12th Ka Biology Question Answer In Hindi :- दोस्तों यदि आप Class 12th Biology Subjective Question की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको 12th Biology Chapter 16 (पर्यावरण मुद्दे ) Subjective Question दिया गया है जो आपके Biology 12th Important Question Answer के लिए काफी महत्वपूर्ण है |
12th Ka Biology Question Answer In Hindi
1.ध्वनि प्रदूषण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ ध्वनि प्रदूषण 100 dB से अधिक तीव्रता वाली ध्वनि ब-ड़े कारण ज्ञानेंद्रियाँ सहित मानव शरीर के अन्य भागों पर पड़ने वाले कुप्रभावो को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
दुष्परिणाम तथा प्रभाव — कर्णपटल के क्षतिग्रस्त होने के कारण सुनने में बाधा दूसरे व्यक्ति से बात करने में बाधा। तनाव, नेत्रदोष, सरदर्द, अनिद्रा आदि रोगों का उत्पन्न होना
2.मनुष्य पर विकिरण प्रदूषण का प्रभाव क्या है ?
उत्तर ⇒ विकिरणों का दुष्प्रभाव — विकिरण सभी जीवधारियों के लिए हानिकारक होते हैं। ये कोशिकाओं को क्षति पहुँचाते हैं। अधिक सान्द्रता में ये अत्यधिक प्रभाव उत्पन्न करते हैं। अनेक रेडियोएक्टिव पदार्थ खाद्य श्रृंखला द्वारा मनुष्य में पहुँच जाते हैं तथा ये पौधों द्वारा अवशोषित होकर खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करते हैं।
(i) आयोडीन 131 थाइरॉड ग्रंथि को विशेषकर बच्चों में क्षति पहुँचाते हैं। यह WBCs अस्थिमज्जा, प्लीहा, लिम्फनोड को क्षति पहुँचता है और कैन्सर, बंध्यता व दृष्टि दोष उत्पन्न करता है।
(ii) स्ट्राशियम 90 डेयरी उत्पादों में वनस्पति द्वारा तथा इसके पशुओं द्वारा प्रयोग से शरीर में सन्दूषित आहार माँस, उत्पादों के उपभोग से पहुँच जाता है। यह माँ के दुग्ध में केन्द्रित दुग्ध, डेयरी हो जाता है जो शिशु में चला जाता है। मनुष्य में अस्थियों में केन्द्रित हो जाता है। यह अस्थि कैन्सर ऊतक अपघटन उत्पन्न करता है।
(iii) सीजियम 137_तन्त्रिकीय, पेशीय तथा आनुवंशिक परिवर्तन उत्पन्न करता है।
(iv) यूरेनियम त्वचा कैन्सर एवं ट्यूमर उत्पन्न करता है।
(v) रेशान 222 ल्यूकेमिया मस्तिष्क ट्यूमर एवं युवक कैन्सर उत्पन्न करता है।
(vi) की विस्ट ओजोन स्तर को भी क्षति पहुंचाता है।
3.अंटाकर्टिका के ऊपर ओजोन छिद्र क्यों बनते हैं ? पराबैंगनी विकिरण के बढ़ने से हमारे ऊपर किस प्रकार प्रभाव पड़ेंगे ?
