12th Biology Question answer In Hindi | Class 12th Biology Question 2024 In Hindi

12th Biology Question answer In Hindi :- दोस्तों यदि आप Class 12th Biology Question Paper 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th Biology Chapter 11 Subjective Question दिया गया है जो आपके 12th biology question paper 2024 in hindi के लिए काफी महत्वपूर्ण है | 12th Biology Question Answer 2024


12th Biology Question answer In Hindi

1. बायोप्रोस्पेक्टिंग से क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ वैज्ञानिक शोध जो प्रकृति के उपयोगी कार्यान्वयन प्रक्रिया अथवा उत्पादन के तत्वों पर सतत् नजर रखती है। बायोप्रोस्पेक्टिंग कहलाता है।


2. अर्धसूत्री विभाजन को ध्यान में रखते हुए क्या आप बता सकते हैं कि पुनर्योगज डीएनए किस अवस्था में बनते हैं ?

उत्तर ⇒ प्रथम पुनर्योगज डीएनए का निर्माण सालमोनेला टाइफीमूरियम के सहज प्लाज्मिड में प्रतिजैविक प्रतिरोधी कूटलेखन जीन के जुड़ने से हो सकता है। डीएनए को विशिष्ट जगहों से काटा जाता है। कटे हुए डीएनए का भाग प्लाज्मिड डीएनए से जोड़ा जाता है। यह प्लाज्मिड डीएनए संवाहक की तरह कार्य करता है जो इससे जुड़े डीएनए को स्थानांतरित करता है। प्लाज्मिड को संवाहक के रूप में प्रयोग करके विजातीय डीएनए के खंड को परपोषी जीवों में पहुँचाया जाता है। प्रतिजैविक प्रतिरोधी जीन को संवाहक के साथ जोड़ने का काम एंजाइम डीएनए लाइगेज के द्वारा होता है जो डीएनए अणु के कटे हुए भाग पर कार्य कर उसके किनारों को जोड़ने का काम करता है। इस संयोजन से पात्रे (इन विट्रो) नये गोलाकार स्वतः प्रतिकृति बनाने वाले डीएनए का निर्माण होता है जिसे पुनर्योगज डीएनए कहते हैं।


3. एंजाइम क्या है ?

उत्तर ⇒ ग्लोबूलर प्रोटीन (Globular proteins) का महत्त्वपूर्ण समूह जो जैव तंत्र उत्प्रेरक का कार्य करते है, एंजाइम (Enzymes) कहलाते हैं। इन एंजाइमों का हमारे जीवन में अधिक महत्व है। इनकी अनुपस्थिति में हमारे जीवन की क्रियाएं कितनी मंद गति से संपन्न होती है कि हमारे लिए जीवित रहना कठिन ही नहीं असंभव हो जाता। उदाहरण के लिए यदि हमारे शरीर में विभिन्न एंजाइम न होते तो हमारे पाचन तंत्र को एक समय का भोजन पचाने में 50 वर्ष लग जाते। इससे हम आसानी से कल्पना कर सकते है कि इनकी अनुपस्थिति में हमारा जीवन कैसा होता आज की तारीख में लगभग 3000 ऐसे एंजाइमों को ज्ञात कर लिया गया है जो प्रोटीनों के एक विशिष्ट वर्ग में आते हैं।


4. एंजाइमों की कुछ विशेषताएँ बताइए।

उत्तर ⇒ एंजाइम की विशेषताएँ (Characteristics of Enzymes ) एंजाइम की कुछ विशेषताएँ इस प्रकार है—

(i) यह उच्चतम विशिष्ट है। इनकी अभिक्रियाएं इतनी तेज होती है कि कोई एक एंजाइम एक मिनट में 10 बार अभिक्रिया में भाग लेकर वापस मुक्त हो सकता है। उदाहरण के लिए माल्टेस (maltase), माल्टोस के जलीय अपघटन को उत्प्रेरित करता है। कोई अन्य ऐसा एंजाइम नहीं है, जो माल्टोस को उत्प्रेरित कर सक

