BSEB 12th Home Science Question Paper Solved pdf | 12th Home Science question 2024

BSEB 12th Home Science Question Paper 2024 :- दोस्तों यदि आप 12th Home Science question 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th Ka VVI Home Science Question 2024 दिया गया है जो आपके Class 12th home science question Paper 2024 के लिए काफी महत्वपूर्ण है | 


 1. केयर (CARE) से आप क्या समझते हैं? [What do you mean by CARE (Co-operative for American Relief Everywhere?)]

उत्तर⇒ केयर (CARE) — केयर की स्थापना कुपोषण निवारण हेतु 1946 ई० में की गयी, जिसने 1951 ई० में भारत की प्राथमिक पाठशालाओं में दोपहर का आहार भेजना शुरू किया। यह मेटरनल और चाइल्ड हेल्थ केन्द्र में भी दूध, सोयाबीन तथा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराता है। इसके द्वारा गेहूँ, ड्राई मिल्क, मक्खन, चीज तथा सोयाबीन तेल वितरित किये जाते हैं। यह प्रांतीय स्तर पर सेमिनार, वर्कशॉपों आदि का आयोजन करता है। अप्लाइड न्यूट्रीशन प्रोग्राम केयर का सराहनीय प्रोग्राम है।

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 2. बालवाड़ी के चार कार्यों को लिखें।(Write four functions of Balbari.)

उत्तर⇒ बालवाड़ी के चार कार्य निम्नलिखित हैं

नौकरी करने वाली तथा बीमार महिलाओं के पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों की

(i) दिन में देख-भाल करना,

(ii) सोने की सुविधाएँ प्रदान करना,

(iii) पोषाहार की कमी को पूरा करना तथा

(iv) पूर्व स्कूल शिक्षा व्यवस्था करना।


 3. भोजन नियोजन के समय कौन-कौन से तत्त्व प्रभाव डालते हैं? (What are the factors affected at the time of Food Planning ?)

उत्तर⇒ भोजन नियोजन के समय निम्नलिखित तत्त्व प्रभावित करते हैं—

(i) आयु, (ii) लिंग, (iii) जलवायु, (iv) रोग की स्थिति, (v) उत्सव तथा (vi) व्यवसाय । बच्चों में शारीरिक वृद्धि तेजी से होने के कारण उसके आहार में प्रोटीन की प्रचुरता रखनी पड़ती है। मानसिक कार्य करने वालों के आहार में सुपाच्य भोज्य पदार्थों का समावेश होना चाहिए। पुरुषों का भोजन उसके श्रम को ध्यान में रखकर संतुलित किया जाता है। हलका श्रम करने वाले को 72 कैलोरी प्रति घंटा, मध्यम कोटि के श्रम करने वाले को 75 से 150 कैलोरी प्रति घंटा तथा कठिन परिश्रम करने वाले को 140 से 360 कैलोरी प्रति घंटा की आवश्यकता होती है।


 4. गर्भवती स्त्रियों को भोजन में लोहा होना क्यों अनिवार्य है? (Why is iron essential in the food of Pregnant Women ?)  

उत्तर⇒  गर्भवती स्त्रियों को भोजन में लोहा का होना अनिवार्य गर्भवती स्त्रियों को भोजन में लोहा की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। नवें माह के अन्त तक भ्रूण में 100 मि० ग्रा० से 150 मि० ग्रा० लोहा होता है। नाभि-नाल में 150 मि० ग्रा० लौह तत्त्व होता है। इसलिए गर्भवती स्त्रियों को प्रतिदिन 10 मि० ग्रा० से 20 मि० ग्रा० लौह तत्त्व लेना चाहिए। हरी सब्जियाँ, यकृत और गोश्त में लौह तत्त्व की अधिक मात्रा होती है। यह पालक, मटर या सेम, गेहूँ, अंडा, खमीर, दालें, लाल चौलाई, शलजम के पत्ते, हल्दी, हींग, राई, गुड़, फूल, चने के साग में भी उपस्थित होता है।


 5. खाद्य पदार्थों को खरीदते समय आप किन-किन बातों पर ध्यान देंगी? (What will be the matters taken care at the time of purchasing food materials?)

