत्य का वर्णन करें।

उत्तर मौर्यकालीन कला एवं स्थापत्य का सर्वश्रेष्ठ नमूना इस समय के स्तम्भ एवं यक्षिणी की मूर्ति है । साँची, सारनाथ आदि जगहों पर मौर्यकालीन स्तूप मिले हैं। इस समय मूर्ति निर्माण में गांधार एवं मथुरा शैली का विकास हुआ। अशोक द्वारा 84 हजार बौद्ध स्तूपों तथा विहार का निर्माण करवाया गया था। इस काल में पर्वतों को काटकर गुहा गृहों का भी निर्माण हुआ। बराबर की पहाड़ियों एवं नागार्जुनी पहाड़ियां ये आज भी हैं ।


4. गुप्तकालीन कला की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख करें।

उत्तर  गुप्तकालीन कलाओं में मूर्तिकला, चित्रकला का महत्त्वपूर्ण स्थान है

मूर्तिकला – गुप्तकालीन मूर्तियाँ बौद्ध धर्म से संबंधित वस्तुओं और पुराणों में दी गई घटनाओं को दर्शाती है। मथुरा और सारनाथ में पत्थरों और काँसे की बुद्ध तथा बौद्ध स्तंभों की मूर्तियाँ बैठे बहुसंख्या में पाई गई हैं। इस काल की सबसे प्रसिद्ध मूर्ति वह है जिसमें मुद्रा बुद्ध प्रथम प्रवचन दे रहे हैं। इस मूर्ति को भारत में सबसे दुर्लभ मूर्ति माना जाता है।

चित्रकला – चित्रकला भी गुप्तकाल में अपने प्रगति के शिखर पर थी। इस कला का व्यवहार राजमहलों और हिंदू तथा बौद्ध मंदिरों को सजाने के लिए किया जाता था। इस कला के सबसे सुंदर उदाहरण अजंता की बुद्ध गुफायें, श्रीलंका में सुग्रीया और मध्यप्रदेश में बाघ की गुफायें हैं।


5. किन्हीं दो गुप्तकालीन मंदिरों के नाम एवं स्थान को लिखें।

उत्तर  गुप्तकालीन दो मंदिरों के नाम एवं स्थान निम्न हैं :

(i) देवगढ़ के दशावतार मंदिर – यह वैष्णव धर्म से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है।

(ii) भूमरा का शिव मंदिर – यह शैव धर्म से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है।

12th Board History Sbjective Question 2024


6. गुप्तकाल में सती प्रथा पर संक्षिप्त लेख लिखिए।

उत्तर गुप्तकाल में सती प्रथा के उल्लेख मिलता है। ऐरण शिलालेख (510 ई०) में उल्लेख है कि गोपराज नामक सेनापति की पत्नी युद्ध में अपने पति की मृत्यु के बाद सती हो गयी थी । हर्ष की माता यशोमति अपने पति की सम्भावित मृत्यु मात्र पर ही 604 ई० में सती हो गयी थी । गुप्तकाल के पूर्व महाभारत में सती प्रथा का उल्लेख प्राप्त होता है। पाण्डु मृत्यु के बाद उसकी पत्नी माद्री उसके साथ सती हो गयी थी । कृष्ण की मृत्यु के बाद उसकी पत्नियाँ भी उसके साथ सती हो गई थीं। महाभारत के आदि पर्व में सती प्रथा का समर्थन किया गया है। फिर भी यह कहा जायेगा की सती प्रथा आम नहीं था अपवाद स्वरूप थी।


7. चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के बारे में आप क्या जानते हैं?

उत्तर ⇒  समुद्रगुप्त के बाद उसका पुत्र चन्द्रगुप्त द्वितीय सिंहासन पर बैठा। उसने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की। वह एक बहुत बड़ा विजेता था। उसने गुप्त साम्राज्य को सुदृढ़ बनाया और उसमें मालवा, गुजरात और काठियावाड़ शामिल किये। उसने अपनी बेटी प्रभावती का विवाह वाकाटक वंश के शासक रूद्रसेन द्वितीय के साथ किया। इस वैवाहिक संबंध से चन्द्रगुप्त को अपनी समस्त सेना को शकों के विरुद्ध इकट्ठी करने का अवसर मिल गया। प्रभावती वाकाटक राज्य की एक बहुत प्रभावशाली महारानी थी। चन्द्रगुप्त द्वितीय कई नये प्रकार के सिक्के जारी किये। उसके सोने के सिक्कों से उसकी शक्ति, व्यक्तित्व और स्थिति का पत्ता चलता है।


8. मेगास्थनीज के बारे में आप क्या जानते हैं? 

