Class 12th History Subjective Question 2024 | 12th History Question Answer in Hindi 2024

Class 12th History Subjective Question 2024 :- दोस्तों यदि आप Inter Board Pariksha History Question 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको प्रारंभिक नगरों की कहानी : हड़प्पा सभ्यता का पुरातत्व Subjective Question दिया गया है, 12th class History Subjective viral question, Class 12th History Most VVI Subjective Question


Class 12th History Subjective Question

1. अभिलेख किसे कहते हैं? (What is called inscription?)

उत्तर ⇒  अभिलेख पत्थर, धातु आदि की सतहों पर उत्कीर्ण किये गये पाठन सामग्री को कहते हैं। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही हो रहा है। यह मुख्य रूप से शासकों का राज्यादेश होता था। सबसे प्राचीन अभिलेख अशोक के प्रस्तर अभिलेख है। सोना, चाँदी, पीतल, ताँबा, लोहा आदि पर लिखित अभिलेख पाये गये हैं। अभिलेख किसी भी कालखंड के जानकारी प्राप्त करने का प्राथमिक स्रोत माना जाता है।


2. पुरातत्व से आप क्या समझते हैं?

उत्तर ⇒  पुरातत्व ऐतिहासिक स्रोत होता है। उत्खनन से प्राप्त सभी सामग्रियों को पुरातत्व कहा जाता है। इसमें मूर्तियों, शिलालेख, अस्थि अवशेष, मिट्टी के बर्तन, सिक्के, पाषाण उपकरण आदि आते हैं। ये सभी चीजें जिस कालखंड की होती है उस कालखंड की प्राथमिक ऐतिहासिक स्रोत मानी जाती है।


3. हड़प्पा सभ्यता के विस्तार की विवेचना करें।

उत्तर ⇒   हड़प्पा सभ्यता का उदय भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिम भाग में हुआ था। रंगनाथ राव महोदय के अनुसार हड़प्पा सभ्यता का विस्तार पूर्व से पश्चिम तक 1600 किमी० एवं उत्तर से दक्षिण तक 1100 किमी० है । यह सभ्यता उत्तर में कश्मीर के मांडा जिले से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी के मुहाने तक और पश्चिम बलुचिस्तान के मकरान तट से उत्तर-पूर्व में मेरठ तक फैली हुई है। इसका क्षेत्रफल त्रिभुजाकार है और लगभग 1, 299, 600 वर्ग किलोमीटर में फैला है जो निश्चय ही पाकिस्तान अथवा प्राचीन मिस्र या मेसोपोटामिया से बड़ा है।

अब तक इस सभ्यता के लगभग 1000 स्थलों का पता चला है जिनमें नगरों की संख्या केवल छः है। इनमें हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सबसे महत्त्वपूर्ण नगर थे। अन्य नगरों में चन्हुदड़ो, लोथल, कालीबंगन और बनवाली है। इस सभ्यता के अवशेष गुजरात राज्य में रंगपुर तथा रोजदी में भी मिले हैं।


4. हड़प्पा सभ्यता की जल निकासी प्रणाली की क्या विशेषताएँ थी ?

उत्तर ⇒  हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली काफी विकसित थी । नगरों में नियोजित जल निकास प्रणाली आधुनिक नगर योजना के समान थी । यहाँ के नगरों में घरों, नालियों एवं सड़कों का एक साथ नियोजित रूप से निर्माण कराया गया था। सड़कों की तरह नालियाँ भी एक दूसरे को समकोण पर काटती थी। घरों से पानी गली के नाली में तथा वहाँ से शहर के मुख्य नाली में जाती थी। नालियों में जगह-जगह चहबच्चे बने होते थे जिससे कूड़ा-कचरा मुख्य नाले में नहीं जाता था।