उत्तर⇒ खाद्य पदार्थों को खरीदते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए

(i) मिलावट नहीं रहने हेतु खरीदारी विश्वसनीय दुकानों से करनी चाहिए।

(ii) खरीदारी करते समय अपने एवं दूसरे के अनुभवों का फायदा उठाना चाहिए।

(iii) आई० एस० आई०, एगमार्क या एफ० पी० ओ० मार्क वाले मानक खाद्य पदार्थ ही खरीदने चाहिए क्योंकि इसकी शुद्धता की गारंटी होती है


 6. समाजीकरण (Sociolization)

उत्तर⇒ यह एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जिससे बच्चा जिस समाज में रहता है, जिसके नियमों को जानता 5/6 तथा अपने व्यवहार को समाज द्वारा बनायी गई परम्पराओं में ढालता है।


 7. बच्चों की वैकल्पिक देख-भाल की आवश्यकता (Need for substitute care for children.)

उत्तर⇒ बच्चों की वैकल्पिक देखभाल की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से पड़ती हैं

(i) माता-पिता में से किसी की मृत्यु हो जाने पर

(ii) छोटे एकांकी परिवार होने पर

(iii) माता का घर से बाहर जाकर काम करना

(iv) वैवाहिक संबंध टूटने के कारण इत्यादि


 8. हार्मोन्स (Hormones)

उत्तर⇒ अंतःस्रावी ग्रंथी से स्त्रावित होने वाले पदार्थ को हार्मोन्स कहते हैं। यह हमारे शरीर की विभिन्न गतिविधियों को नियंत्रित करती है।


 9. प्रदूषण (Pollution)

उत्तर⇒ पर्यावरण में दूषक पदार्थों के प्रवेश होने से अवांछनीय परिवर्तन होता है जिससे जीव जगत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, प्रदूषण कहलाता है।


 10. प्रदूषित जल (Polluted water)

उत्तर⇒ पानी के विभिन्न साधन जैसे झीलें, तालाब, नदियाँ, कुएँ तथा वर्षा का पानी मानव तथा जानवरों के द्वारा दूषित हो जाता है। पानी को दूषित करने में व्यर्थ का कुड़ा-कचरा, मरे हुए जानवरों को पानी में डाल देना, पानी के स्रोतों के निकट मल-मूत्र त्याग करना, तालाबों में जानवरों को नहलाना आदि सहयोगी हैं। इन क्रियाओं के द्वारा सूक्ष्मजीव पानी को प्रदूषित कर देते हैं तथा यह पानी फिर पीने योग्य नहीं रहता।

BSEB 12th Home Science Question Paper 2024


 11. पर्यावरण प्रदूषण से आप क्या समझते हैं? (What do you understand by Environment Pollution?)

उत्तर⇒ पर्यावरण— वायुमंडल, जलमंडल और प्राणिमंडल में अवस्थित क्रमश: भूमि, वायु, जल और आश्रित समस्त प्राणियों के लिए वातावरण के सामूहिक रूप को पर्यावरण कहते हैं। प्रदूषण — सजीव या निर्जीव सृष्टि को किसी प्रकार से अस्वच्छ या अशुद्ध करने वाली प्रक्रिया प्रदूषण कहलाती है। यह मुख्यतः पाँच प्रकार के होते हैं

(i) जल प्रदूषण, (ii) वायु प्रदूषण, (iii) ऊष्मा प्रदूषण, (iv) ध्वनि प्रदूषण तथा (v) भूमि प्रदूषण |


 12. पानी के प्राकृतिक स्रोत क्या हैं? (What are the natural sources of water ?)

उत्तर⇒ पानी के प्राकृतिक स्रोत—हमें जल हमेशा प्राकृतिक स्रोतों से ही प्राप्त होता है, ये स्रोत हैं— (i) वर्षा का जल (ii) पृथ्वी के ऊँचे तलों का जल (iii) नदी का जल, (iv) झरने का जल, (V) गहरे कुएँ, (vi) उथले कुएँ (vii) समुद्र का जल, (viii) तालाब तथा (ix) पानी का पम्प अथवा नलकूप


 13. सुरक्षित पीने योग्य पानी के चार गुण लिखिए (Write down four characteristic of safe drinking water.)

