Bihar Board 12th Biology Subjective Question :- दोस्तों यदि आप BSEB 12th Exam 2024 Biology Question Paper की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th biology Ka subjective question दिया गया है जो Class 12 Biology Subjective Question के लिए महत्वपूर्ण है, 12th Biology Questions Answer pdf 2024
Bihar Board 12th Biology Subjective Question 2024
1. रजोनिवृत्ति (Menopause) किसे कहते हैं ?
उत्तर — स्त्रियों में लगभग 40 वर्ष की आयु में मदचक्र अनियमित हो जाता है और धीरे-धीरे या अचानक समाप्त हो जाता है । यह स्थिति एस्ट्रोजन की कमी के कारण उत्पन्न होती है। रजोनिवृत्ति के पश्चात् स्त्रियाँ गर्भधारण करने में असमर्थ होती हैं इसलिए प्रजनन क्षमता भी समाप्त हो जाती है । इसके ठीक विपरीत पुरुष में शुक्राणु निर्माण अन्तिम समय तक होता रहता है किन्तु उसकी मैथुन क्षमता आयु के साथ-साथ कम होती जाती है।
2. शुक्राणु जनन तथा अण्ड जनन में समानताएँ बताइए ।
उत्तर — शुक्राणु जनन तथा अण्ड जनन में समानताएँ ( Similarities between Spermatogenesis and Oogenesis):
- दोनों ही क्रियाओं में जनन एपिथेलीयम ( germinal epithelium) की कोशिकाओं का विभाजन होता है ।
- दोनों ही क्रियाओं में तीन प्रावस्थाएँ होती हैं
(i) गुणन प्रावस्था (multiplication phase)
(ii) वृद्धि प्रावस्था (growth phase)
(iii) परिपक्वन प्रावस्था (maturation phase) - दोनों में ही, गुणन प्रावस्था में, समसूत्री विभाजन होता है ।
- वृद्धि अवस्था में कोशिकाओं की वृद्धि होती है और पोषण तत्वों को संचित करती है ।
- दोनों ही में परिपक्वन अवस्था में पहला विभाजन अर्द्धसूत्री तथा दूसरा समसूत्री होता है ।
- दोनों की अंतिम अवस्था में अगुणित गैमीट का निर्माण होता है।
3. मानव निषेचन पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर — निषेचन (Fertilisation ) — सभी स्तनियों में मैथुन (copulation) होता है, जिसके फलस्वरूप शुक्राणुओं (sperms) का स्थानांतरण योनि (vagina) में होता है। तत्पश्चात् शुक्राणु गर्भाशय से होते हुए फैलोपियन नलिकाओं में जाते हैं। अण्डोत्सर्ग क्रिया के फलस्वरूप अण्ड देहगुहा में छोड़ दिये जाते हैं, जहाँ से ये ऑस्टियम फैलोपियन ( ostium fallopian) द्वारा फैलोपियन नलिका में पहुँचते हैं । यहाँ पर इन्हें शुक्राणु घेर लेते हैं और फिर केवल एक शुक्राणु गर्भाधान में सफल होता है । निषेचन की क्रिया एक्रोसोम ( acrosome) द्वारा स्रावित एन्जाइम हायलुरॉनिडेज (hyaluronidase) द्वारा सम्भव होती है, क्योंकि यह एन्जाइम म्युकस तथा अण्डकला को घुला देता है, जिससे शुक्राणु को अण्ड के जीव द्रव्य में से होकर केन्द्रक तक पहुँचने में सुगमता होती है। शुक्राणु तथा अण्ड के केन्द्रकों के संयुग्मन को निषेचन (Fertilization) कहते हैं । निषेचन के फलस्वरूप युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है। प्रत्येक युग्मनज में गुणसूत्रों की संख्या (2n) होती है, क्योंकि प्रत्येक युग्मक (Gamete) में गुणसूत्रों की संख्या केवल (n) होती है।
4. फफूँद (फंजाई) जगत के पौधों में अलैंगिक जन्म किस प्रकार से होता है ?
उत्तर — फफूँद जगत के पौधों में अलैंगिक जनन कुछ अलैंगिक जननीय संरचनाओं द्वारा होता है यथा— पैनसिलियम में यह कोनिडिया के द्वारा, तो म्यूकर में अलैंगिक चल बीजाणु के द्वारा सम्पन्न होता है ।
5. पादपों में कायिक प्रवर्धन किन संरचनाओं की मदद से होता है ?