उत्तर ⇒ अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र इसलिए बनते हैं क्योकि यह दक्षिणी गोलार्द्ध का अंतिम सिरा है और यहाँ पर ओजोन की परत पतली है। समताप मंडल में क्लोरोफ्लोरोकार्बनों के जुड़ते रहने के कारण उनका ओजोन स्तर पर स्थायी और सतत् प्रभाव पड़ता है। यद्यपि समतापमंडल में ओजोन का अवक्षय विस्तृत रूप से होता रहता है लेकिन यह अवक्षय अंटार्कटिका क्षेत्र में विशेष रूप से अधिक होता है। इसके फलस्वरूप यहाँ काफी बड़े क्षेत्र में ओजोन की परत काफी पतली हो गई है जिसे सामान्यतः ओजोन छिद्र कहा जाता है।
परागनी विकिरण के बढ़ने से हमारे ऊपर प्रभाव- परावे विकिरणों के बढ़ने से डीएनए क्षतिग्रस्त हो जाता है और उत्परिवर्तन हो सकता है। इसके कारण त्वचा में बुढ़ापे के लक्षण दिखते हैं, इससे कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाती है और विविध प्रकार के रोग जैसे त्वचा कैंसर हो सकते हैं। हमारे आँख का स्वच्छमंडल (कॉर्निया) यूवी विकिरण का अवशोषण करता है। इसकी उच्च मात्रा के कारण कॉर्निया का शोध हो जाता है। जिसे हम अंधता (स्नो-माइंडनेश, मोतियाबिंद आदि कहते हैं।
4.ग्रीन हाउस गैसों के बारे में चर्चा करें।
उत्तर ⇒ ग्रीन हाउस गैसें कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन, जलवाष्प, नाइट्रस ऑक्साइड और क्लोरोफ्लोरो कार्बन आदि ग्रीन हाउस गैसे हैं। ग्रीन हाउस गैसें पृथ्वी से दीर्घ तरंग (अवरक्त) विकिरण अवशोषित करती हैं और पुनः पृथ्वी की ओर उत्सर्जित करती हैं। यह चक्र तब तक चलता रहता है जब तक पृथ्वी की सतह पर उत्सर्जित करने हेतु दीर्घ तरंग विकिरण शेष नहीं रह जाता।
5.वायु प्रदूषण के स्थिर तथा विचरणकारी स्रोतों से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ मानव द्वारा उत्पन्न किए गए वायु प्रदूषक दो प्रकार के स्रोतों सेयुमंडल में प्रवेश करते हैं
(क) अचल स्रोत— बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों, विद्युत शक्ति संयंत्र प्रगालक तथा अलग प्रकार के लघु उद्योग ।
(ख) चल या सक्रिय स्रोत—— यातायात वाहन रेल या हवाई जहाज आदि सक्रिय स्रोतों में शामिल हैं।
6.प्रकाश रासायनिक धूम कुहरा क्या है ? धूम कुहरा किस प्रकार जैविक सृष्टि को प्रभावित करता है ?
उत्तर ⇒ प्रकाश रासायनिक धूम कुहरा द्वितीयक प्रदूषक का सबसे अच्छा उदाहरण है। जहाँ अधिक यातायात रहता है वहाँ गर्म परिस्थितियाँ तथा तेज सूर्य विकिरण से इसका निर्माण होता है। प्रकाश रासायनिक धूम कुहरा मुख्यतया ओजोन Og, NO2 तथा पैरोक्सिएसिटाइल नाइट्रेट PAN से बनता है।
जैविक सृष्टि पर प्रभाव- धूम कोहरा ओजोन, पादप तथा जंतु दोनों को नुकसान पहुँचाता है। पौधों में मुख्यतः पत्तों को तथा मनुष्य में फेफड़े की बीमारी उत्पन्न करता है।
पुरानी इमारत तथा संगमरमर की मूर्तियों को नुकसान पहुँचाता है। PAN पौधों की कई प्रजातियों के क्लोरोप्लास्ट को विनष्ट कर प्रकाश संश्लेषण क्षमता तथा पौधे के विकास को कम करता है। इलेक्ट्रॉन यातायात प्रणाली को बाधित कर एंजाइम प्रणाली को भी बाधित करता है। जिसका उपापचय में महत्त्वपूर्ण स्थान है। मानव आँख PAN के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती हैं।
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7.ओजोन परत का क्या तात्पर्य है ? CFCs तथा ओजोन अवक्षय करने वाले पदार्थ किस तरह ओजोन परत को प्रभावित करते हैं ?