उत्तर⇒ (1) यह रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन होना चाहिए।

(ii) यह मृदुजल होना चाहिए कठोर नहीं।

 (iii) यह पूर्णतया सूक्ष्म जीवाणुओं से रहित होना चाहिए।

(iv) इसमें कोई रेडियोधर्मी तत्त्व नहीं होना चाहिए।


 14. कठोर जल तथा नरम जल क्या है? (What is hard water and soft water )

उत्तर⇒  जल धुलाई प्रक्रिया के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण 5/61 जल धोने तथा खंगालने में 90 तक प्रयुक्त होता है। साधारणतः जल दो प्रकार के होते हैं। कठोर जल तथा नरेम जला नरम जल में नमक की मात्रा कम होती है जिससे साबुन घोल आसानी से बनता है और वस्त्र की अशुद्धियाँ आसानी से निकल जाता है। जबकि जल में कैल्सियम और मैग्नीशियम के सल्फेट और कार्बोनेट के मिल जाने से जल कठोर हो जाता है। कठोर जल में साबुन का झाग देर से होता है तथा वस्त्र की अशुद्धियाँ भी देर से निकलती है।


 15. आहार परिवर्तन लाने का अर्थ बताइए (What is the meaning of food changing “)

उत्तर⇒ शारीरिक अवस्था तथा आवश्यकता के अनुसार आहार में परिवर्तन करना पड़ता है। शारीरिक परिवर्तन तथा विकास की अवस्थाओं में आहार की संरचना में परिवर्तन किया जाता है। जैसे किशोरी, गर्भवती महिला, धात्री माता (दूध पिलाने वाली) तथा रोग की अवस्था में परिवर्तित आहार आदि।


16. मानवीय साधन (Human resources)

उत्तर⇒  मानवीय साधन व्यक्ति के भीतर अन्तर्निहित गुण होते हैं।

* परिवार के सदस्यों की रुचियाँ, समय, शक्ति, ज्ञान, कौशल अभिवृत्तियाँ आदि प्रमुख मानवीय साधन है।

* प्रत्येक व्यक्ति की मानसिक एवं बौद्धिक क्षमताएँ सीमित होती हैं। परन्तु निरंतर अभ्यास और ज्ञानवृद्धि द्वारा इसे बढ़ाया जा सकता है।

* मानवीय साधन जन्मजात एवं अर्जित दोनों होता है।


 17. आंतरिक सजावट (Interior decoration)

उत्तर⇒ घर के अंदर के क्षेत्र को सजाने-संवारने की कला को आंतरिक सज्जा कहते हैं। आंतरिक सज्जा कला एवं विज्ञान पर आधारित वह प्रक्रिया है जिसे हम अपने घर को सौंदर्य एवं क्रियात्मक दोनों ही दृष्टि से सुसज्जित करने के लिए अपनाते हैं।


 18. कृत्रिम रेशा (Synthetic fibre)

उत्तर⇒ कृत्रिम रेशा वह रेशा है जिसे प्राकृतिक रूप से नहीं बल्कि कृत्रिम रूप से निर्मित किया जाता है जैसे- नायलॉन, रेयान, ड्रेक्रान। कृत्रिम रेशा रासायनिक विधि से बनाई जाती है। कृत्रिम रेशा वह रेशा है जिनका उद्गम प्रकृति से नहीं बल्कि जिसे बनाने के लिए विभिन्न रासायनिक पदार्थ को रासायनिक एवं यांत्रिक विधियों द्वारा रेशा का रूप दिया जाता है।


 19. धब्बे के प्रकार (Types of Stains)