BSEB 12th History Question


5. हड़प्पावासियों द्वारा व्यवहत सिंचाई के साधनों का उल्लेख करें।

उत्तर ⇒  आज सिंधु प्रदेश इतना उपजाऊ नहीं है, किन्तु प्राचीन समय में यह एक उपजाऊ प्रदेश था। आजकल यहाँ केवल 15 सेमी० वर्षा होती है, परंतु सिकंदर महान के समय एक इतिहासकार का कहना था कि चौथी शताब्दी ई०पू० में सिन्धु देश एक उपजाऊ प्रदेश था। प्राचीनकाल में सिन्धु प्रदेश में वनस्पति प्रचुर मात्रा में थी जो वर्षा को आकर्षित करती थी । यहाँ भवन निर्माण तथा ईंटें पकाने के लिए काफी लकड़ी उपलब्ध होती थी, परंतु कालांतर में कृषि विस्तार, बड़े पैमाने पर चराई तथा ईंधन की प्राप्ति के कारण प्राकृतिक वनस्पति नष्ट हो गई। उन दिनों सिन्धु में प्रतिवर्ष बाढ़ आती थी जो अपने साथ इतनी अधिक जलोढ़ मिट्टी लाती थी जितनी की मिस्र में नील नदी भी नहीं लाती थी। जिस प्रकार नील नदी मिस्र का वरदान समझा जाता था उसी प्रकार उन दिनों सिन्धु नदी को सिन्धु प्रदेश का वरदान समझा जाता था। लोग बाढ़ के मैदानों में गेहूँ तथा जौ बो देते थे और अगले वर्ष की बाढ़ से पहले अप्रैल मास में उसे काट लेते थे। उस समय नहरें नहीं थीं, किन्तु बलुचिस्तान तथा अफगानिस्तान से नालों के अवशेष मिले हैं। संभवतः नदी का पानी नालों के माध्यम से खेतों में सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता था। कुल मिलाकर हड़प्पावासी सिंचाई के लिए पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर थे।


6. हड़प्पाकालीन व्यापार की समीक्षा कीजिए।

उत्तर ⇒   हड़प्पा के अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंध थे। हड़प्पा के लोग अरब प्रायद्वीप में ओमान से तांबा आयात करते थे। ओमान में एक जगह पर हड़प्पा में बना हुआ बर्तन मिला है। ऐसा लगता है कि हड़प्पा के लोग इन बर्तनों के बदले ओमान से ताँबा लाते थे। खुदाइयों से मिलने वाली चीजें जैसे कि मोहरें, तौल के बाट, पासे और मनकों से भी सिद्ध होता है कि हड़प्पा के लोगों के संबंध दूर-दूर के देशों से था। हड़प्पा और ओमान, बहरीन और मेसोपोटामिया के साथ समुद्री रास्ते द्वारा संबंध थे। हड़प्पा सभ्यता के लोग आंतरिक व्यापार भी करते थे। चन्हूदड़ो तथा लोथल में बने हुये मनके, मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा जैसे नगरों को भेजे जाते थे।


7. पूर्व हड़प्पा संस्कृति से आप क्या समझते हैं?

उत्तर ⇒   1950 ई० के पश्चात् कुछ स्थानों पर हुए उत्खनन से ज्ञात हुआ है कि हड़प्पा संस्कृति से पहले भी एक संस्कृति अस्तित्व में रह चुकी थी । विद्वानों द्वारा इन नवीन सभ्यता को पूर्व- हड़प्पा संस्कृति का नाम दिया गया है। इस नवीन खोज के बाद सिन्धु सभ्यता या हड़प्पा संस्कृति को परिष्कृत हड़प्पा संस्कृति की संज्ञा दी गयी है। इन नवीन पूर्व हड़प्पा संस्कृति की खोज से यह प्रमाणित हुआ कि सिन्धु सभ्यता का विकास अचानक या पृथक रूप से नहीं हुआ था बल्कि यह उस संस्कृति का सम्भवत: विकसित रूप है जिसे पूर्व हड़प्पा संस्कृति कहा गया है।


8. मोहनजोदड़ो के अन्नागार के विषय में लिखें। 

उत्तर ⇒  मोहनजोदड़ो में विशाल अन्नागार के भी साक्ष्य मिले हैं। ये अन्नागार छः-छः कमरों के दो कतारों में मिले हैं। इन अन्नागार के बाहर चबूतरे भी मिले हैं जहाँ अनाजों को सुखाया जाता था। इन अन्नागारों में किसानों से कर के रूप में जिसके रूप में अनाज प्राप्त कर उसे रखा जाता था। फसलों की बर्बादी या उत्पादक कम होने पर नगर के लोगों में यहाँ के अनाज वितरण किया जाता होगा।

History Question Answer in Hindi


9. सिन्धुघाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता क्यों कहा जाता है?