उत्तर ⇒ समुद्र तल से 20-26 किमी ऊपर समतापमंडल में (03) की एक मोटी परत लगभग 0.29 सेमी से 0.40 सेमी पाई जाती है। यह परत सूर्य से आनेवाली पराबैंगनी किरणों के हानिकारक प्रभाव से पृथ्वी के जीव जगत को बचाती हैं।
CFCs, N2O तथा CH4 ओजोन अवक्षय करने वाले पदार्थों का वायुमंडल में बिखरना O3 को नष्ट करता है। ये क्रियाशील क्लोरीन का निर्माण 4U विकिरण के साथ करते हैं जो O3 का क्षय करता है। ये O3, का विच्छेदन, 0 तथा O2 में कर देते हैं। CH4 तथा N2O भी जटिल क्रियाओं द्वारा ओजोन क्षय करते हैं।
8.अंटार्कटिका ओजोन छिद्र के घटने का क्या पर्यावरणीय प्रभाव है ? अथवा, ओजोन छिद्र से आपका क्या अभिप्राय है ? ओजोन क्षय का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर ⇒ वसंत ऋतु में समतापमंडल के ओजोन परत का पतला होना अंटार्कटिका ओजोन छिद्र की घटना है। मानव निर्मित रसायन जैसे CFCs तथा दूसरी गैसें जैसे CH4, CO2 तथा N2O आदि ओजोन क्षय के लिए महत्त्वपूर्ण गैसें है।
इन ग्रीन हाउस गैसों की सांद्रता बढ़ने से हरित गृह प्रभाव भी बढ़ता है। इससे भूमंडलीय ताप में वृद्धि होता है। समुद्र तल ऊपर उठता है तथा वर्षा में भी अनियमितता आती है। पराबैंगनी B विकिरण भी अधिकता से पृथ्वी तक पहुँचती है जो मनुष्यों में त्वचा कैंसर, कैटारैक्ट उत्पन्न करती है।
पादप प्लवकों में प्रकाश-संश्लेषण दर कम होती है क्योंकि यह साफ खुले सागर के जल को छेद सकती है। फलस्वरूप पूरी जैव आहार श्रृंखला को प्रभावित करती है, जो पादप प्लवकों पर आश्रित रहते हैं।
9.अम्ल वर्षा क्या है ? इसका पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर ⇒ वृहत् रूप में अम्ल वर्षा उन अनेक तरीकों को कहा जाता है जिससे वायुमंडल से अम्ल धरती पर जमा होता है। अम्ल का जमाव आर्द्र या शुष्क हो सकता है।
आई जमाव — वर्षा, कुहरा या बर्फ के द्वारा अम्ल के जमाव को आई जमाव कहते हैं। शुष्क जमाव वायु द्वारा बहाकर लाए गए कणों तथा अम्लीय गैसों को शुष्क जमाव कहते हैं जो धरती की सतहों पर बैठ जाते हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2), उड़नशील कार्बनिक यौगिक (VOC) तथा (SO2) का उत्पादन कोयला (उद्योगों) तथा पेट्रोलियम (ऑटोमोबाइल) के जलने से होता है। ये गैसें हवा में अति प्रतिक्रियात्मक होती हैं। जल में घुलकर धरती पर अम्ल वर्षा के रूप में आ जाती हैं।
पौधों पर प्रभाव :
(i) पादपों की पत्तियों, फूलों तथा फलों को नुकसान पहुँचाता है।
(ii) कुल उत्पादन को कम करता है।
10.’मोनट्रीयल प्रोटोकाल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर ⇒ ‘मोनट्रीयल प्रोटोकाल’ अंतर्राष्ट्रीय सहमतियों की एक श्रृंखला है जो CFC तथा अन्य ओजोन ह्रास पदार्थ को कम करने तथा समाप्त करने पर कार्य कर रही है। 1987 से 27 औद्योगिक देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए। समतापमंडलीय ओजोन को बचाने के लिए यह एक ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय सहमति थी जिसने ओजोन ह्रास करने वाले पदार्थों के उत्पादन पर नियंत्रण और समंजन तथा विकासशील देशों को CFC के विकल्प के उपयोग में मदद करता था। अब तक 175 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं।
11.कणकीय पदार्थ क्या हैं ? यह किस प्रकार मनुष्य के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है ?