(ii) ये अभिक्रिया की गति को बढ़ा देते है।

(iii) ये शरीर के सामान्य ताप व pH (6-8) पर सक्रिय होते है।

(iv) एंजाइमों का कार्य कई विधियों से नियंत्रित होता है और कई कार्बनिक तथा अकार्बनिक अणु इनकी सक्रियता को रोकते है। (v) अभिक्रिया संपन्न होने के बाद उत्प्रेरकों की भांति ये अपनी मूल अवस्था को प्राप्त कर लेते है, अतः इनकी अत्यंत अल्प मात्रा भी जैव रासायनिक अभिक्रियाओं की गति को तेज कर देती है।

12th biology question paper in hindi 2024


5. जेनेटिक इंजीनियरिंग और जैव तकनीक से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ न्यूक्लिक अम्लों और प्रोटीनों के रसायन के ज्ञान से, प्रोटीन के संश्लेषण को नियमित करना संभव हो सका है। हम जानते है कि न्यूक्लिक अम्लों में प्रोटीन विशिष्ट क्षार द्वारा कोडित (coded) होती है। DNA क्रम जो विशिष्ट प्रोटीन के लिए कोड का कार्य करता है उसे जीन (gene) कहते है। एक जीव के DNA अणु के एक भाग को यदि जीव के DNA अणु के एक भाग के साथ जोड़ दिया जाए तो इस नए बने हुए DNA अणु को पुनर्योजित DNA (recombinant DNA) कहा जाता है। इन विशिष्ट एंजाइमों को ‘नियंत्रण एंजाइम’ (restriction enzymes) कहा जाता है। पुनर्योजित DNA की संरचना में परिवर्तन के साथ प्रोटीनों या एंजाइमों के सश्लेषण के लिए प्रयोग किया जाता है।

                            जीवो के जीन्स (genes) को संरचना में परिवर्तन करके मनुष्य में लाभदायक प्रभाव उत्पन्न करने की कृत्रिम विधि को जेनेटिक इंजीनियरिंग अथवा जैव-तकनीक कहा जाता है।


6. एक सचित्र (चार्ट) (आरेखित निरूपण के साथ) बनाइए जो प्रतिबंधन एंजाइम को, (जो कियाधार डीएनए पर यह कार्य करता है उसे), उन स्थानों को जहाँ यह डीएनए को काटता है व इनसे उत्पन्न उत्पाद को दर्शाता है।

उत्तर ⇒

जैव तकनीक हमारी सहायता करती है

(i) प्रोटीन में एमीनो अम्ल का क्रम बदलने में, जिससे परिवर्तित और ऐच्छिक गुणा के प्रोटीन उत्पन्न किए जा सके। (ii) लाभदायक प्रोटीन और एंजाइम, व्यापारिक अनुप्रयोग के लिए कोशिकाओं को अधिक मात्रा में उत्पन्न करने के लिए। जैव तकनीक, जेनेटिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र को बढ़ाती है।


7. व्यवसायिक स्तर पर पुनर्योगज प्रोटीन प्राप्त करने के लिए किए तरह के वर्तन की आवश्यकता होती है ?

उत्तर ⇒ पुनर्योगज प्रोटीन का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में हो इसके लिए बायोरिएक्टर की आवश्यकता होती है। जिसका औसतन आयतन (100 1000) लीटर होता है। बायोरिएक्टर एक वर्तन के समान है जिसमें सूक्ष्मजीवों, पौधों, जंतुओं व मानव कोशिकाओं का उपयोग करते हुए कच्चे माल का जैव रूप से विशिष्ट उत्पादों में एंजाइमी इत्यादि में परिवर्तन होता है। एक स्टीयंड टेक रिएक्टर सामान्यतः बेलनाकार होते है या जिनके आधार घुमावदार होने से रिएक्टर के अंदर अंर्तवस्तु के मित्रण में सहायता मिलती है।

जीव के आनुवंशिक रूपांतर के मूलभूत चरण कौन-कौन से हैं?