उत्तर — पादपों में कायिक प्रवर्धन कुछ खास प्रकार के संरचनाओं के द्वारा सम्पन्न होता है । यथा— उप्रिभूस्तारी, प्रकन्द, भूस्तरी, बल्व इत्यादि ।
6. अलैंगिक जनन मुकुलन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर — इस प्रकार के जनन में जनक के शरीर में कोई बल्ब – सरीखी प्रवर्ध निकल आती हैं जिसे मुकुल कहते हैं, और फिर यह मुकुल टूटकर जनन के शरीर से अलग हो जाती है जो स्वतंत्र जीव बनाती है ।
Class 12 Biology Subjective Question 2024
7. मदचक्र तथा ऋतुस्राव चक्र के बारे में स्पष्ट करें
उत्तर — जानवरों में जनन प्रावस्था के दौरान अपरास्तनी मादा के अंडाशय की सक्रियता में चक्रित तथा सहायक वाहिका और हॉर्मोन्स में परिवर्तन आने लगते हैं। नॉन प्राइमेट स्तनधारियों, जैसे- गाय, भेंड़, कुत्ता, चूहा, बाघ इत्यादि में जनन के दौरान ऐसे चक्रिय परिवर्तन होते हैं, इन्हें मदचक्र (ओएस्ट्स साइकिल ) कहते हैं । प्राइमेटों जैसे—बन्दर, गोरीला, ऐप्स एवं मनुष्य में यह ऋतुस्राव चक्र कहलाता है। प्राकृतिक रूप में वनों में रहने वाले अधिकांश स्तनधारी अपने जनन प्रावस्था के दौरान अनुकूल परिस्थितियों में ऐसे चक्रों का प्रदर्शन करते हैं इसी कारणों से इन्हें ॠतुनिष्ठ अथवा मौसमी प्रजनन कहते हैं।
8. जीवों में अलैंगिक जनन के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। अथवा, अनिषेक जनन पर टिप्पणी लिखें ।
उत्तर — जीवों के प्रजनन की वह विधि जिसमें एक जनक से नई व्यष्टि का जन्म होता हो, अलैंगिक जनन या अनिषेक जनन कहलाता है। इसमें जनन कोशिकाओं (यूग्मकों) का निर्माण एवं संलयन नहीं होता है। यह जनन प्रायः निम्न श्रेणी के जीवों जैसे—अकोशिकीय जीव, सरल पादप एवं जंतुओं में होता है।
प्रकार :- यह द्विविभाजन, बहुविभाजन, मुकुलन, बीजाणु जनन, खंडी भवन एवं पुनरुद्भवन विधि द्वारा सम्पन्न होता है ।
लाभ :- नवजात संतति आनुवंशिक रूप से जनक के समान होती है एवं इसका दुर तीव्र होता है तथा सभी संतति सभी गुणों में एक-दूसरे सामन होती है।
9. जनन की परिभाषा लिखिए। जीवधारियों में दो प्रकार के जनन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर — जनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव अपने ही प्रकार के नए जीवों को पैदा कर सकता है
प्राणी दो प्रकार से जनन करते हैं— अलैंगिक तथा लैंगिक ।
10. युग्मज किसे कहते हैं ? यह कैसे बनता है ?