उत्तर ⇒ ऐसे ठोस कण या तरल बूँद (एरोसोल) जिनका व्यास 1um 10am तक होता है वे हवा में तैरते रहते हैं, जैसे— कालिख, धुआँ, भूल, एसबेस्टस तंतु, कीटनाशक Hg, Pb, Cu तथा Fe धातु तथा जैविक कारक
जैसे— सूक्ष्म धूल तथा पराग । तैरने वाले कणकीय पदार्थ निम्न वायुमंडल में मनुष्य के श्वसन तंत्र को उत्तेजित कर दमा, दीर्घकालिक श्वसनी शोध इत्यादि बीमारी उत्पन्न करते हैं ।
ऊपरी वायुमंडल में जमा हुआ कणकीय पदार्थ विकिरण तथा पाप बजट में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लाता है जिससे धरती की सतह का तापमान कम हो जाता है।
12.शोर क्या है ? मनुष्य पर शोर के प्रभाव की व्याख्या संक्षेप में करें ।
उत्तर ⇒ ध्वनि का वह स्तर जहाँ से शारीरिक परेशानी शुरू हो जाती है, शोर कहलाता है। या ध्वनि की सामान्य तीव्रता अर्थात् 10-12 Wm 2 से अधिक तीव्र ध्वनि शोर कहलाती है।
शोर के प्रभाव
(i) शोर दिल की धड़कन, पेरीफरल संवहन तथा श्वसन तरीकों पर गहरा प्रभाव डालता है।
(ii) लम्बे समय तक शोर वाले पर्यावरण में रहने पर गुस्सा, उत्तेजनशीलता, सिर दर्द, अनिद्रा आदि की बीमारी उत्पन्न हो जाती है ।
13.संकटग्रस्त जाति एवं विलुप्त जाति में उचित उदाहरण देकर विभेद करें ।
उत्तर ⇒ विलुप्त जाति विलुप्त जीव का अर्थ है किसी जीवजन्तु का पृथ्वी पर से पूर्ण अस्तित्व समाप्त होना, वह प्राकृतिक या अप्राकृतिक कारणों से हो सकता है।
उदाहरण- डोडो, यात्री कबूतर आदि । संकटग्रस्त जातियाँ—वे जातियाँ जिनका पृथ्वी पर अस्तित्व मनुष्य की क्रियाकलापों द्वारा खतरे में है अर्थात् उनका रहना अनिश्चित हो गया है। जैसे-जंगली सूअर, भेड़िया आदि। ।
14.वैश्विक उष्णता में विभिन्न ग्रीन हाउस गैसों के सापेक्षिक योगदान का उल्लेख करें
उत्तर ⇒ कार्बन डाई ऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रेट्स, ओजोन, हाइड्रोफ्लोरो कार्बन, जलवाष्प, फ्लोरोकार्बन आदि गैसें मिलकर हरित गृह गैस बनाती हैं। इनका प्रभाव जीवमंडल के तापक्रम में वृद्धि करना है। इस ताप वृद्धि के कारण हिमनद पिघल रहा है तथा समुद्र के जल स्तर में निरन्तर वृद्धि हो रही है। ग्रीन हाउस के कारण वायुमंडलीय परिवर्तन के साथ-साथ कई पौधों और वन्यजीवों तथा मनुष्यों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है।
15.संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) डीजल से बेहतर क्यों है?
उत्तर ⇒ दिल्ली जैसे महानगरों में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है वाहनों में सीसा युक्त डीजल या पेट्रोल का प्रयोग किया जाना है, जिससे विषैले गैसों का उत्सर्जन होता है। वर्ष 2002 में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से दिल्ली के सरकारी बसों में डीजल के स्थान पर संपीडित प्राकृतिक गैस का प्रयोग किया जा रहा है। सीएनजी डीजल से बेहतर है क्योंकि
(a) यह डीजल की अपेक्षा तरह से जलता है।
(b) यह सस्ता है।
(c) चोर इसकी चोरी नहीं कर सकता और
(d) इसे पेट्रोल या डीजल की तरह अपमिश्रित नहीं किया जा सकता।
Class 12th Biology Chapter Wise Question 2024
16.जैव आवर्धन (Biomagnification) क्या है ? जलीय खाद्य श्रृंखला में DDT का जैव आवर्धन दर्शाइए।
उत्तर ⇒ जैव आवर्धन का तात्पर्य है क्रमिक पोषण स्तरों पर जीवों में विषैले पदार्थों की सांद्रता में वृद्धि होना। जब जीवों द्वारा पोषण से प्राप्त विषैले पदार्थ उपापचयित या उत्सर्जित नहीं होता है तो वह अगले उच्चतर पोषण स्तर पर पहुँच जाता है। इसे जलीय खाद्य श्रृंखला में डी डी टी के जैव आर्वधन द्वारा दर्शाया जा सकता है। जल में डी डी टी की सांद्रता 0.003 पी.पी.बी. होती है जबकि प्राणिप्लवकों में इसकी सान्द्रता 0.004 पी.पी.एम., छोटी मछलियों में 0.05 पी.पी.एम., बड़ी मछलियों में 2 पी.पी.एम. तथा मत्स्यभक्षी पक्षियों में बढ़कर 25 पी.पी.एम. हो जाता है।
जल → प्राणि → छोटी → बड़ी → मत्स्यभक्षी
प्लवक मछलियाँ मछलियाँ पक्षी
(0.003 (0.004 (0.05 (2.0 (25
पीपीबी) पीपीएम) पीपीएम) पीपीएम) पीपीएम)
17.भोपाल गैस त्रासदी के बारे में क्या जानते हैं ?