उत्तर ⇒  मेगास्थनीज चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में यूनानी राजदूत था। उसे सेल्यूकस ने अपना राजदूत बनाकर चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा था। मेगास्थनीज ने भारत में जो कुछ देखा उसे ‘इंडिका’ नामक पुस्तक में लेखबद्ध किया था। उसने भारत का जो विवरण प्रस्तुत किया है, उसमें उसने भौगोलिक पर्यावरण, भारतीयों के सामाजिक जीवन, उनकी धार्मिक आस्थाओं, राजनीतिक तथा प्रशासन के बारे में लिखा है।


9. समुद्रगुप्त के विजयों के विषय में लिखें। 

उत्तर ⇒  समुद्रगुप्त प्राचीन भारत के महानतम् शासकों में से एक था। उसने अपने पिता की नीति का अनुशरण करते दिग्विजय की नीति अपनाया। उसने सबसे पहले उत्तर भारत को जीता ● और इस क्षेत्र के सभी नौ राज्यों को अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। इसके पश्चात् आटविक राज्य को जीतकर वहाँ राजा अपना सेवक बनाया तत्पश्चात् दक्षिण भारत के राजाओं को पराजित किया और अपनी अधीनता स्वीकार करने के एवज में उनका राज्य वापस लौटा दिया। वह बड़ा ही दूरदर्शी था और इस बात को अच्छी प्रकार समझता था कि उन दिनों आवागमन के साधनों के अभाव में राजतंत्रीय व्यवस्था इतने बड़े क्षेत्र पर नियंत्रण बनाये रखना संभव नहीं था। इसलिए उन राज्यों के साथ मित्रतापूर्ण संबंध बनाये रखना उचित समझा। इसलिए उसे महान शासक कहा जाता है।


10. समुद्रगुप्त की नेपोलियन से तुलना क्यों की जाती है? दो कारण बतायें।

उत्तर समुद्रगुप्त की नेपोलियन से तुलना की जाती है। इसके दो कारण निम्न हैं:

(i) विजयी अभियानों के कारण — समुद्रगुप्त नेपोलियन के समान कई विजयी अभियान किये। आर्यावर्त दक्षिणापथ आदि क्षेत्रों पर विजय पाई थी।

(ii) साम्राज्य की सुदृढ़ता के कारण – जिस प्रकार नेपोलियन के समय फ्रांस यूरोप का सर्वाधिक शक्तिशाली राज्य था उसी प्रकार समुद्रगुप्त के समय गुप्तवंश को चुनौती देनेवाला कोई नहीं था ।

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11. समुद्रगुप्त पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। 

उत्तर ⇒  गुप्त शासक चन्द्रगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी उसका पुत्र समुद्रगुप्त था। भारतीय इतिहास में समुद्रगुप्त का स्थान एक महान विजेता तथा प्रतिभाशाली सम्राट के रूप में स्वीकार किया गया है। उसने अपनी विजयों के द्वारा भारत को राजनीतिक एकता के सूत्र में बाँधा ।

 समुद्रगुप्त एक महान् विजेता ही नहीं बल्कि कुशल संगठन कर्ता तथा कला और संस्कृति का प्रेरक भी था। प्रयाग प्रशस्ति में उसे ‘सर्वराजोच्छेता’ अर्थात् समस्त राजाओं का उन्मुलन करने वाला के साथ-साथ उसे ज्ञान मर्मज्ञ भी कहा गया है।


12. कलिंग युद्ध का अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर ⇒  कलिंग युद्ध का अशोक पर निम्न प्रभाव पड़ाः

(i) अशोक ने साम्राज्य विस्तार की नीति का परित्याग कर दिया।

(ii) इसने अहिंसा, सत्य, प्रेम, दान, परोपकार आदि का रास्ता अपनाया।

(iii) अशोक बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया ।

(iv) बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार पुरे देश के साथ-साथ विदेशों में भी किया।