उत्तर ⇒  सिन्धुघाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योंकि हड़प्पा नामक स्थान पर ही सर्वप्रथम 1922 ई० में राखल दास बनर्जी ने उत्खनन करवाया और नगर सभ्यता को प्रकाश में लाया। इसके बाद ही अन्य स्थानों पर पुरातात्विक खुदाई की गई । सिन्धुघाटी सभ्यता का सबसे महत्त्वपूर्ण नगर होने तथा हड़प्पा में ही इस सभ्यता का उत्खनन हुआ इसके चलते ही इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है।


10. सिन्धु सभ्यता की कला का वर्णन कीजिए।

उत्तर ⇒  हड़प्पा सभ्यता की पक्की मिट्टी की बनी हुई अनेकों मुहरें-मुद्रायें प्राप्त हुई हैं, जिनसे इनकी कलात्मक स्वरूप के विषय में जाना जा सकता है। इसके साथ ही मिट्टी और धातु की अनेक लघु मूर्तियाँ भी प्राप्त हुई हैं जिनसे तत्कालीन कला पर यथोचित प्रकाश पड़ता है।

मोहरे – हड़प्पा सभ्यता के उत्खनन स्थल से पकी हुई मिट्टी की अनेकों मुद्रायें प्राप्त हुई हैं। इन पर विभिन्न पशुओं, वृक्ष और मानव आकृतियों का अंकन किया गया है।

भवन निर्माण कला – इस कला के सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हड़प्पा और मोहनजोदड़ो में प्राप्त हुए हैं। इनके वास्तुकला उच्च कोटी की थी।

मूर्तिकला — मोहरों पर मूर्तियों की कला अत्यन्त उच्च कोटी की है। कुबड़ वाले बैल का चित्रण अत्यन्त यथार्थ और प्रभावशाली है। मानव मूर्तियों के निर्माण में हड़प्पा संस्कृति के लोगों दक्षता प्राप्त कर लिये थे। नर्तकी की कांसे की मूर्ति की भाव भंगिमा अत्यन्त ही आकर्षक हैं उसे नृत्य मुद्रा में बनाया गया है।


11. सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर प्रकाश डालिए। 

उत्तर— हड़प्पा सभ्यता के सामाजिक अवस्था का अनुमान उत्खनन में प्राप्त सामग्री के आधार पर किया जा सकता है। उत्खनन में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की मूर्तियाँ अधिक पाई गई हैं। इस आधार पर हड़प्पाकालीन समाज को मातृ प्रधान समाज कहा जाता है। भवन निर्माण योजना से ज्ञात होता है कि परिवार पृथक-पृथक निवास करते थे। हड़प्पा के लोग शांतिप्रिय थे। समाज चार वर्गों शिक्षित वर्ग, व्यवसायी वर्ग, श्रमिक एवं कृषक में विभाजित था ।


12. सिन्धु घाटी सभ्यता के नगर योजना का वर्णन करें। 

उत्तर ⇒   हड़प्पा सभ्यता एक शहरी सभ्यता थी, क्योंकि यहाँ से एक नियोजित शहर के अवशेष प्राप्त हुए हैं, जो तत्कालीन विश्व में कहीं नहीं थी । पूरा हड़प्पा नगर स्थल दो भागों में ऊपरी और नीचली नगर क्षेत्र में बँटा हुआ था। ऊपरी अथवा गढ़ी के क्षेत्र में प्रशासकीय भवन के अवशेष मिले हैं और नीचला नगर क्षेत्र में आवासीय भवन के अवशेष मिले हैं। हड़प्पा नगर स्थल पर मिले सड़कों; गलियों, अवासीय भवन, नालियों, स्नानागार, अन्नागार आदि के अवशेषों ने एक आधुनिक नगर की ओर ईशारा करती है।


Inter Board Pariksha History Question 2024

13. हड़प्पा सभ्यता के पतन के दो कारण बतायें।

उत्तर ⇒   हड़प्पा सभ्यता के पतन के दो कारण निम्नलिखित हैं :

(i) बाढ़ के कारण – हड़प्पा सभ्यता के सभी बड़े नगर नदियों के किनारे अवस्थित थे। बाढ़ के कारण इनका पतन हुआ होगा।

(ii) बाहरी आक्रमण – हड़प्पा सभ्यता के पतन का मुख्य कारण था आर्यों का आक्रमण | आर्य लोहा और घोड़ा के बल पर हड़प्पा सभ्यता के नगरों को ध्वस्त कर नाश कर दिया।