उत्तर⇒ कोई भी निशान जो कपड़े के रंग को खराब कर दें उसे धब्बा कहते हैं। धब्बे निम्न प्रकार के होते हैं— (i) प्राणिज्य धब्बे, (ii) वानस्पतिक धब्बे, (iii) खनिज धब्बे ? (iv) चिकनाई के धब्बे, (v) अन्य धब्बे ।


 20. आंतरिक सजावट (Interior decoration)

उत्तर⇒ घर को सजाने-सँवारने की कला को गृह सज्जा या आंतरिक सज्जा कहते हैं। घर के प्रत्येक चीज को सुन्दर एवं सुविधापूर्ण बना देना ताकि यह देखनेवाले को अपनी ओर लुभा सके, आकर्षित कर सके साथ ही कार्यात्मकता भी बनी रहे गृह सज्जा है। दूसरे शब्दों में सजावट का उद्देश्य न केवल घर को सौन्दर्य प्रदान करना हैं अपितु घर के अंदर की अस्त-व्यस्त वस्तुओं को इस प्रकार से क्रमबद्ध करके व्यवस्थित रूप देना हैं ताकि इनमें एकता के साथ-साथ लय, अनुपात, संतुलन एवं समानता का भाव प्रकट हो ।


12th Home Science questions and answers in hindi

21. वस्त्र की किस्म से आप क्या समझते हैं? (What do you understand by the different type of cloths.)

उत्तर ⇒  वस्त्रों की किस्म के अंतर्गत निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए (i) रेशे के प्रकार, (ii) बनावट का प्रकार, (iii) अलंकरण के साजों सामान की क्वालिटी, (iv) मिश्रित किया है या नहीं, (v) सेनफोरोइज्ड (sanforized) है या नहीं (vi) वस्त्रों की देख रेख की विधि सरल है या कठिन है।


22. डिजाइन बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (What facts should be kept in mind at the time of making design ?)

उत्तर ⇒  डिजाइन बनाते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए—

(i) डिजाइन पहनने वाले व्यक्ति की आयु, लिंग, त्वचा के रंग तथा व्यक्तित्व के अनुरूप हो।

(ii) डिजाइन फैशन के अनुकूल हो ।

(iii) परिधान में दो या दो से अधिक डिजाइन हो तो उनमें पर्याप्त सामंजस्य स्थापित होना चाहिए।

(iv) डिजाइन देने के लिए उपयुक्त सामग्री निम्न कोटी की हो अन्यथा पहली धुलाई के बाद यह बेकार हो जायेगी।


23. नायलोन वस्त्रों की धुलाई कैसे की जाती है? (How are the Nylon Clothes washed?)

उत्तर ⇒  नायलोन वस्त्रों की धुलाई — नायलीन वस्त्रों को किसी भी प्रकार के  साबुन से धोया जा सकता है। वैसे इन्हें धोने में सिल्क के बने वस्त्रों की धुलाई की तरह नियमों का पालन करना चाहिए। साबुन के फेन में वस्त्रों को साफ करके, कई बार साफ पानी में खंगालने के बाद पानी से निकालकर अच्छी तरह जोर से झटका देकर झाड़ने के बाद अलगनी पर रख देना चाहिए, इससे अधिकांश पानी निकल जाता है। कपड़ों को छायादार स्थान पर हैंगर में लटकाकर सुखाना चाहिए। उन्हें निचोड़ना नहीं चाहिए।


24. मौसम तथा समय के अनुसार कैसे रंग के कपड़े पहनने चाहिए? (Which colour of clothes should be wear according to the season and time )

उत्तर ⇒  मौसम —सर्दियों में गरम रंग (लाल, पीला, नारंगी आदि) तथा गर्मियों में शीतल रंगों (नीला, हरा, बैंगनी) का प्रयोग करना चाहिए।

समय — किस समय कौन से रंग के वस्त्र पहनना चाहिए इसका भी ज्ञान होना चाहिए। खुशी के समय सुंदर, भड़कीले, चमकीले तीव्र रंगों वाले वस्त्र पहनने चाहिए। शोक के समय सफेद रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।


25. रेशमी वस्त्रों का संचयन आप किस प्रकार करेंगी ? (How will you storage the silk clothes ? )

उत्तर रेशमी वस्त्र का संचयन- रेशमी वस्त्रों के संचयन के लिए अलग बक्सा होना चाहिए। रेशमी वस्त्र को कपड़े या पॉलिथीन में लपेटकर रखना चाहिए । नेप्थलीन की गोलियाँ या लाल मिर्च या गोल मिर्च की पोटलियाँ रखनी चाहिए।


26. वस्त्रों को कीड़े एवं फफूँदी से कैसे बचाया जाता है ? (How can you save the clothes from insects and fafundi ?)