13. मौर्यकालीन नगर प्रशासन पर प्रकाश डालें।

उत्तर ⇒  मेगास्थनीज ने मौर्यकालीन नगर प्रशासन का सबसे विस्तृत एवं विशद वर्णन किया है। उनके अनुसार नगर का शासन प्रबन्ध 30 सदस्यों की एक समिति के हाथ में था। यह समिति छः समितियों में विभक्त थी। प्रत्येक समिति में पाँच सदस्य होते थे, ये समितियाँ इस प्रकार थीं

(i) शिल्पकला समिति –  इस समिति के लोग उद्योग-धन्धों का निरीक्षण एवं प्रबंध करते थे।

(ii) जनगणना समिति — यह समिति जन्म-मरण का लेखा रखती थी।

(iii) वाणिज्य समिति – यह समिति नाप-तौल का निरीक्षण, क्रय-विक्रय का निरीक्षण तथा प्रबंध करते थे।

(iv) उद्योग समिति — यह समिति उत्पादित वस्तुओं की देखभाल करती थी ।

(v) कर समिति — इस समिति का प्रमुख कार्य कर वसूल करना था ।

(vi) विदेश यात्री समिति — यह समिति विदेशियों के रहने तथा भोजन आदि की व्यवस्था करती थी।


14. कौटिल्य के अर्थशास्त्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये। 

उत्तर अर्थशास्त्र नामक सुप्रसिद्ध ग्रन्थ की रचना चाणक्य ने की थी जिन्हें कि कौटिल्य अथवा विगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रसिद्ध ग्रन्थ में 15 खण्ड, 150 अध्याय, 180 उपविभाग तथा 6000 श्लोक हैं। इस सुप्रसिद्ध ग्रन्थ की रचना ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारतीय विद्वान प्रारम्भ से ही न केवल आध्यात्मिक प्रश्नों पर विचार करते आये हैं बल्कि उन्होंने भौतिक विषयों पर भी विचार किया है। इस ग्रन्थ का महत्त्व प्लेटो और अरस्तु की महान कृतियों से कम नहीं है। विद्वानों ने इस ग्रन्थ की तुलना मैकियावेली के ग्रन्थ ‘दि प्रिंस’ से की है । कौटिल्य को भारत का मैकियावेली भी कहा जाता है।


15. महाजनपद से आप क्या समझते हैं?

उत्तर उत्तर- वैदिक काल में जिन क्षेत्रीय राज्यों के उदय की प्रक्रिया आरम्भ हुई थी वह छठी सदी ई० पू० तक आते-आते बड़े राज्यों में बदल गई । इन्हीं प्रभुता सम्पन्न राज्य को महाजनपद कहा गया है। बौद्ध ग्रन्थ अंगुतर निकाय के अनुसार 16 महाजनपद थे जो निम्नलिखित हैं (i) काशी (ii) कोशल (iii) अंग (iv) मगध (v) वज्जि (vi) मल्ल (vii) चेदि (viii) वत्स (ix) कुरू (x) पांचाल (xi) मत्स्य (xii) शूरसेन (xiii) अश्मक (xiv) अवन्ति (xv) गांधार (xvi) कम्बोज ।

इन महाजनपदों में वज्जि और मल्ल गणराज्य थे और शेष में राजतंत्रात्मक प्रणाली प्रचलित थी। इन महाजनपदों में सबसे शक्तिशाली मगध था।

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16. मगध साम्राज्य पर टिप्पणी लिखें। (Write a note on Magadh Empire.)