उत्तर ⇒ 3 दिसम्बर, 1984 को मिथाइल आइसोसायनेट से संबंधित कीटनाशी बनाने वाली कंपनी युनियन कार्बाइड में जहरीली गैस के रिसाव के कारण रातों-रात दो हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई। हजारों लोग असाध्य रोगों का शिकार हो गए एवं सैकड़ों लोगों की आँखे चली गई। इस बड़ी त्रासदी को जो भोपाल में घटित हुआ, भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है।
18.कार्बनिक खेती से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ वैसे पौधे की खेती जो Leguminacae कुल के अंतर्गत आते हैं तथा Sysiblotic नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भाग लेते हैं, उसे कार्बनिक खेती कहते हैं।
19. कुल आबादी का रूप क्या-क्या है ? संक्षेप में लिखें।
उत्तर ⇒ ये रूप है (i) प्रसारशील समष्टि (ii) ह्रासमान समष्टि एवं (iii) स्थिर या परिपक्व समष्टि
20.भारत के सुरक्षित क्षेत्र कौन है ?
उत्तर ⇒ भारत में सुरक्षित क्षेत्र-भू या समुद्र का वह भाग जो जैव विविधता एवं प्राकृतिक एवं संबंधित सांस्कृतिक रिसोर्स को सुरक्षा प्रदान करने एवं बनाए रखने के लिए समर्पित हो, सुरक्षित क्षेत्र कहलाता है। भारत में इस समय 581 सुरक्षित क्षेत्र है जिसमें 89 राष्ट्रीय पार्क एवं 492 वन्यजीव सैचुअरी शामिल है।
Important Questions 2024 for Class 12 Biology
21.कुछ वन्य जीवों के विलुप्तता के दो कारण बताइए।
उत्तर ⇒ कुछ वन्य जीवों के विलुप्तता के दो कारण है— (a) वनों की कटाई, (b) अवैध शिकार।
22.संकटग्रस्त स्पीशीज को कम से कम एक-एक संकटग्रस्त पौधे एवं संकटग्रस्त जन्तु के उदाहरण ( नाम के साथ) सोदाहरण परिभाषित करें ।
उत्तर ⇒ वे वन्य जीव-जाति जो निकट भविष्य में विलुप्त होने के कगार पर पहुँच चुका हो, संकटग्रस्त जाति कहलाती है। जैसे-लाल पंडा (जंतु) एवं पिपर बरबेरी ।
23.आबादी पर पड़नेवाले जलवायु संबंधी कारकों का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ तापमान पारिस्थितिक रूप से सबसे ज्यादा प्रासंगिक पर्यावरणीय कारक है। पृथ्वी पर औसत तापमान ऋतु के अनुसार बदलता रहता है। भूमध्यरेखा से ध्रुवों की ओर मैदान से पर्वत शिखरों की ओर उतरोत्तर घटता रहता है। ऊँचाई वाले क्षेत्रों में तापमान अब शुन्य से लेकर ग्रीष्म में उष्ण कटिबंधिय मरुस्थलों में 50°C से अधिक पहुँच जाता है। आम के पेड़ कनाडा और जर्मनी जैसे शीतोष्ण देशों में नहीं होते हैं और न ही हो सकते हैं। हिम चीते केरल के जंगलों में नहीं मिलते और ट्यूना मछली महासागर में शीतोष्ण अक्षांशों से आगे कभी-कभार ही पकड़ी जाती है। तापमान एन्जाइमों की बलगति को प्रभावित करता है और इसके द्वारा आधारी उपापचय, जीव के अन्य कायिकीय प्रकार्यों तथा उसकी गतिविधियों को प्रभावित करता है। कुछ जीव तामपानों की व्यापक चरम बिन्दु (100°C से भी अधिक) को सहन कर सकते हैं।
24.ग्लोबल वार्मिंग क्या है ? उसके मुक्ति के उपायों का वर्णन करें।