उत्तर — शुक्राणु द्वारा अण्डे का निषेचन होने पर युग्मज (zygote) बन जाता है। इस युग्मज में बार-बार विभाजन होकर एक भ्रूण बन जाता है। भ्रूणपोष केन्द्रक में वृद्धि होकर बीज का भ्रूणपोष बन जाता है।
उचित समय पर अण्डे के साथ शुक्राणु का जब वहन फैलोपियन नलिका में होता है उस समय मिलन होने पर दोनों के संलयन द्वारा युग्मज बनता है ।
11. निषेचन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर — शुक्राणु तथा अण्ड के केन्द्रकों के संयुग्मन को निषेचन (Fertilization) कहते हैं । निषेचन के फलस्वरूप युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है। प्रत्येक युग्मनज में गुणसूत्रों की संख्या (2n) होती है, क्योंकि प्रत्येक युग्मक (Gamete) में गुणसूत्रों की संख्या केवल (n) होती है।
जनक कोशिकाएँ एक विशेष प्रकार का अर्द्धसूत्री विभाजन करती हैं जिसमें सभी गुणसूत्र अण्ड कोशिका में आ जाते हैं, पोलर बॉडी में नहीं जाते । अण्ड कोशिकाएँ मादा के शरीर में ही विकसित होती है और मादा ही बच्चों को जन्म देती है।
12. मानव प्रजनन से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर — मनुष्य एकलिंगी (Unisexual) होता है अर्थात् नर और मादा जनन अंग अलग-अलग होते हैं। जिस मानव में नर जननांग होते हैं उसे पुरुष तथा जिनमें मादा जननांग होते हैं उसे स्त्री कहते हैं। मनुष्य में लैंगिक द्विरूपता (Sexual dimorphism) पायी जाती है अर्थात् मानव की आकारिकी देखकर ही पुरुष तथा स्त्री को पहचाना जा सकता है
स्त्री में वुल्बा (Vulva), लेबिया मेजोरा (Labia Majora), लेबिया माइनोरा (Labia Minora), क्लाइटोरिस (Clitoris) तथा सुविकसित स्तन होते हैं। इनकी आवाज पतली होती है।
पुरुष में शिश्न ( penis) तथा एक जोड़ी वृषण (scrotal sacs) होते हैं और परिपक्व होने पर दादी तथा मूँछ निकल आती है इनकी आवाज भारी होती है।
मनुष्य में अण्डे का भ्रूणीय विकास गर्भाशय में ही होता है। ये जरायुज (viviparous) होते हैं अर्थात् सीधे शिशु को जन्म देते हैं।
12th Biology Questions Answer pdf 2024
13. वीर्य (Semen) क्या है ? इसके क्या-क्या कार्य है ?
उत्तर — सम्भोग के समय जब पुरुष चरम सीमा के आनन्द का अनुभव करता है तब उसके शिश्न मुख से एक सफेद तरल पदार्थ योनि में छोड़ दिया जाता है। इस तरल पदार्थ को ही वीर्य कहते हैं वीर्य में उपमंथियों का स्राव म्युकस तथा शुक्राणु होते हैं।
वीर्य के कार्य (Functions of Semen) :-
- वीर्य एक तरल माध्यम का कार्य करता है जिससे शुक्राणु स्त्री की योनि में सुरक्षित स्थानान्तरित किये जा सकें।
- यह शुक्राणुओं का पोषण करता है और उन्हें सक्रिय करता है, और इस प्रकार शुकाणु चलायमान रहते हैं।
- क्योंकि यह क्षारीय होता है इसलिए यह नर की यूरेथा तथा मादा की योनि में मूत्र की अम्लीयता को कम करता है ।
- उपग्रंथियों के स्राव से योनि मार्ग चिकना और नम हो जाता है जिससे मैथुन में सुविधा होती है ।
14. पुरुष में यौवनारम्भ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर — जब नर जननांग अपना कार्य करना शुरू करते हैं तो इस अवस्था को यौवनारम्भ (puberty) कहते हैं यह सामान्यतया 13-14 वर्ष की आयु में होती है। यौवनारम्भ होते ही वृषण टेस्टोस्टीरोन हार्मोन (testosterone hormone) उत्पन्न करने लगते हैं, जो वृद्धि तथा गौण लैंगिक अंगों की परिपक्वता का नियमन करता है।
पुरुष के गौण लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Characters of Man) :-
- कन्धे चौड़े हो जाते हैं।
- माँसपेशियों की वृद्धि होने से शरीर सुडौल तथा ताकतवर हो जाता है।
- वृद्धि के कारण लम्बाई बढ़ती है।
- चेहरे पर बाल (मूँछ तथा दाढ़ी) निकल आते हैं।
- बगलों में तथा शिश्न व वृषण कोष के चारों ओर बाल आ जाते हैं।