उत्तर मगध एक बहुत प्राचीन तथा शक्तिशाली महाजनपद था। इसमें दक्षिणी बिहार के वर्तमान पटना तथा गया जिले सम्मिलित थे । छठी तथा चौथी शताब्दी ई०पू० के बीच के काल में यह महाजनपद बहुत शक्तिशाली बन गया। इस राज्य की स्थिति अधिक दृढ़ होने के विशेष कारण थे। इसकी प्राचीन राजधानी राजगृह थी। राजगीर के इर्द-गिर्द पहाड़ियाँ थीं जो इसकी प्राकृतिक रूप से रक्षा करती थी । यहाँ की भूमि बहुत उपजाऊ थी। गंगा और सोन नदियों में नौकाओं द्वारा यातायात की सुविधा भी मगध की समृद्धि का कारण थी। जिसके कारण व्यापार में वृद्धि हुई। इसके अतिरिक्त यहाँ लोहे की खाने भी स्थित थी । जहाँ से कृषि यंत्र तथा हथियार बनाने के लिए लोहा आसानी से उपलब्ध था । परंतु प्राचीन बौद्ध तथा जैन विद्वानों ने इस महाजनपद की शक्ति का कारण कुछ लोगों के व्यक्तिगत गुण बताये थे। बिंविसार, अजातशत्रु, महापदमनंद कुछ ऐसे ही व्यक्तियों के नाम हैं जिन्होंने अपने मंत्रियों के सहयोग से साम्राज्यवादी नीति को लागू किया।


17. अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए क्या कार्य किये?

उत्तर ⇒   कलिंग युद्ध के उपरान्त अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार करने के लिए तन, मन, धन से कार्य किया। अशोक ने महात्मा बुद्ध से संबंधित तीर्थ स्थानों लुम्बनी, कपिलवस्तु, गया, कुशीनगर तथा श्रावस्ती की यात्राएँ की और जिन सिद्धान्तों का प्रचार किया उनका पालन स्वयं भी किया। अशोक ने बौद्ध धर्म के नियमों को शिलाओं, स्तम्भों, गुफाओं पर खुदवाया। उसने अनेक स्तूप बनवाये। उसने बौद्ध भिक्षुओं को आर्थिक सहायता दी। बौद्ध धर्म की आंतरिक फुट को दूर करने के लिए पाटलिपुत्र में बौद्धों की तीसरी संगीति का आयोजन भी किया। बौद्धध र्म के प्रचार हेतु प्रचारकों को भारत के विभिन्न भागों के साथ-साथ विदेशों में भी भेजा। लंका में अशोक अपने पुत्र महेन्द्र और पुत्री संघमित्रा को भेजा। इस प्रकार अशोक बौद्ध धर्म को विश्वधर्म बना दिया।


18. कनिष्क के उपलब्धियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 

उत्तर ⇒  कनिष्क कुषाण वंश का सबसे महानतम् शासक था, जो 78 ई० में सम्राट बना एवं ई० तक शासन किया। कनिष्क के सम्राट बनने की तिथि से ही उपलब्धियों का दौर शुरू 101 हो जाता है। शक संवत की शुरुआत उसके गद्दी पर बैठने की तिथि (78 ई०) से ही मानी जाती है। कनिष्क भारत का पहला शासक था जिसने चीन पर आक्रमण करके उसके आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र सिल्क रूट पर कब्जा किया था। कनिष्क बौद्ध धर्म का अनुयायी था । उसने अशोक की तरह ही एशिया एवं चीन में बौद्ध धर्म का प्रसार करवाया। कनिष्क के संरक्षण में ही कश्मीर के कुण्डलवन विहार में चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया था।


19. सातवाहन राज्य के बारे में टिप्पणी लिखिए।

उत्तर लगभग 60 ई०पू० में सातवाहन राज्य की नींव सिमुक ने रखी थी। यह गोदावरी तथा कृष्णा नदी के बीच का क्षेत्र था, जिसको अब आंध्र कहा जाता है। शातकर्णि प्रथम सातवाहन वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था। उसने अश्वमेघ यज्ञ किया और पूरे दक्कन पर अपनी प्रभुसत्ता की घोषणा की। इस वंश का एक और प्रसिद्ध राजा गौतमीपुत्र शातकर्णी था, जिसने दूसरी शताब्दी, ई० के आरंभिक काल में शासन किया। सातवाहन शासक अपने आपको ब्राह्मण कहते थे और विष्णुमत के अनुयायी थे। वे ब्राह्मणों को खुले दिल से दान देते थे। उन्होंने बौद्धमत को भी संरक्षण दिया। अमरावती के स्तूप तथा कार्ले के चैत्य इसी काल में बनवाये गये। साहित्य दृष्टि से इस काल में प्राकृत भाषा का उदय हुआ। इस काल के सभी अभिलेख प्राकृत भाषा में हैं।