उत्तर ⇒ CO2, (60% effect), मिथेन (20% effect), क्लोरोफ्लोरो कार्बन (14% effect), नाइट्स ऑक्साइड (6% effect) गैसों की बढ़ती मात्रा से वायुमण्डल एवं पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है। इसके चलते विचित्र जलवायु परिवर्तन, जैसे—एल नीनो प्रभाव (EI Nino effect) होते हैं। पृथ्वी के तापमान में होनेवाली वृद्धि को जब विश्व स्तर पर विचार किया जाता है तो इसे भूमण्डलीय तापन या ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं।
वैश्विक उष्णता वृद्धि को नियंत्रित करने वाले उपाय :
(i) जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को कम करके,
(ii) ऊर्जा दक्षता में सुधार करके,
(iii) वनोन्मूलन को कम करके,
(iv) वृक्षारोपण और मनुष्य की बढ़ती हुई जनसंख्या को कम करके।
25.’हरितगृह प्रभाव’ पर टिप्पणी लिखें। अथवा, ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है ? यह किस प्रकार से भूमंडलीय ऊष्मीकरण के लिए उत्तरदायी है ?
उत्तर ⇒ हरितघर प्रभाव प्राकृतिक स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड की एक निश्चित मात्रा (0.03%) वायुमंडल में रहती है जिसके स्तर को बनाए रखने में पौधों की अहम भूमिका होती है क्योंकि पौधे ही सिर्फ ऐसे जीव हैं जो प्रकाशसंश्लेषण द्वारा CO2, को ग्रहण कर ऑक्सीजन गैस को मुक्त करते है जिससे इन दोनों गैसों के बीच एक निश्चित अनुपात बना रहता है। जीवाश्म ईंधनों (लकड़ी, कोयला, पेट्रोल, डीजल आदि) के जलने से एवं जंगलों के लगातार कटने से CO2, गैस की मात्रा वायु में बढ़ती जाती है। CO2, गैस में सूर्य की इनफ्रारेड किरणों को सोखने की क्षमता रहती है जिससे पृथ्वी का तापक्रम नियंत्रित रहता है। वायुमंडल में उपलब्ध CO2, कवच के कारण पृथ्वी को जो ऊष्मा प्राप्त होती है, उसे हरितघर प्रभाव या प्रीनहाउस इफेक्ट कहते हैं। CO2, गैस वस्तुतः ग्रीनहाउस की तरह कार्य करता है। यह प्रीनहाउस के शीशे की तरह सूर्य प्रकाश को अंदर (वायुमंडल में) आने देती है, परंतु उसके द्वारा अवशोषित ऊष्मा को बाहर जाने नहीं देता है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है।
26.निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें
(i) हाइड्रोकार्बन (ii) धुआँ
उत्तर ⇒ (i) हाइड्रोकार्बन – हाइड्रोकार्बन कार्बनिक यौगिक होते है जो हाइड्रोजन और कार्बन के परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं। इनका मुख्य स्त्रोत भूतैल है। प्राकृतिक गैस में भी केवल हाइड्रोकार्बन पाए जाते हैं। हाइड्रोकार्बन संतृप्त तथा असंतृप्त दो प्रकार के होते हैं।
(Ii) धुआँ- धुआँ (smoke) एक कोलायड है जो वहा में उपस्थित ठोस, द्रव एवं गैसों के कणों से बना होता है। धुआँ तब निकलता है जब कोई पदार्थ जलता है या उसका पाइरोलिसिस (Pyrolysis) किया जाता है।
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