- आवाज भारी हो जाती है।
15. पुरुष की लैंगिक क्रिया (Man’s Sex Action) से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर — पुरुष की लैंगिक क्रिया (Man’s Sex Action ) – सभी स्थलीय प्राणियों में आन्तरिक निषेचन (internal fertilization) ही होती है। इन प्राणियों में आन्तरिक निषेचन मैथुन द्वारा ही सम्भव होता है। मैथुन क्रिया के समय शिश्न के इरेक्टाइल ऊत्तक में रुधिर दाब बढ़ जाता है क्योंकि पराअनुकम्पी तंत्रिका तंत्र द्वारा इसकी शिरायें सिकुड़ती है और धमनिकायें फूलती है। इसके फलस्वरूप शिश्न मोटा हो जाता है और दृढ़ बन जाता है। अब इस स्थिति में शिश्न योनि में प्रवेश कराया जाता है। इस अवस्था में लयमय घर्षण के फलस्वरूप शिश्न के शीर्ष पर स्थित संवेदी कोशिकायें स्पर्श से उत्तेजित होती है जिसके फलस्वरूप पुरुष के मूत्राशय का भीतरी स्फिक्टर (internal sphincter) बन्द हो जाता है तथा साथ ही एपिडिडाइमिस शुक्रवाहिनी (vas-deferens), उपग्रंथियाँ, सैमिनल वेसिकिल्स तथा प्रोस्ट्रेट सिकुड़ते हैं। यह सब सामूहिक रूप से वीर्य निकालते हैं, जो स्त्री की जनन नलिकाओं में दूर तक चला जाता है। वीर्य स्खलन, मैथुन की चरम सीमा पर पहुँचने से होता है स्खलन के पश्चात् धमनिकायें सिकुड़ती है, रुधिर दाब कम हो जाता है और इस प्रकार शिश्न सिकुड़ जाता है।
16. स्त्रियों में यौवनारम्भ (Puberty in Women) से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर — मादाओं में भी जब मादा जनन अंग अपना कार्य करना आरम्भ करते हैं तभी यौवनारम्भ होता है। यह प्रायः 11-14 वर्ष की आयु में होता है स्त्रियों में एक मादा जनन-चक्र होता है जिसकी अवधि लगभग 28 दिन होती है। इन 28 दिनों में स्त्रियों में जननांगों की रचना तथा कार्यों में अनेक परिवर्तन होते हैं, इसे आर्तव चक्र (menstrual cycle) कहते है। आर्तव चक्र का नियमन अण्डाशय द्वारा स्रावित हॉर्मोनों द्वारा होता है जिनका स्वयं नियमन पीयूष ग्रंथि द्वारा सावि गोनैडोट्रापिनो द्वारा होता है। इनके कारण ही स्वियों में गौण लैंगिक लक्षण प्रदर्शित होते हैं।
स्त्रियों के गौण लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Characters in Women) :-
- स्तनों की वृद्धि तथा विकास होता है ।
- बाह्य जननांग भी पूर्णतया विकसित होते हैं ।
- श्रोणिमेखला तथा नितम्ब चौड़े हो जाते हैं ।
- बगल में तथा वुल्बा के चारों ओर बाल निकल आते हैं ।
- जाँघों तथा नितम्बों पर अधोत्वचीय वसा विकसित होती है ।
- आर्तव चक्र मासिक प्रारम्भ हो जाता है ।
17. अलैंगिक तथा लैंगिक जनन में सोदाहरण अंतर स्पष्ट करें ।
उत्तर — अलैंगिक तथा लैंगिक जनन में अंतर –
अलैंगिक जनन | लैंगिक जनन |
(i) प्रजनन में केवल एक ही प्राणी भाग लेता है । | (i) दो प्राणी प्रजनन में भाग लेते हैं । |
(ii) प्रजनन की इकाई है—कलिका, शरीर खंड आदि । | (ii) प्रजनन इकाई है— युग्मक । |
(iii) युग्मकों का निर्माण नहीं होता। | (iii) युग्मक (शुक्राणु तथा अण्डाणु) दोनों ही बनाते हैं । |
(iv) युग्मक-संलयन नहीं होता । | (iv) युग्मक-संलयन होता है। |
(v) प्रजनन समसूत्री नहीं होता । | (v) अर्द्धसूत्री विभाजन भी होता है। |
(vi) संतान आनुवांशिकी रूप में जनक के समान ही होती है। | (vi) संतान आनुवांशिक रूप में जनक से भिन्न होती है। |
(vii) क्योंकि इसमें आनुवांशिक भिन्नतायें नहीं होती इसलिए विकास में कम सहायक होता है। | (vii) इस विधि में आनुवांशिक भिन्नताएँ होती है इसलिए विकास में सहायक होती है। |
(viii) यह अकशेरुकीयों तथा कशेरुकीयों दोनों में होता है। | (viii) यह लगभग सभी प्राणियों में होता है—प्रोटोजोआ से स्तनियों तक । |
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