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20. मेहरौली अभिलेख पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर मेहरौली अभिलेख में चंद्रगुप्त II के विजयों का उल्लेख किया गया है। यह लौह स्तंभ दिल्ली के मेहरौली नामक स्थान में कुतुबमीनार के समीप स्थित है। इस स्तंभ पर एक लेख उत्कीर्ण है, जिसमें छः पंक्तियाँ हैं। इसमें ‘चंद्र’ नामक राजा की विजयों का उल्लेख है। इस लेख में कहा गया है कि उसने अपनी भुजाओं के बल पर अधिराज्य की स्थापना की थी। उसका शासन दीर्घकालीन था । वंग युद्ध में उसने सम्मिलित रूप से आये शत्रुओं को भगा दिया था। युद्ध में सिन्धु नदी के सात मुखों को पार कर उसने वाहिलिकों को पराजित किया। उसके शौर्य से आज भी दक्षिणी समुद्र गंधायमान है। जिस समय अभिलेख उत्कीर्ण कराया गया उस समय उस राजा की मृत्यु हो चुकी थी। वह राजा वैष्णव धर्म का अनुयायी था। उसने विष्णुपद पर्वत पर विष्णु भगवान का ध्वज स्थापित कराया। मेहरौली स्तंभ अभिलेख में जिस ‘चंद्र’ नामक राजा का उल्लेख किया गया है वह गुप्तकालीन महान सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य था ।


21. सुदर्शन झील घर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर ⇒  सुदर्शन झील, प्राचीन भारतीय इतिहास की इंजीनियरिंग की महान उपलब्धि है। इस झील में सिंचाई के लिए पानी इकट्ठा किया जाता था। यह झील गुजरात में गिरनार के स्थान पर बनाई गई। इस झील को चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में बनाया गया। इस झील में पहाड़ी नदी का पानी इकट्ठा किया जाता था। जूनागढ़ शिलालेख में लिखा है कि सम्राट स्कंधगुप्त के शासनकाल में अधिक वर्षा होने के कारण इस झील का बाँध टूट गया तो गिरनार के राज्यपाल ने इस बाँध की मरम्मत करवाई। उसके कार्य को बहुत से कवियों ने गुणगान किया है।


22. चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य की उपलब्धियों का वर्णन करें। 

उत्तर ⇒  समुद्रगुप्त के बाद उसका पुत्र चन्द्रगुप्त द्वितीय सिंहासन पर बैठा। उसने विक्रमादित्य की उपाधि धारण किया। वह एक बहुत बड़ा विजेता था। उसने गुप्त साम्राज्य को सुदृढ़ बनाया और उसमें मालवा गुजरात और काठियावाड़ शामिल किए। उसने अपनी बेटी प्रभावती गुप्तविवाह मध्य दक्कन के वाकाटक वंश के शासक रूद्रसेन द्वितीय के साथ किया। इस वैवाहिक संबंध से चन्द्रगुप्त को अपनी समस्त सेना को शकों के विरुद्ध इकट्ठी करने का अवसर मिल गया। प्रभावती वाकाटक राज्य की प्रभावशाली महारानी थी। चन्द्रगुप्त कई प्रकार के नये सिक्के जारी किए। उसके शासन काल में कला, साहित्य और विज्ञान का अभूतपूर्व विकास हुआ। कला साहित्य की प्रगति को देखते हुए इतिहासकारों ने उसके काल को स्वर्णकाल कहा है।

12th History Subjective Question 2023


 S.Nभाग – A  पुरातत्व एवं प्राचीन भारत 
 UNIT – IClass 12th History Objective Chapter 1
 UNIT – IIClass 12th History Objective Chapter 2
 UNIT – IIIClass 12th History Objective Chapter 3
 UNIT – IVClass 12th History Objective Chapter 4
 S.Nभाग – B आधुनिक भारत 
 UNIT – XClass 12th History Objective Chapter 10
 UNIT – XIClass 12th History Objective Chapter 11
 UNIT – XIIClass 12th History Objective Chapter 12
 UNIT – XIIIClass 12th History Objective Chapter 13
 UNIT – XIVClass 12th History Objective Chapter 14
UNIT – XVClass 12th History Objective Chapter 15
S.N Class 12th Arts Question  Paper
1English 100 MarksClick Here
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3इतिहास   Click Here
4भूगोल  Click Here
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