उत्तर -जीव के आनुवंशिक रूपांतर में मूलभूत निम्न तीन चरण है:

(क) वांछित जीन युक्त डी. एन. ए. की पहचान

(ख) चिह्नित डी. एन. ए. का परपोषी में स्थानांतरण

(ग) स्थानांतरित डी. एन. ए. को परपोषी में सुरक्षित रखना तथा उसको संतति में स्थानांतरित करना।


8. एंडो-न्यूक्लिज प्रतिबंधन (Restriction Endonuclease) क्या है ? अथवा प्रतिबंधन इंडोयूक्लिएज क्या है ? आनुवंशिकी प्रौद्योगिकी में इसका क्या महत्व है ?

उत्तर ⇒ एंजाइम डी.एन.ए. के विशिष्ट पैली-ड्रोमिक न्यूक्लियोटाइड अनुक्रमों को पहचान कर उसे ऐसा काटते हैं कि डी. एन. ए. के दोनों सिरो पर एक लड़ीय भाग रह जाता है। इसे चिपचिपा सिरा कहते है। यह एंजाइम आनुवंशिक इंजीनियरिंग में डी. एन. ए. के पुनर्योगज अणु बनाने में आवश्यक है।


9. अर्द्ध-विभाजन (Melosis) से आप क्या समझते हैं?

उत्तर ⇒ अर्द्धसूत्री कोशविभाजन में द्विगुणित मातृकोशा का विभाजन होकर पहले दो फिर चार पुत्री कोशिकाएँ बनाती है। हर पुत्री कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या द्विगुणित मातृ कोशा की संख्या की आधी होती है अर्थात् अगुणित ।


10. न्यूक्लियोसाइड एवं न्यूक्लियोटाइड में क्या अंतर है?

उत्तर ⇒ न्यूक्लियोसाइड एवं न्यूक्लियोटाइड के बीच निम्न अंतर है।

न्यक्लियोसाइडन्यूक्लियोटाइड
1. यह नाइट्रोजनी युक्त झार तथा शर्करा के संयोग से बनता है।

2. इनका स्वभाव झारीय होता है। 

3. यह न्यूक्लियोटाइड का घटक है ।

1. यह नाइट्रोजनी युक्त झार, शर्करा तथा फॉस्फेट के संयोग से बनता है।

2. इनका स्वभाव अम्लीय होता है।

3. यह न्यूक्लिक अम्ल तथा ऊर्जा है।


11. औषधि (दवा) के क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी के दो उपयोग बताइए ।

उत्तर ⇒ औषधि (दवा) के क्षेत्र मे जैवप्रौद्योगिकी का दो उपयोग निम्नलिखित हैं-

 (a) प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) के निर्माण में

(b) टीका (वैक्सिन) के निर्माण में।

Class 12th Biology Question Answer


Class 12th Biology – Objective 
1जीवधारियों में जननClick Here
2पुष्पी पादपों में लैंगिक प्रजननClick Here
3मानव प्रजननClick Here
4जनन स्वास्थ्यClick Here
5वंशागति और विभिन्नता के सिद्धांतClick Here
6वंशागति का आणविक आधारClick Here
7विकासClick Here
8मानव स्वास्थ्य एवं रोगClick Here
9खाद उत्पादन बढ़ाने के लिए उपायClick Here
10मानव कल्याण में सूक्ष्मजीवClick Here
11जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धांत एवं प्रक्रिया हैClick Here
12जैव प्रौद्योगिकी एवं इसके अनुप्रयोगClick Here
13जीव एवं समष्टियाClick Here
14परिस्थितिक तंत्रClick Here
15जैव विविधता एवं संरक्षणClick Here
16पर्यावरण मुद्देClick Here
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