14. भारत के प्राचीन इतिहास को जानने के लिए सिक्कों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर ⇒   अभिलेखों की भाँति मुद्राएँ भी इतिहास के विश्वसनीय और निर्णायक स्रोत है। भारत के विभिन्न भागों में सहस्रों मुद्राएँ प्राप्त हुई हैं। ये मुद्राएँ विभिन्न धातुओं की बनाई जाती थीं, जैसे— सोना, चाँदी, ताँबा तथा मिश्रित धातुएँ। अभिलेखों के समान मुद्राएँ भी स्थायी, अपरिवर्तनशील और प्रामाणिक स्रोत हैं। उनसे तिथि निर्धारण में सहायता मिलती है। अनेक शासकों एवं राजवंशों के विषय में केवल मुद्राओं से ही सूचना मिलती है। प्राचीन भारत के गणराज्यों, जैसे – मालव, यौधेय आदि के इतिहास पर मुद्राओं द्वारा प्रचुर प्रकाश पड़ता है। सिक्कों की प्राप्ति से राज्य का क्षेत्र तथा सीमा संबंधी जानकारी होती है। अनेक राजाओं का अस्तित्व केवल मुद्राओं से ही प्रमाणित होता है। अत: प्राचीन भारत के इतिहास को जानने के लिए मुद्राओं का अध्ययन अति आवश्यक है।


15. इतिहास लेखन में साहित्यिक स्रोतों का क्या महत्त्व है?

उत्तर ⇒   इतिहास लेखन में साहित्यिक स्रोतों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। हमारा साहित्य दो प्रकार का है— (i) धार्मिक साहित्य (ii) लौकिक साहित्य । 

धार्मिक साहित्य में ब्राह्मण तथा ब्राह्मणेतर ग्रन्थों की चर्चा की जा सकती है। ब्राह्मण ग्रन्थों में वेद, उपनिषद्, रामायण, महाभारत, पुराण तथा स्मृति ग्रन्थ आते हैं। जबकि ब्राह्मणेत्तर ग्रन्थों में बौद्ध तथा जैन साहित्यों से संबंधित रचनाओं का उल्लेख किया जा सकता है। मौर्यकालीन भारत की राजनीतिक व प्रशासनिक अवस्था की जानकारी कौटिल्य के अर्थशास्त्र, मेगास्थनीज की इंडिका से हो पाती है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात है कि सही इतिहास लेखन तभी संभव है जब हम पुरातात्विक स्रोतों के साथ ही साहित्यिक स्रोतों का भी तुलनात्मक अध्ययन करेंगे।


16. भारतीय आद्य- इतिहास जानने के प्रमुख साधन क्या है?

उत्तर ⇒  आद्य इतिहास को जानने के प्रमुख साधन भौतिक अवशेष है, जो बड़ी संख्या में भारत में उपलब्ध है। दक्षिण भारत तथा पूर्वी भारत में मंदिरों तथा विहारों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। भारत के विभिन्न भागों में अनेक टीले पाये गये हैं जिनके नीचे प्राचीन बस्तियों के अवशेष पाये जाते हैं। इन टीलों को तीन भागों में विभाजित किया गया है— सांस्कृतिक टीले, मुख्य सांस्कृतिक टीले और बहू – सांस्कृतिक टीले ।

Class 12th History Subjective 2024


S.N Class 12th Arts Question  Paper
1English 100 MarksClick Here
2Hindi 100 Marks Click Here
3इतिहास   Click Here
4भूगोल  Click Here
5राजनीतिक शास्त्रClick Here
6अर्थशास्त्रClick Here
7समाज शास्त्रClick Here
8मनोविज्ञानClick Here
9गृह विज्ञानClick Here
1012th All Subject Online Test Click Here
1112th All Subjective PDF DownloadClick Here
 S.Nभाग – A  पुरातत्व एवं प्राचीन भारत 
 UNIT – IClass 12th History Objective Chapter 1
 UNIT – IIClass 12th History Objective Chapter 2
 UNIT – IIIClass 12th History Objective Chapter 3
 UNIT – IVClass 12th History Objective Chapter 4
 S.Nभाग – B मध्यकालीन भारत 
 UNIT – VClass 12th History Objective Chapter 5
 UNIT – VIClass 12th History Objective Chapter 6
 UNIT – VIIClass 12th History Objective Chapter 7
 UNIT – VIIIClass 12th History Objective Chapter 8
 UNIT – IXClass 12th History Objective Chapter 9

 

Leave a Comment