उत्तर ⇒  वस्त्रों को कीड़े एवं फूफूँदी से बचाया जाना — वस्त्रों को कीड़े एवं फफूँदी से बचाने के लिए नेप्थलीन की गोलियाँ, नीम की पत्तियाँ, सूखी लाल मिर्च, गोल मिर्च आदि का प्रयोग किया जाता है।वस्त्रों में नमी की स्थिति में फफूँदी लगते हैं, जिससे भद्दे दाग वस्त्रों पर लग जाते हैं। फफूँदी लग जाने pi उसके धब्बों को तुरंत छुड़ा लेना चाहिए।


27. साबुन के बारे में लिखें। (Describe about soap.)

उत्तर साबुन वसीय अम्ल के लवण होते हैं। उनका निर्माण वसा तथा क्षार के मिश्रण से होता है। साबुन घरेलू स्तर पर भी आसानी से बनाये जा सकते हैं। साबुन अपेक्षाकृत महँगे पड़ते हैं। यह कठोर जल में निष्क्रिय होते हैं इसलिए इसकी बहुत मात्रा की आवश्यकता होती है।


28. कॉफी के धब्बे किस प्रकार छुड़ाये जायेंगे? (How to remove stains of coffee ?)

उत्तर कॉफी के ताजे धब्बे सोहागा और जल की मदद से छूट जाते हैं। धब्बे वाले स्थान को सोहागा के जलीय घोल में कुछ समय तक डुबों देते हैं। अगर धब्बे सूती पर हो तो गर्म जल की धार उस पर डालेंगे। रेशमी वस्त्र पर लगे कॉफी के धब्बे को हाइड्रोजन पेरॉक्साइड से छुड़ायेंगे।


29. एक धुलाई मशीन का चयन करते समय किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए? (What are the facts should considered at the time of selection of a washing machine ?)

उत्तर कपड़े धोने की मशीन बाजार में कई प्रकार के मॉडलों में उपलब्ध होती है जिनमें विभिन्न प्रकार की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इनके मॉडलों को देखते हुए ISI मार्क का ध्यान देते हुए उचित प्रकार के धुलाई मशीन का चयन करना चाहिए। यह मशीन विद्युत चालित होती है तथा कई वस्त्र इसमें एक साथ धोए जा सकते हैं। सामान्यतः बाजार में चार प्रकार के धुलाई मशीन उपलब्ध हैं— (i) डोली मशीन, (ii) सिलिन्डर या रोटरी मशीन, (iii) ऑसिलेटिंग या रोकर मशीन एवं (iv) दबाव या चूषण मशीन।


30. डिटर्जेन्ट (अपमार्जक) से लाभ (Advantages of using detergent.)

उत्तर लाभ निम्नलिखित हैं

(i) ये पानी में भरपूर झाग देते हैं।

(ii) ये कठोर एवं मीठे जल दोनों में कपड़ा साफ करते हैं।

(iii) इनमें विरंजक व कपड़ों में चमक लाने वाले तत्त्व भी मिले होते हैं।

(iv) इनका उपयोग ठंडे और गर्म जल में भी किया जा सकता है व इनसे कपड़े धोना भी आसान है।

BSEB 12th Home Science Question 2024


Class 12th Home Science Objective 2024
UNIT – I 12th Home Science Objective
UNIT – II12th Home Science Objective
UNIT – III 12th Home Science Objective 
UNIT – IV 12th Home Science Objective
UNIT – V 12th Home Science Objective
UNIT – VI 12th Home Science Objective
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